इन्दौर-दिनांक
03 जनवरी 2018-इंदौर शहर में अपराधो पर नियंत्रण हेतु
बदमाशो पर प्रभावी कार्यवाही हेतु उप पुलिस महानिरीक्षक इंदौर शहर श्री
हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा निर्देश दिये गये है, जिसके तारतम्य
में पुलिस अधीक्षक पूर्व अवधेश गोस्वामी व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोन-3
इंदौर श्री सम्पत उपाध्याय के मार्गदर्शन में, नगर पुलिस
अधीक्षक आजाद नगर सुश्री पारुल बेलापुरकर पुलिस के नेतृत्वमें पुलिस थाना तेजाजी
नगर द्वारा दिनांक 01.01.18 को
तेजाजी नगर बायपास रोङ के पासएक सिंधी महिला दुर्गा बाई की हत्या कर सोने की
ज्वेलरी लूट कर लाश को टाट के बोरे में क्रुरतापुर्वक भरकर फेकने वाले आऱोपीगण को
पकङने में सफलता प्राप्त हुई।
पुलिस
थाना तेजाजी नगर क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 01.01.18 को दोपहर में
तेजाजी नगर बायपास रोङ के पास इंदौर पर एक सिंधी महिला दुर्गा बाई की हत्या उसकी
लाश को टाट के बोरे में भरकर खेत के पास फेकने वाले आरोपियों की धरपकड़ हेतु,
थाना
तेजाजी नगर की टीम द्वारा विवेचना के दौरान, उक्त घटना को
अंजाम देने वाले, चार आरोपियों 1.राखी पति प्रकाश
उर्फ विक्की सलुजा, 2.बाबू उर्फ योगेश गावडे पिता मनोहर गावङे,
3
मांगीलाल पिता महेश खालोटिया, 4 भारती उर्फ लाजो उर्फ लाजवंती पति
रमेश होतवानी, को आज दिनांक 03.01.18 को गिरफ्तार
किया गया है।
पुलिस
द्वारा पकड़े गये आरोपियों से पूछताछ करने पर आरोपीगणों द्वारा बताया गया कि हमें
रुपयों की आवश्यक्ता थी, दुर्गा बाई को हम लोग जानते थे वह
हमेशा सोने के ज्वेलरी पहन रखती थी। घटना के करीबन 20-25 दिन पहले हम
सभी राखी सलूजा ,बाबू उर्फ योगेशगावडे, मांगीलाल
खालोटिया, भारती उर्फ लाजो उर्फ लाजवंती तथा चन्दर उर्फ चन्दन चौहान, हम
पांचो ने साजिश रची कि दुर्गा बाई को खाना बनाने के बहाने राखी के घर लायेगे और
उसको बेहोशी की दवाई खिलाकर उसकी हत्या करके ज्वेलरी निकाल लेंगे और उसकी लाश को
ठिकान लगा देंगे और किसी को पता भी नही चलेगा तथा सोने की ज्वेलरी हम सभी आपस में
बराबर बांट लेंगे।
फिर
घटना दिनांक 30.12.17 को दुर्गा बाई की हत्या करने के लिये साजिश के
मुताबिक दिनांक 29.12.17 को शाम को राखी के द्वारा दुर्गा बाई को अपने
मोबाईल से फोन कर दिनांक 30.12.17 को सुबह अपने घर अन्नपूर्णा नगर पर
खाना बनाने के लिये बुलाया गया। दिनांक 30.12.17 को प्लान के
मुताबिक राखी सलुजा और भारती उर्फ लाजवंती बाई दोनो सिंधी कालोनी पहुंचे जंहा पर
भारती उर्फ लाजवंती ने प्लान के मुताबिक राखी को वंही छोङा और स्वय सुरभी स्विट्स
अन्नपूर्णा रोङ पर चली गयी बाद में राखी के द्वारा दुर्गा बाई को सिंधी कालोनी निर्मल
लांड्री के पास से अपने साथ एक आटो में बैठाकर अपने घर ले गयी, जाते
समय नाश्ता लेने के बहाने सुरभी स्विट्स अन्नपूर्णा रोङ पर गयी जंहा पर भारती
उर्फ लाजवंतीपहले से खङी थी। चूंकी मृतिका दुर्गा बाई, भारती उर्फ
लाजवंती को पहले से जानती थी तो उसने कहा की तुझसे काम है साथ चल तो भारती उर्फ
लाजवंती बाई इनके साथ आटो में बैठ गयी। राखी और लाजवंती उर्फ भारती ने दुर्गा बाई
को यह एहसास नही होने दिया कि राखी और भारती उर्फ लाजवंती बाई दोनो एक-दूसरे को जानते है। फिर ये तीनो राखी के घर 183
अन्नपूर्णा नगर गये जंहा पर राखी एंव भारती उर्फ लाजवंती द्वारा बेहोशी की गोलिया
पहले से पीसकर रखी थी, जिन्हे नाश्ते में चटनी में मिलाकर मृतिका
दुर्गा बाई को खिलायी, जिससे दुर्गा बाई कुछ ही देर में बेहोश हो गयी,
फिर
राखी ने अपने साथी चन्दन चौहान, बाबू उर्फ योगेश गावङे और मांगीलाल
खालोटिया को फोन करके बुलाया तो वे आटो क्रं एमपी-09/आर-3853 से राखी के घर टाट का बोरा और रस्सी लेकर
पहुंचे, और बोला कि मांगीलाल अपने सेठ के साथ बाहर गया है उसने आटो दे दिया
है और बोला कि तुम घटना को अंजाम दो मैं शाम तक आता हूं फिर लाश को ठिकाने लगा
देंगे। फिर कमरे में बेहोश दुर्गा बाई के गले में रस्सी का फंदा बनाकर बाबु उर्फ
योगेश ने बांधा और खिंचने लगा और चन्दन उर्फ चन्दरने तकिया लेकर दुर्गा बाई के
मुंह पर दबाया, राखी ने रस्सी खिंचकर पकङ रखी थी और लाजो उर्फ
लाजवंती उर्फ भारती घर के हाल में बैठकर
देख रही थी की कोई आ रहा है या नही। चारो आरोपीगण नें दुर्गा बाई की हत्या करने के
बाद उसके शरीर पर से साने की चेन, कान
के टाप्स, चूङी व अन्य सभी ज्वेलरी निकाल ली, फिर दुर्गा बाई
की लाश को एक टाट बोरे में भरा और करीबन 2.30 से 03.00
बजे सभी ने मिलकर उसे चन्दन व बाबू द्वारा लाये मांगीलाल के आटो नं. एमपी-09/आर-3853 में रखा, आटो बाबू ने
चलाया राखी और भारती उर्फ लाजवंती बोरे में दुर्गा बाई की लाश लेकर आटो में बेठे व
चन्दन उसकी मोटर सायकिल से आगे आगे चल रहा था। सभी दुर्गा बाई के शव को ठिकान
लगाने के लिये इधर उधर घूमते रहे, फिर आरोपीगण ने शाम 06.30
बजे, तेजाजी नगर बायपास से राऊ तरफ जा रहे थे कि ट्रुबा कालेज के पहले एक
जगह रोङ कट दिखा सभी आरोपीगण वंहा पर आटो लेकर गये और थोङा अंदर जाकर दुर्गा बाई
की लाश से भरा टाट का बोरा फेंका और उपर से राखी के घर से लाई एक सफेद नीले रंग की
चादर से उस थेले को ढक दिया था और भाग गये। मृतिका दुर्गा बाई कीहत्या कर जो सोने
की ज्वेलरी निकाली थी वह सभी आरोपीगण ने आपस में बांट लिया।
पुलिस
द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए अनुसंधान किया गया आरोपीगण की पतारसी हेतु थाना
प्रभारी तेजाजी नगर के नेतृत्व में टीम द्वारा कार्यवाही करते आज दिनांक 03.01.18 को
उक्त चारो आरोपीगण को महू नाके के आगे वैष्णव स्कुल के पास से पकङने में सफलता
प्राप्त की है। पुलिस द्वारा उक्त चोरो आरोपीगण से सोने की ज्वेलरी के संबंध में
पूछताछ की जा रही है एवं फरार आरोपी चन्दन उर्फ चन्दर पिता सोहनलाल चौहान नि.
बालदा कालोनी महू नाका की तलाश की जा रही है।
उक्त
कार्यवाही में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी तेजाजी नगर श्री
गिरीश कवरेती व उनकी टीम के उनि राजेश डावर ,सउनि दिनेश
कुमार, प्र. आर.2763 संजय देसला आर. 3167 विजेन्द्रसिंह
चौहान , आर.63 यशवंतसिंह भाटी, आर. अजय सिकरवार
762, आर. 3670
गौरव,
आर.
2229 मनोहर , आर. 348 नितिन, संतोष
मेणा, आर. विरसिंह की सराहनीय भूमिका रही।
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