इन्दौर - दिनांक 10 अगस्त 2013- दिनांक 28.07.2013 को 19:15 बजे एमव्हायएच इन्दौर द्वारा थाना खजराना को सूचित किया गया कि करण पिता बालाराम उम्र 30 वर्ष निवासी गणगोर नगर इन्दौर को बेहोद्गाी की हालत में 108 वाहन द्वारा भर्ती कराया गया है । उक्त सूचना पर थाना खजराना से जांचकर्ता अधिकारी जब एमव्हायएच पहुंचे तो घायल व्यक्ति कथन देने की स्थिति में नहीं था व डॉक्टर द्वारा जो एमएलसी की गई, उसमें कोई बाहरी चोट का नहीं होना बताया गया।
दिनांक 04.08.2013 को उक्त व्यक्ति की ईलाज के दौरान मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर थाना खजराना में मर्ग कायम किया गया और मृतक के शव का पीएम कराया गया, पीएम रिपोर्ट में सिर में आई गंभीर चोट से मृत्यु होना बताया गया है, जिस पर थाना खजराना में हत्या का प्रकरण अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया ।
प्रकरण के अज्ञात आरोपियों की पतासाजी के लिये पुलिस अधीक्षक, इन्दौर (पूर्व) श्री ओ.पी. त्रिपाठी के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (पूर्व) श्री आबिद खान, नगर पुलिस अधीक्षक, विजयनगर श्रीके.के. शर्मा द्वारा थाना प्रभारी, खजराना श्री सी.बी. सिंह एवं उनके स्टाफ के साथ मामले की विवेचना प्रारम्भ की गई ।
उपरोक्त पुलिस टीम के द्वारा मृतक करण के भाई संतोष व भाभी सुनीता निवासी गणगोर नगर इन्दौर से पूछताछ की गई, जिससे पता चला कि मृतक वर्तमान में पिछले लगभग आठ माह से गणगोर नगर में किराये पर रहता था तथा टी-चोईथराम फ्रूट व सब्जी मण्डी में हम्माली करता था, परन्तु उससे पूर्व मृतक 140 धीरजनगर इन्दौर में शोभाबाई के मकान में किराये पर रहा था तथा शोभाबाई से मृतक का विवाद होने पर मृतक के न चाहने पर भी मकान खाली कराया गया था । उक्त जानकारी मिलने पर पुलिस का ध्यान धीरजनगर व आसपास के रहवासियों में मृतक के दोस्त व दुद्गमन होने की संभावना पर जाने से पुलिस टीम के द्वारा इसी इलाके पर ध्यान केन्द्रित कर विवेचना की गई व शोभाबाई से भी काफी बारीकी से कई बार की गई पूछताछ में भी घटना का सुराग नहीं मिला । उसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि दिनांक 28.07.2013 को दोपहर मृतक करण को सचिन पिता उमराव सिंह बलाई उम्र 26 वर्ष, निवासी आशानगर खजराना व कुखयात गुण्डा राहुल पिता धर्मराज निवासी आशानगर इन्दौर द्वारा मोटरसायकल पर बेहोशी की हालत में अपने घर से ले जाकर एमआर 09 के पास खाली पड़ी आई.डी.ए. की जमीन में फेंका गया था ।
उक्त सूचना मिलने पर गोपनीय तौर से सचिन एवं राहुल की गतिविधियों की जानकारी निकाली गई, तो दोनों के दिनांक 28.07.2013 से ही अपने-अपने निवास से फरार होने की जानकारी मिली, जिससे उनके ऊपर घटना में संदेह पैदा होने पर पृथक-पृथक टीम का गठन कर आरोपियों की तलाद्गा उनके मिलने वाले सभी संभावित स्थानों पर दबिद्गा दी गई एवं लगातार प्रयास के बाद दोनों आरोपी सचिन व राहुल को पकड़ लिया गया । दोनों आरोपियों ने पहले तो पुलिस को गुमराह किया, लेकिन कड़ी पूछताछ में दोनों आरोपियों ने मृतक करण की हत्या करना स्वीकार कर लिया है व हत्या करने के बाद पुलिस के डर से राहुल के साथ इलाहाबाद भाग जाना बताया । आरोपियों के बताये अनुसार दिनांक 28.07.2013 को रविवार होने से सुबह मृतक करण को स्वयं सचिन ने अपने घर बुलाकर दोस्त राहुल के साथ शराब पार्टी की थी, पार्टी के दौरान सचिन व राहुल का मृतक करण से पैसों की लेन-देन को लेकर विवाद होने पर दोनों ने बेैसवाल के बल्लेसे करण के साथ मारपीट की थी, जिससे उसके पीठ व सिर में चोट लग जाने पर उल्टी होने से कपड़े खराब होने पर व मृतक को बेहोशी आने पर मृतक के कपड़े उतारकर सचिन के कपड़े पहनाकर पुलिस के डर से राहुल की मोटरसायकल से एम आर 09 के पास आई.डी.ए. की खाली जमीन पर फेंक देना बताया गया । आरोपियों से मृतक के कपड़े, बैसवाल का बल्ला व मोटरसायकल भी बरामद हो चुकी है । आरोपी राहुल के विरूद्ध पूर्व में धारा 302, 307 एवं 326 के अपराध पंजीबद्ध हैं एवं आरोपी सचिन के विरूद्ध पूर्व में मारपीट संबंधी अपराध पंजीबद्ध है । इस अन्धे कत्ल के पर्दाफाश करने में खजराना थाना प्रभारी, श्री सी.बी. सिंह, उप निरीक्षक एस.के. त्रिपाठी, परि.उप निरीक्षक अभिषेक चौबे, सहायक उप निरीक्षक आर.के. शर्मा, प्रआरक्षक राकेश चौहान, प्र आरक्षक मंगल सिंह, आरक्षक नरेन्द्र, आरक्षक प्रदीप, आरक्षक नितिन, आरक्षक महेश एवं आरक्षक सुरेश ने बहुत ही सराहनीय योगदान दिया है । इन अधिकारियों/कर्मचारियों को पुलिस अधीक्षक द्वारा पृरूस्कृत किया जा रहा है।