इन्दौर-दिनांक 22 जुलाई 2015-जिला लोक अभियोजक अधिकारी इन्दौर श्री बी.जे. शर्मा ने बताया कि माननीय अपर मुखय न्यायिक मजिस्टे्रट महोदय श्री जितेन्द्र सिंह कुद्गावाह द्वारा प्रकरण क्रं 2396/02 में निर्णय पारित करते हुए, आरोपी रमेश पिता केदारमल अग्रवाल निवासी 2289 सुदामा नगर इन्दौर को धारा 420 (10 काउंट) भादवि में दोषी पाते हुए एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं 20-20 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है तथा कुल 2 लाखरूपयें का जुर्माना लगाया गया है।
माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण के साक्ष्यों के आधार पर यह भी मान कि आरोपी रमेश ने लोगों से पैसे लेकर उन्हे प्लाट न देकर उन लोगों के साथ छल किया है और प्रतिकर के रूप में 1. केदारनाथ शर्मा को राशि 20 हजार, 2. धर्मेन्द्र जोशी को 17 हजार 500 रू, 3. सुनिल कुमार को 10 हजार, 4. माधोसिंह को 10 हजार रू., 5. राजेन्द्र कुमार को 18 हजार रू., 6. उषा गायकवाड़ को 20 हजार रू. तथा श्यामसुंदर के प्रतिनिधि को राशि 20 हजार रू. दिये जाने बाबत आदेश भी दिये गये है।
संक्षिप्त में घटना इस प्रकार है कि फरियादी मोतीशंकर एवं अन्य द्वारा वर्ष 1994 से 2002 के बीच चित्रकूट नगर, सुखनिवास कालोनी इंदौर में प्लाट बुक कराया था, जिसकी राशि किश्तों में पूर्ण कर दी गयी थी, परंतु कालोनाईजर रमेश अग्रवाल द्वारा किसी को भी प्लाट का कब्जा नहीं दिया गया और न ही पैसे वापस किये गये। इस पर आरोपी रमेश अग्रवाल के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर, अभियोग पत्र न्यायालय पेश किया गया। प्रकरण में विचारण उपरांत मान. न्ययालय द्वारा आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया है।
प्रकरण में शासन पक्ष की ओर से पैरवी सहायक लोकअभियोजक श्री हेमंत राठौर द्वारा की गयी।
माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण के साक्ष्यों के आधार पर यह भी मान कि आरोपी रमेश ने लोगों से पैसे लेकर उन्हे प्लाट न देकर उन लोगों के साथ छल किया है और प्रतिकर के रूप में 1. केदारनाथ शर्मा को राशि 20 हजार, 2. धर्मेन्द्र जोशी को 17 हजार 500 रू, 3. सुनिल कुमार को 10 हजार, 4. माधोसिंह को 10 हजार रू., 5. राजेन्द्र कुमार को 18 हजार रू., 6. उषा गायकवाड़ को 20 हजार रू. तथा श्यामसुंदर के प्रतिनिधि को राशि 20 हजार रू. दिये जाने बाबत आदेश भी दिये गये है।
संक्षिप्त में घटना इस प्रकार है कि फरियादी मोतीशंकर एवं अन्य द्वारा वर्ष 1994 से 2002 के बीच चित्रकूट नगर, सुखनिवास कालोनी इंदौर में प्लाट बुक कराया था, जिसकी राशि किश्तों में पूर्ण कर दी गयी थी, परंतु कालोनाईजर रमेश अग्रवाल द्वारा किसी को भी प्लाट का कब्जा नहीं दिया गया और न ही पैसे वापस किये गये। इस पर आरोपी रमेश अग्रवाल के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर, अभियोग पत्र न्यायालय पेश किया गया। प्रकरण में विचारण उपरांत मान. न्ययालय द्वारा आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया है।
प्रकरण में शासन पक्ष की ओर से पैरवी सहायक लोकअभियोजक श्री हेमंत राठौर द्वारा की गयी।