इन्दौर - दिनांक ११ जनवरी २०११- पुलिस अधीक्षक पष्चिम श्री डी.श्रीनिवास वर्मा ने बताया कि थाना अन्नपूर्णा क्षेत्र में श्रीमति बिन्दीया गिरी पति अष्विन गिरी (३०) ने रिपोर्ट की थी कि वह दिनांक १०.०१.११ को ०९.४५ बजे से १०.०० बजे के बीच अपने घर में सीडी की सफाई कर जैसे ही घर के हाल में पहुॅची तो वहॉ से तीन लडको को सीडीयो से उतरते देखा जिनमें से एक लडके का हुलिया गोरा सा उम्र करीब २० साल का था जो पूजा के रूपयो व जेवर की पोटली को ले जा रहे थे, मेरे द्वारा उसे पकडा गया तो इतने में दूसरे व्यक्ति द्वार मेरी पीठ में धारदार हथियार से चोट पहुॅचाकर घायल कर दिया व रूपयो की एक पोटली अपने साथ ले जाते हुये किचन से भाग गये। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना अन्नपूर्णा पर अज्ञात तीन लडको के विरूद्व धारा ३९२ भादवि के तहत् प्रकरण पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पष्चिम मनोजसिंह के निर्देषन में, नगर पुलिस अधीक्षक अन्नपूर्णा दिलीपसिंह तोमर के मार्गदर्षन में थाना प्रभारी अन्नपूर्णा गौरीषंकर चढार व उनकी टीम द्वारा विवेचना के दौरान पूछताछ कि तो बताया गया कि सास इन्द्रागिरी (६५) की उज्जैन की दो बीघा जमीन १५ लाख रूपये में करीब ०२ माह पहले बेची गई थी जिसके रूपये सास इन्द्रा गिरी, पति अष्विन गिरी, ननद अनिता गिरी द्वारा वकील के साथ जाकर १० लाख रूपये लेकर अलमारी में तकिया के खोल में रखे थे और ऊपर से सिमेन्ट की खाली बोरी में रखकर अलमारी के लॉकर में रखे थे। सबसे पहले गणेषजी, लक्ष्मीजी की मूर्तिया रखी थी तथा पूजा के नगद रूपये, सोने व चॉदी के जेवरात की पोटली भी उसी लॉकर में रखी होना बताया गया। साथ ही यह भी बताया गया था कि अलमारी के लॉकर की चाबी व अलमारी की चाबी को एक पर्स में रखकर पलंग के ड्राज में रखा गया था तथा ड्राज की चाबी सास इन्द्रा गिरी के पास रहती थी। चाबीयो व रूपयो के रखने की जानकारी अष्विन, बिन्दिया व इन्द्रा को थी, दो माह से रूपये नगद अपने घर में ही रखे होना बताया गया था।
विवेचना के दौरान यह तथ्य संदेह में आये कि जमीन के विक्रय की राषी नगद ली गई और नगद रूपयो को दो माह से अपने मकान मे रखकर किसी को नही देना, रूपये रखने की जानकारी मात्र इन्द्रा गिरी, अष्विन गिरी और बिन्दिया गिरी को होना, लॉकर की चाबी व अलमारी की चाबी पलंग के ड्राज में पर्स में रखी होना तथा ड्राज की चाबी इन्द्रा गिरी के पास होना और अलमारी लॉकर के ताले नही टूटना, लॉकर अलमारी खोलकर रूपये निकाल लेना अन्य कीमती सामान अस्त व्यस्त नही होना।
एक पोटली जिसमें करीबन ५२ हजार रूपये नगद, चांदी और सोने के जेवरात की पोटली बच जाना, नगद रूपयो की मात्र पोटली ही जाना, इन्द्रा गिरी उम्र ६५ साल, ऋषभ गिरी उम्र १० साल छत पर होना, अष्विन एसेन्ट कार का पंचर बनवाने को जाने को कहना, घटना के वक्त मात्र बिन्दिया का होना, चिल्लाना पति अष्विन के द्वारा घटना वक्त बाथरूम में होने का बताना संदेह पैदा कर रही थी।
अष्विन पिता सुरेष गिरी (३८) निवासी ५० सुदामा नगर इंदौर से पूछताछ करने पर पहले बताया गया कि वह पंचर बनवाने गया था तथा फिर बताया गया कि वह नहा रहा था, इस तरह विरोधाभासी बयान देने पर पुलिस द्वारा विस्तृत व गहन पूछताछ पर यह बात सामने आई कि अष्विन के दो लडके ऋषभ व रोषन है, ऋषभ परिवार के साथ में रहता है किन्तु परिवार की कलह के कारण रोषन को परिवार के लोग ना रखते हुये उसका लालन पालन नाना के यहॉ हो रहा है जिसका भविष्य बनाने के लिये घटना के दो दिन पहले पति पत्नी ने ही प्लानिंग करते हुये सास इन्द्रा के नहाते वक्त दिनांक ०९.०१.११ को अलमारी के लॉकर का ताला खोलकर दोनो रूपयो से भरी पोटली निकाल ली थी तथा दिनांक १०.०१.११ को प्लान के मुताबिक पति अष्विन द्वारा ही पत्नी बिन्दिया को कटर से पीठ में चोट कर घायल किया गया। बिन्दिया के चिल्लाने पर अष्विन द्वारा कटर को किचन के पीछे नाली में फेक दिया गया और वह स्वयं जीने से ऊपर चले गया। आवाज सुनकर जब सास इन्द्रा नीचे आई तो अष्विन भी नीचे आ गया व बिन्दिया को यूनिक अस्पताल में ईलाज को भर्ती कराया गया। रूपयो के संबंध में विस्तृत पूछताछ करने पर अष्विन ने बताया कि वह माइक्रोवेव के अंदर एक पोटली में नगद रूपये भरकर अपने दोस्त महेष शर्मा निवासी भवानीपुर कॉलोनी इंदौर के घर पर रख आया है। अष्विन गिरी के मेमोरेण्डम के आधार पर माइक्रोवेव में रखे साढे ०८ लाख रूपये महेष शर्मा निवासी भवानीपुर कॉलोनी इंदौर के घर से पंचो के समक्ष बरामद किये गये। इस तरह लूट की घटना झूठी पाई गई , अष्विन तथा उसकी पत्नी बिन्दिया द्वारा ही लूट की यह झूठी घटना अपने लडके रोषन उम्र ०७ साल का भविष्य बनाने के लिये कारित करना बताया गया।