Sunday, August 2, 2015

महिला थाना प्रभारी एवं वी केयर फोर यू प्रभारी द्वारा भीड़-भाड़ वाले एरिया में की गई चैकिंग



इन्दौर-दिनांक 02 अगस्त 2015-पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह के निर्देशन में महिला थाना प्रभारी निरीक्षक ज्योति शर्मा एवं वी केयर फोर यू प्रभारी निरीक्षक सोमा मलिक द्वारा उनकी टीम के साथ आज दिनांक 2.08.15 को इन्दौर शहर के भीड़-भाड़ एरिया में चैकिंग व भ्रमण किया। जिसके अन्तर्गत सेन्ट्रल मॉल, नेहरू पार्क, 56 दुकान, मेघदूत पार्क, सी-21 मॉल आदि इलाकों में भ्रमण करते हुए चैकिंग की गई।
                उक्त चैकिंग के दौरान 56 दुकान इंदौर जैसे भीड़-भाड़ वाले एरिया में शराब पीकर तेज गाड़ी चलाने वाले 5 लड़को को पकड़ा, जिनमें से 03 लड़को को पुलिस थाना तुकोगंज को तथा 02 लड़को को पुलिस थाना यातायात को कार्यवाही हेतु सुपुर्द किया गया।

इन्दौर पुलिस द्वारा रात्रि कॉम्बिग गश्त के दौरान की गई कार्यवाही में लम्बे समय से फरार 221 अपराधी इन्दौर पुलिस की गिरफ्‌त में



इन्दौर 02 अगस्त 2015-पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर शहर इंदौर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा असामाजिक तत्वो एवं अपराधों पर नियत्रंण हेतु रात्रि में 12.00 से 03.00 तक कॉम्बिग गश्त करने के निर्देश दिये गये। उक्त निर्देश के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक इंदौर (पूर्व) श्री ओ.पी. त्रिपाठी एवं पुलिस अधीक्षक इंदौर (पश्चिम) श्री डी. कल्याण चक्रवर्ती के नेतृत्व में कल दिनांक 01 अगस्त 2015 को रात्रि 12.00 से 03.00 तक इन्दौर जिले के सभी अति. पुलिस अधीक्षकगण, सभी नगर पुलिस अधीक्षकगण एवं सभी अुविभागीय पुलिस अधिकारीगणों के मार्गदर्शन में इन्दौर जिले के सभी थाना क्षेत्रो में समस्त थाना प्रभारियों एवं उनकी टीम द्वारा  कॉम्बिग गश्त की गई।
      इस दौरान इन्दौर पुलिस द्वारा सभी थाना क्षेत्रों में लम्बे समय से फरार अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए, पूर्वी क्षेत्र द्वारा 53 गैर जमानती वारंटियों एवं 75 गिरफ्‌तारी वारंटियों तथा पश्चिम क्षेत्र द्वारा 65 गैर जमानती वारंटियों एवं 28 गिरफ्‌तारी वारंटियों के सहित कुल 221अपराधियों को गिरफ्‌तार किया गया।

कॉम्बिंग गश्त के दौरान, लम्बे समय से फरार दो आरोपी पुलिस थाना बेटमा की गिरफ्‌त में



इन्दौर-दिनांक 02 अगस्त 2015-पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह के निर्देशन में इन्दौर पुलिस द्वारा शहर में गुंडे, बदमाशों एवं असामाजिक तत्वों की अपराधिक गतिविधियों पर नियत्रंण हेतु वाहन चैंकिग एवं कॉम्बिंग गश्त की कार्यवाहीं की जा रही है। इसी के अन्तर्गत पुलिस थाना बेटमा द्वारा काम्बिग गश्त के दौरान लम्बे समय से फरार चल रहे दो आरोपियों को पकड़ने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।
पुलिस थाना बेटमा द्वारा कॉम्बिंग गश्त के दौरान थाना बेटमा के धारा 304-ए एक्सीडेंट के एक प्रकरण में 10 साल से फरार आरोपी मनोज पिता श्यामलाल निवासी धार नाका महूं तथा मारपीट के एक प्रकरण में आठ साल से फरार आरोपी कालू उर्फ कृष्णा पिता बापूसिंह निवासी नाहरखेड़ी हातोद को गिरफ्‌तार किया है।
उक्त आरोपियों को पकड़ने में थाना प्रभारी बेटमा श्री राजकुमार यादव के नेतृत्व में उनकी टीम का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा।

दिन दहाड़े सियागंज मे हुई लूट के प्रयास की घटना का पर्दाफाश, लूट के चारों अपराधियों को अवैध हथियार सप्लाय करने वाले तीन आरोपियों सहित कुल सात आरोपी गिरफ्‌तार


इन्दौर-दिनांक 02 अगस्त 2015-पुलिस थाना सेन्ट्रल कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 21.07.15 को सियागंज में शिव सुपारी स्टोर्स पर हुई लूट के प्रयास की घटना का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरफ्‌तार करने में पुलिस को सफलता प्राप्त हुई है।
                दिनांक 21.07.15 को सियागंज में शिव सुपारी स्टोर्स  के आफिस पर दिन दहाडे़ लूट की कोशिश की गई थी। घटना दिनांक को मौके पर ही एक आरोपी राधेश्याम उर्फ बाबा पाल पिता मोहनलाल पाल निवासी गडरिया मोहल्ला इन्दौर को लोगो ने एक देशी पिस्टल सहित पकड़ लिया था। घटना में शामिल एक अन्य आरोपी मौके से फरार हो गया था। उक्त घटना पर पुलिस थाना सेन्ट्रल कोतवाली पर आरोपियों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 225/15 धारा 393 भादवि व 25,27 आर्म्स एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
                घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा प्रकरण के अन्य आरोपियों की पतारसी कर गिरफ्‌तारी करने हेतु आवश्यक निर्देश दिये गये। उक्त निर्देश पर पुलिस अधीक्षक पूर्व श्री ओ.पी. त्रिपाठी, अति. पुलिस अधीक्षक पूर्व जोन-2 श्री बिट्‌टू सहगल एवं नगर पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रभा चौहान के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सेन्ट्रल कोतवाली के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। पुलिस टीम ने पकडे़ गए आरोपी राधेश्याम पाल से पूछताछ की तो उसने बताया कि उक्त घटना में उसके साथ दीपक पटेल, विष्णु उपाध्याय और राकेश जादम भी शामिल थे। घटना पर मौके से दीपक पटेल फायर कर भाग गया था, जिसे पुलिस टीम ने गिरफ्‌तार कर उससे पूछताछ की गई तो दीपक ने घटना के संबंध में कई चौकाने वाली जानकारी दी।
                आरोपी दीपक ने बताया कि घटना का मास्टर माईंड जीएनटी मार्केट स्थित रघुनाथ इंडस्ट्रिज का मालिक विष्णु पिता बद्रीलाल उपाध्याय है। उक्त घटना की योजना एक महीने पूर्व जीएनटी मार्केट स्थित विष्णु उपाध्याय की फैक्ट्री पर बनाई गई थी। योजना में विष्णु उपाध्याय की फैक्ट्री में काम करने वाला दीपक पटेल, विष्णु का दोस्त राकेश जादम, राधेश्याम पाल तथा स्वयं विष्णु भी शामिल था। विष्णु को यह मालूम था कि आफिस में लाखो रूपयों का लेन-देन होता है। योजना के अनुसार दीपक व राधेश्याम शिव सुपारी के आफिस में अंदर घुसेगें, विष्णु व राकेश बाहर रहेगें, दीपक रूपयों से भरे बैग को लेकर आफिस के पास वाली गली से भागेगा और गली में खड़े विष्णु या पटेल ब्रिज पर खडे़ राकेश की गाड़ी पर बैठकर विष्णु की फैक्ट्री पहुच जायेगा और राधेश्याम दूसरी तरफ भाग जायेगा। घटना में उपयोग किया गया बैग विष्णु खरदीकर लाया था तथा पिस्टल व  कारतूस का इंतजाम राकेश जादम ने किया था। आरोपी घटना के एक दिन पूर्व ही दिनांक 20.07.15 को घटना को अंजाम देना चाहते थे और इसके लिये चारो लोग सियागंज पहुंचे भी थे और शराब पी रहे थे, लेकिन दीपक को ज्यादा नशा हो जाने के कारण घटना को अंजाम नहीं दे सके। दिनांक 21.07.15 को उक्त चारों विष्णु की फैक्ट्री पर इकट्‌ठा हुए, विष्णु ने दीपक और राधेश्याम को पहले रैकी करने के लिये सियागंज रवाना किया। फिर विष्णु व राकेश अलग-अलग वाहनों से सियागंज पहुंचे। विष्णु ने दीपक को फोन करके सैफी चौराहा के पास बुलाया और एक काले रंग का बैग जिसमें दो पिस्टल व राउंड रखे थे, उसे दिया। फिर योजना के मुताबिक विष्णु और राकेश जादम अपने वाहनों के साथ अलग-अलग खड़े हो गये। दीपक और राधेश्याम मोटर सायकल से शिव सुपारी के आफिस में पहुंचे, दोनों ने पिस्टल निकालकर आफिस में मौजूद लोगों को डर दिखाकर, बैग में रूपयें लेकर भागने लगे तभी वहां जमा लोगों ने राधेश्याम को पिस्टल सहित पकड़ लिया, लेकिन दीपक फायर कर भागने में सफल हो गया।
                पुलिस ने विष्णु व राकेश जादम को गिरफ्‌तार कर पूछताछ की तो उनके द्वारा घटना में शामिल होना स्वीकार किया।  राकेश जादम से घटना मे प्रयुक्त की गई पिस्टल के संबंध में पूछताछ की गई तो, उसने वह सदर बाजार इंदौर निवासी निजाम से खरीदना बताया। पुलिस ने निजाम को पकड़ा तो उसने पिस्टल व राउंड बब्बू यादव निवासी अर्जुन पल्टन जिंसी से खरीदना बताया। जब बब्बू यादव से पूछताछ की गई तो उसने वह अर्जुन मालवीय निवासी मुखर्जी नगर बाणगंगा इन्दौर से खरीदना बताया। इसी कड़ी में जब अर्जुन मालवीय से पूछताछ की गई तो वह उसने गोलू विशवकर्मा निवासी निरंजनपुर इंदौर से खरीदना बताया। गोलू वर्तमान में दाहौद (गुजरात) जेल में बंद है, जिसे पुलिस द्वारा दाहौद जेल से लाकर पूछताछ की जायेगी। इस प्रकार पुलिस थाना कोतवाली की टीम द्वारा अवैध हथियार सप्लाय करने वाली एक चैन का खुलासा भी किया हैं। पुलिस को लूट के आरोपियों को आफिस में रूपयें होने की सूचना देने के संबंध में वहीं के एक कर्मचारी पर शक है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।
                उक्त लूट का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरफ्‌तार करने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सेन्ट्रल कोतवाली श्री तारेश कुमार सोनी के नेतृत्व में उनि लक्ष्मणसिंह, सउनि महेश चौहान, आर. विक्रमसिंह, आर. राहुलसिंह, आर. शेरसिंह, आर. महेश, आर. जितेन्द्र तथा आर. सतीश का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा।


27 साल पुराने प्रकरण का गैर जमानती वारंट तामिल, वारंटी की वर्ष 1998 में ही मृत्यु हो चुकी थी, जिसे पुलिस ने ढूढ निकाला


इन्दौर-दिनांक 02 अगस्त 2015-पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह के निदेश के तारतम्य में इन्दौर पुलिस द्वारा की जा रही स्थाई एवं फरार वांरटीयों की धरपकड़ कार्यवाहीं के अन्तर्गत पुलिस थाना भंवरकुआं द्वारा आज दिनांक 02.08.15 को करीब 27 साल पुराने प्रकरण के फरार गैर जमानती वारंटी सालकराम पिता सेवाराम निवासी नैनोद इंदौर का पता लगाकर वारंट तामिल करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।
उक्त आरोपी सालकराम पुलिस थाना भंवरकुआं के अपराध क्रं. 394/1988 धारा 341, 323 भादवि मे फरार था, इसके विरूद्ध माननीय न्यायालय द्वारा स्थाई वारंट जारी किया गया था। आरोपी की लगातार पतारसी करने के बाद भी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी। पुलिस को उक्त वारंटी के साले सुरेश के बारे में पता चला, तो आज उससे यह जानकारी मिलीं कि वारंटी सालकराम की दिनांक 04.11.1998 को मृत्यु हो चुकी है, जिसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी प्राप्त हुआ है। इस प्रकार पुलिस द्वारा इतने लम्बे समय से फरार चल रहे वारंटी को ढूढ़ निकालने में सफलता प्राप्त हुई।
उक्त वारंटी की पतारसी करने में थाना प्रभारी भंवरकुआ श्री राजेन्द्र सोनी के मार्गदर्शन में  प्रधान आरक्षक ज्ञानसिंह की सराहनीय भूमिका रही।