Monday, November 25, 2019

· क्राईम ब्रांच इंदौर पुलिस द्वारा किया गया एक दिवसीय सायबर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन।



·        प्रशिक्षु उप निरीक्षकों को सायबर अपराधों तथा ऑनलाईन ठगी से संबंधित जांच व विवेचना हेतु किया गया प्रशिक्षित।

                                                क्राईम ब्रांच इंदौर द्वारा वर्तमान परिवेश में बदलते हुये सायबर अपराधों के स्वरूप, सायबर अपराधों के प्रकार, विवेचना, तथा इनसे संबंधित न्यायालयीन कार्यवाही हेतु संयोजित किये जाने वाले आवश्यक तथ्यों के संबंध में प्रशिक्षु उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षित किये जाने हेतु कार्यशाला का आयोजन आज दिनांक 25.11.2019 को किया गया। उपरोक्त प्रशिक्षण शाला का आयोजन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमति रूचि वर्धन मिश्र (शहर) इंदौर, एवं पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) श्री सूरज कुमार वर्मा द्वारा कराया गया। 


                                आधुनिक युग में सायबर अपराध जैसे सोशल मीडिया से संबंधित समस्त अपराध, आनलाईन फ्रॉड, पोर्नाग्राफी, आदि की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिससे निपटना पुलिस के लिये एक बड़ी चुनौती है इसी को ध्यान में रखते हुये इंदौर शहर के विभिन्न थानों में पदस्थ नवागत प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों के लिये सायबर अपराधों के संबंध में प्रषिक्षण हेतु कार्यशाला को आयोजित किया गया। इसमें प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को अपुअ अपराध श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा सायबर अपराध, सायबर अपराधों के प्रकार, सायबर अपराधों की विवेचना, विवेचना के दौरान सावधानियां, के संबंध में प्रशिक्षित कराया गया। इसी प्रकार उपुअ अपराध श्री आलोक शर्मा द्वारा DIGITAL EVIDENCE COLLECTION  के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई जिसमें घटना स्थल से लेकर अपराधी को सजा दिलाने तक क्या क्या आवश्यक कार्यवाहियां विवेचना के दौरान की जाती है व साक्ष्य संकलन के साथ न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत करते समय ध्यान देने योग्य कौन से तथ्य होते हैं की जानकारी दी गई।

        सोशल साईट्स के माध्यम से घटित होने वाले विभन्न अपराधों जैसे- Fake facebook,instagram,twitter account, Impersonation, Hacking, Call and Email Spoofing, Youtube पर Objectionable Post/Video आदि में आरोपी की पहचान निर्धारित करना एवं की जाने वाली कार्यवाही तथा पीएसटीएन/टॉवर डम्प, सीडीआर एनालिसिस, जीपीआरएस सीडीआर, आईपीडीआर आदि के संबंध में प्रशिक्षित किया गया साथ ही ऐसे अपराधों की जांच एवं विवेचना के दौरान की जाने वाली आवश्यक कार्यवाहियों से भी प्रशिक्षुओं को अवगत कराया गया।OTP Fraud, विभिन्न प्रकार से होने वाले आनलाईन फ्रॉड जैसे- Matrimony websites, Lons, Insurance, Online Shopping, Credit and Debit Card Fraud, Online Money Transfer related fraud, OLX, PayTM, Custom Officer fraud etc  के माध्यम से होने वाले फ्रॉड विभिन्न ऑनलाईन फ्रॉड, आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई जिसमें ठगी गई राशि को वापस कराये जाने के अतिरिक्त दोषियों की पहचान सुनिश्चित करना, तथा इनसे संबंधित अपराधों की जांच एवं विवेचना के दौरान की जाने वाली कार्यवाहियों के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।

               क्राईम ब्रांच द्वारा पूर्व में भी सायबर अपराधों पर नियंत्रण पाने तथा जागरूकता के अभाव में इस प्रकार की घटनाओं का शिकार हो रहे लोगों को अभियान चलाकर, जागरूक किये जाने के लिये सेमीनार आयोजित कर, जागरूकता अभियान चलाया गया था। जिसका उद्देश्य सायबर अपराधों के बढ़ते हुये ग्राफ पर अंकुश लगाना तथा दोषियों पर वैधानिक कार्यवाही करना है।





यातायात के प्रति जागरूकता के लिये काम करेगा "Chota - Cop"



·        छोटे बच्चे बनाएगें अपने परिजनों एवं बस/ऑटों के चालकों का रिपोर्ट कार्ड

·        चौराहों पर विभिन्न जिंगलों के माध्यम से भी किया जायेगा लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक

इंदौर दिंनाक 25 नवंबर 2019- शहर में यातायात सुधार एवं इसके प्रति जन जागृति लाने हेतु अति. पुलिस महानिदेशक इन्दौर ज़ोन इंदौर श्री वरूण कपूर के निर्देशन में चलाये जा रहे जन जागरूकता कार्यक्रम के तहत इन्दौर यातायात पुलिस द्वारा विभिन्न संस्थानों के सहयोग से यातायात जागरूकता हेतु, अभियान चलाये जा रहे है।  इसी कड़ी में आज दिनांक 25.11.19 को पुलिस कंट्रोल रूम सभागार में "Chota - Cop"एवं टे्रफिंक जिंगल संबंधी नवाचार का शुभारंभ एडीजी श्री वरूण कपूर द्वारा किया गया।
एडीजी वरूण कपूर द्वारा इसं संबंध में बताया गया कि, "Chota - Cop"संबंधी नवाचार यंग इंडियन क्लब के सहयोग से चलाया जायेगा, इसमें कक्षा 6 वीं से 12 तक के विघार्थियों को स्कूल में जाकर, पृथक-पृथक रिपोर्ट कार्ड प्रदान किया जायेगा। इस रिपोर्ट कार्ड के आधार पर स्कूल के बच्चें अपने अभिभावकों एवं बस/ऑटो के चालकोंका विभिन्न यातायात के मानकों को पर रिपोर्ट कार्ड तैयार करके देगें। इससे यह पता चल सकेगा कि 15 राईड में कितने नियमों का उल्लघंन किया गया तथा रिपोर्ट कार्ड भरने के दौरान एक तरफ जहां बच्चें यातायात नियमों के प्रति जागरूक होगें वहीं दूसरी ओर बच्चों की बात लगातार सुनकर अभिभावक आदि भी यातायात के प्रति सजग होगें। यह अभियान तत्काल प्रभाव से प्रारंभ किया गया है। कार्यक्रम में सेंट रेफियल्स, सेंट पॉल एवं न्यू ईरा पब्लिक स्कूल के प्रशासकगण उपस्थित हुए, जिन्होनें इस अभियान को पूरे जोश के साथ प्रारंभ करने के प्रति रूचि व उत्साह प्रदर्शित किया।
                एक अन्य नवाचार के तहत ''सुरक्षित भवः फाउंडेशन'' की ओर से यातायात संबंधी विभिन्न जिंगल तैयार किये गये है, जो कि शहर में विभिन्न चौराहो पर यातायात जागरूकता के लिये चलायें जायेगें। इसकी शुरूआत भी आज के कार्यक्रम में की गयी तथा प्रारंभिक तौर पर मधुमिलन चौराहे पर उक्त जिंगल चलाया जाना प्रारंभ किया गया है।

                एडीजी श्री वरूण कपूर द्वारा इन नवाचारों का अभिनव प्रयास करने वाले यंग इंडियन क्ल्ब के श्रीजीका अग्रवाल, देवेश टूटेजा एवं ''सुरक्षित भवः फाउंडेशन'' के केशव राव व उनकी टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि, यातायात जागरूकता जनता के प्रयासो से ही संभव है, लगातार विभिन्न संगठन एवं सामाजिक संस्थान, इंदौर पुलिस के इन जागरूकता कार्यक्रम की इस मुहिम में अपना योगदान दे रहे है, ये अत्यंत सराहनीय है। पुलिस व जनता के सहयोग से यातायात जागरूकता कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास लगातार जारी रहेगा।
कार्यक्रम में मुखय रूप से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इन्दौर श्रीमती रूचि वर्धन मिश्र, पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री सूरज कुमार वर्मा, अति. पुलिस अधीक्षक क्राईम श्री अमरेन्द्र सिंह, अति. पुलिस अधीक्षक यातायात पश्चिम श्री देवके, उप पुलिस अधीक्षक यातायात श्री संतोष उपाध्याय, उप पुलिस अधीक्षक श्री उमाकांत चौधरी सहित अन्य यातायात पुलिस अधिकारीगण एवं विभिन्न संस्थानों के टे्रफिक वालिंयटियर्स इस नवाचार के शुभारंभ के सहभागी बने।











OLX, quikr और instagram के माध्यम से ठगी करने वाला 01 आरोपी क्राईम ब्राँच इन्दौर की गिरफ्त में। · सस्ते दामों में वस्तुऐं बेचने के प्रलोभन भरे विज्ञापन डालकर, लोगों को ठगता था आरोपी।


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·          0प्र0, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, चंदीगढ, दिल्ली एवं उ0प्र0 के लोगों के साथ ऑनलाईन ठगी की वारदातें करना कबूला।
·          आरोपी को पुणे से दविश देकर किया क्राईम ब्रांच इंदौर ने गिरफ्तार।
·          गिरफ्तारी हेतु जारी की गई थी 10 हजार रूपये के ईनाम की उद्घोषणा।
·          instagram के माध्यम से मोबाईल, लैपटाप, गाड़ी, तथा अन्य सामग्री बेचने के विज्ञापन डालकर, एडवांस राशि जमा कराकर ठगता था आरोपी।
 इंदौर दिंनाक 25 नवंबर 2019- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र इंदौर (शहर) व्दारा आनलाईन ठगी तथा साबर अपराधों के प्रकरणों में फरार चल रह अज्ञात आरोपियों की पहचान सुनिश्चित कर उनकी धरपकड़ करने हेतु तथा ऐसी गिरोहों पर प्रभावी कार्यवाही करने के लिये इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया हैं। उक्त निर्देशो के तारतम्य मे पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर श्री सूरज कुमार वर्मा के निर्देशन मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच की एक टीम का गठन किया जाकर ठगी करने वाली गिरोहों की धरपकड़ करने हेतु  समुचित दिशा निर्देश दिये गये ।

           आज के दौर मे कंप्यूटर स्मार्ट फोन और अन्य संचार तकनीकी उपकरण हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुके हैं। आज के दौर मे कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढावा देने, मोबाईल बैंकिंग, ईबैंकिंग (ऑनलाईन बैंकिंग), इ वॉलेट, गूगल पे, फोन पे, पेटीएम आदि के अधिकाधिक प्रयोग तथा ऑनलाईन खरीद बिक्री जैसे ओ0एल0एक्स0, फनपात के माध्यम से फ्रॉड व्यक्तियों व्दारा फर्जी पहचान (olx, instagram, quikr ) बनाकर लोगों से उनके कार्ड नंबर (सीवीवी, ओटीपी ) आदि की जानकारी प्राप्त कर पैसो का फर्जी आहरण/ठगी की वारदातें दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रही हैं जोकि एक सायबर अपराध का प्रकार है तथा इससे निपटना पुलिस के लिये बड़ी चुनौती है। ऐसे अपराधों की जांच व विवेचना हेतु इंदौर क्राईम ब्राँच नोडल एजेंसी के रूप  में कार्य कर रही है।
वर्ष 2018 एवं वर्ष 2019 मे इंस्टाग्राम, फैसबुक, olx पर पीड़ित व ठगोरों के मध्य हुये संपर्क के जरिये ठगी के सैकड़ों मामले संज्ञान में आये थे जिनके परिपेक्ष्य में थाना अपराध शाखा मे अपराध क्रमाँक 06/18 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि एवं 66 आईटी एक्ट तथा वर्ष 2019 मे अपराध क्रमाँक 04/19 धारा 419 420 467 468 471 120 बी भादवि का कायम किया गया था जिसमें 100 से अधिक लोगों की ठगी के मामलों में पहचान सुनिष्चित की जाकर उन्हें आरोपी बनाया गया है। इसी प्रकार के अपराध में फरार आरोपी रोहन वर्मा की गिरफ्तारी पर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय जिला इंदौर द्वारा 10000/- रूपए के ईनाम की उदघोषणा जारी की गई थी जिसकी पतासाजी करते हुये क्राईम ब्रांच की टीम  पुणे महाराष्ट्र के लिये रवाना हुई जहां से आरोपी के संबंध में जानकारी संकलित कर पुणे के वर्जे क्षेत्र मे दबिश दी गयी जहां से आरोपी रोहन पिता राकेश वर्मा हाल निवासी अन्नपूर्णा परिवार, अतुल नगर थाना वर्जे क्षेत्र, पुणे महाराष्ट्र को गिरफ्तार किया गया।

 आरोपी से की गई प्रांरभिक पूछताछ में ज्ञात हुआ कि आरोपी olx instagram quikr आदि बेवसाईट के माध्यम से फर्जी विज्ञापन डालकर, लोगों के साथ उत्पाद बेचने के एवं एडवांस तौर पर राशि जमा कराकर लाखों रूपये की ठगी करते आ रहा है, आरोपी ने पूर्व इस प्रकार की दर्जनों वारदातों को अंजाम दिया जाना कबूल किया है।

 आरोपी ने इंदौर के फरियादी महीम गोयल निवासी इन्दौर के साथ instagram पर  मोबाईल फोन सस्ते दामों पर बेचने का विज्ञापन देकर झांसे में लेकर, खाते में रूपए जमा करवा लिये लेकिन आरोपी रोहन व्दारा ना तो मोबाईल भेजा गया ना ही पैसे लौटाये गये।
  
आरोपी से पूछताछ करने पर उसके व्दारा जुर्म करना स्वीकार किया गया तथा ठगी की जमा की गई राशि से संबंधित खाता भी आरोपी के नाम से होना पाया गया जिसका, ATM कार्ड उसके पास से बरामद हुआ है। आरोपी को अपराध क्रमाँक अपराध क्रमाँक 06/18 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि एवं 66 आईटी एक्ट मे गिरफ्तार किया गया तथा घटनाक्रम मे लिप्त अन्य लोगों के नाम आरोपी ने कबूले है जिससे संदिग्ध व्यक्तियों के संबध मे विस्तृत पूछताछ जारी है। 
  
आरोपी बीबीए फाईनल ईयर का विधार्थी है तथा पुणे में रहकर पढ़ाई कर रहा है। कॉलेज में रंगबाजी के लिये खर्चे के लिये पैसों की आवष्यकता होने पर वह ऐसे विज्ञापन डालकर लोगों को झांसे में लेकर ठगता था आरोपी ने वर्ष 2016 से ठगी की वारदातें करना कबूला जिससे बेंक खाते के स्टेटमेण्ट से भी लाखों रूपये के लेन देन की शौहरत मिली है। आरोपी ठगी से प्राप्त पैसों से पार्टी करता था मंहगे होटलों में खाना खाने का शौकीन है तथा पैसों से गैजेट्स व अन्य आनलाईन शॉपिंग कर लेता था।


प्रापर्टी व्यवसायी से 10 लाख रूपये प्रोटेक्शन मनी की मांग करने वाले 02 शातिर आरोपी क्राईम ब्रांच इंदौर की गिरफ्त में।


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·          आंनदम कोचिंग का संचालक तथा शिक्षक मिलकर, बिहार की खालिद मुन्नाभाई गैंग के नाम का उपयोग कर, डरा धमका कर मांग रहे थे व्यापारियों से 10-10 लाख रूपये।
·          पैसे ना देने की स्थिति में हाथ-पैर तोड़कर, अपाहिज करने धमकी देते थे आरोपीगण।
·          व्हाट्सऐप पर वॉयस् मैसेज रिकार्ड कर भेजते थे आरोपी।
·          बिहारी भाषा में करते थे मोबाइल पर रिकार्डिंग, आरोपियों की जेब से मिले धमकी भरे स्वर में बोले जाने वालेे वाक्यों से लिखित पर्चे।
·          वसूली का पैसा, प्राप्त करने के लिये फर्जी तरीके से रिश्तेदारों के नाम पर खुलवाये बैंक खाते, गौशाला के ट्रस्ट के नाम पर भी खाता खुलवाकर बसूली का पैसा जमा कराने की थी योजना।
·          फर्जी सिम कार्ड का करते थे उपयोग, पुलिस गिरफ्त से बचने के लिये इंदौर के बाहर से जाकर करते थे मैसेज ताकि लोकेशन ना हो सके ट्रेस।
·          कर्ज चुकाने के लिये पैसों की आबश्यकता के चलते बनाई व्यापारियों/अधिकारियों को धमका कर पैसा वसूलने की योजना, शिकायत प्राप्त होते ही पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को धरदबोचा।
·          थाना भवरकुआं व क्राईम ब्रांच इंदौर द्वारा की गई संयुक्त कार्यवाही।
·          बड़े व्यापरियों/अधिकारियों को धमकाकर, पैसा बसूलने की फिराक में थे आरोपी।

इंदौर दिंनाक 25 नवंबर 2019- इंदौर पुलिस को शिकायत प्राप्त हुई थी कि कोई अज्ञात व्यक्ति फरियादी गौतम जैन पिता मुन्नालाल जैन उम्र 53 वर्ष को व्हाट्सऐप पर वॉयस मैसेज रिकार्ड कर भेज रहा है जिसमें वह जान से मारने की धमकी देते हुये प्रोटेक्शन मनी के नाम पर 10 लाख रूपयों की मांग कर रहा था। उपरोक्त शिकायत वपुअ कार्यालय (शहर) इन्दौर में प्राप्त होने पर षिकायत को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (शहर) इन्दौर श्रीमती रुचि वर्धन मिश्र द्वारा अज्ञात व्यक्ति के संबंध में आवशयक तस्दीक कर उसकी पतासाजी हेतु क्राईम ब्रांच इंदौर निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर श्री सूरज वर्मा के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध) श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्राँच की टीम को योजनाबद्ध तरीके से इस बिंदु पर कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था।


            इसी अनुक्रम में क्राईम ब्रांच की टीम ने शिकायत जांच के दौरान, उस अज्ञात व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करना आरंभ की जोकि फरियादी को व्हाट्सऐप पर ऑडियो मैसेज रिकार्ड कर, 10 लाख रूपये प्रोटेक्शन मनी के नाम पर प्रदाय किये जाने हेतु भेज रहा था तथा प्रोटेक्शन मनी के पैसे ना देने की स्थिति में अज्ञात व्यक्ति स्वयं को खालिद मुन्नाभाई गैंग बिहार का सदस्य बताते हुये, फरियादी के हाथ पैर तोङकर अपाहिज करने की धमकी दे रहा था।
टीम द्वारा कुशल योग्यता, उच्च व्यवसायिक दक्षता व सूझबूझ का परिचय देते हुये सूक्ष्मता से तकनीकी जानकारी ज्ञात कर विश्लेषण करते हुये अज्ञात आरोपी की पहचान संतोष मीणा पिता स्व0 कमल सिंह मीणा ग्राम गंभीर उबारी थाना किल्लोद हरसूद जिला खण्डवा हालमुकाम 395 इदरीस नगर इंदौर के रूप में की जिसको पतासाजी करते हुये क्राईम ब्रांच की टीम ने थाना भवंरकुआ पुलिस के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुये धरदबोचा।
आरोपी से घटनाक्रम के संबंध में पूछताछ करने पर वह पुलिस टीम को गुमराह करने का प्रयत्न करने लगा बाद पुलिस टीम द्वारा सख्ती से की गई पूछताछ में आरेापी संतोष  ने बताया कि वह आनंदम कोचिंग के संचालक आनंद अग्रवाल पिता रुपचंद अग्रवाल उम्र 49 साल निवासी फ्लेट नम्बर, 22 ब्लॉक नं ए नवलखा कांपलेक्स इंदौर के यहां गत तीन माह से अंग्रेजी की कोचिंग पढा रहा था। कोचिंग में विद्यार्थी कम होने से, कमाई नहीं हो रही थी तथा मेण्टेनेंस में होने वाले खर्च से नुकसान हो रहा था जिसके संचालन के लिये वह पूर्व से ही लाखों रूपये के कर्ज मे डूबे हुये थे, इसलिए इसलिए कर्ज चुकाने हेतु पैसों की आवश्यकता के चलते के आरोपी संतोष व आरोपी आनंद अग्रवाल (कोचिंग संचालक) ने षणयंत्र रचा कि वह व्यापारियों को धमकाने वाली गैंग बना लेते हैं जिसका नाम खालिद मुन्ना भाई बिहार के नाम पर रखा  जायेगा क्योंकि खालिद मुन्नाभाई बिहार का नामचीन अपहरणकर्ता, एवं कुख्यात अपराधी है जिसके नाम का उपयोग कर वह लोगों को डरा धमका सकते हैं।    
            पैसा कैसे वसूला जाये इसकी योजना भी दोनो ने मिलकर बनाई जिस हेतु अलग अलग बैकों में कई बैंक खाते अन्य व्यक्तियों के नाम पर खुलवाकर एवं फर्जी तरीके से मोबाईल फोन सिम कार्ड दूसरे व्यक्तियों के नाम पर प्राप्त कर, कीपैड मोबाईल फोन खरीद डाले जिससे पुलिस गिरफ्त से बच सकें।
           आरोपी संतोष ने अपने गाँव जाकर अपने रिश्तेदारों के नाम पर बैंक आँफ बङौदा मे ग्राम खिरकिया मे खाता खुलवाये और उनकी पासबुक एटीएम बनवाकर, आरोपी आनंद अग्रवाल को थमा दी, परनतु संतोष के दिमाग में उत्सुकतावश जागे प्रश्न, कि यदि रिष्तेदारों के खाते में पैसे जमा होने से उनके पकड़े जाने पर पोल खुल गई तो आरोपी आनंद ने बड़ी चालाकी से, योजना बनाई कि प्रदेश से बाहर एक गौशाला के नाम से संस्था बनाकर बैंक मे किराये का फर्जी एग्रीमेन्ट लगाकर खाता खुलवायेंगें तथा धमका कर प्राप्त किये गये पैसे को उसमें जमा करवाकर निकाल लेंगे।
          योजना अनुरूप, उपरोक्त दोनों आरेापियों ने दिनांक 23/11/19 को आवेदक गौतम जैन पिता मुन्नालाल जैन उम्र 53 साल निवासी 86-87 जानकी नगर इंदौर को वॉयस मैसेज भेजकर धमकाया कि 10 लाख रूपये प्रोटेक्शन मनी दे वरना जान से हाथ धो बैठेगा, चॅूकि फरियादी प्रॉपर्टी से संबंधित व्यापार करता है जिसके चलते आर्थिक स्थिति अच्छी होने से आरोपियों ने व्यापारी को धमकाने हेतु चुना तथा योजनाबद्ध तरीके से उसको बिहार की गैंग बताते हुये पैसे देने के लिये धमकाया। आरोपी को मैसेज पढ़ने के दो घण्टे मे भीतर जवाब देने एवं तीन घण्टे मे पेमेन्ट की व्यवस्था करने की नसीहत आरोपियों ने दी थी।  आरोपी आंनद अग्रवाल को भी पुलिस टीम ने पतारसी कर हिरासत में लिया जिसने पूछताछ में सारा राज उगलते हुये अपना जुर्म कबूल कर लिया।               

उक्त दोनों आरोपियों ने अन्य कई जिलों मे शासकीय अधिकारियों की कॉलोनी मे घूमकर नेमप्लेट पर से नाम पता व पद निकालकर, उन्हीं के ऑफिस के बाबुओं से किसी काम के बहाने अधिकारियों के  माबाईल नंबर हासिल करने का प्रयास भी कर रहे थे। आरोपियों ने इस प्रकार की जानकारी जिला देवास एवं जिला उज्जैन में जाकर संकलित करना बताया जिसका उपयोग वह धमकाकर पैसा प्राप्त करने हेतु करने वाले थे।  आरेापीगण पुलिस से बचने के लिये लोगों को मैसेज भी इंदौर शहर से बाहर जाकर करते थे जिससे उनकी लोकेशन ट्रेस ना हो किंतु पुलिस के जाल से बचने में वह असफल रहे तथा शिकायत मिलते ही पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को धरदबोचा जिनके विरूद्ध थाना भवंरकुआ में अपराध क्रमांक 837/19 धारा 384, 387, 507 भादवि एवं 43 आई टी एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर वैधानिक कार्यवाही की गई।



इन्दौर पुलिस द्वारा स्वास्थ व तनावमुक्ति हेतु, मेडिटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन



इन्दौर-दिनांक 25 नवंबर 2019- पुलिस की तनावपूर्ण व  चुनौतीपूर्ण ड्‌यूटी के चलते,  इन्दौर पुलिस को तनाव मुक्त करनें तथा आतंरिक शांति कें अनुभव के लिए, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इन्दौर शहर श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र के निर्देशन व मार्गदर्शन में आज दिनांक 25.11.19 को पुलिस कंट्रोल रूम सभागृह मे, हार्टफुलनेस संस्था के तत्वाधान में एक तीन दिवसीय मेडिटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें हार्टफुलनेस संस्था के प्रशिक्षकगण एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र द्वारा मेडिटेशन एवं क्लीनिंग की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। 
  हार्टफुलनेस संस्था के श्री राजेश रावेरकर एवं निमेष पालीवाल जी द्वारा हार्टफुलनेस क्या है, इस संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया कि,  अपनी वास्तविक प्रकृति की प्रसन्न एवं पुलकित अवस्था का अनुभव करना ही, हार्टफुलनेस मेडिटेशन है। यह एक बहुत ही सरल, आसान और प्रभावशाली तरीका हैं जिसे आराम से अपने घर पर बैठकर रोजाना किया जा सकता है। हार्टफुलनेस रिलेक्शन हेतु सुकून से बैठकर आखों को आहिस्ता से बंद कर पांव कीऊंगलियों से शुरू कर, पूरे शरीर के अंगों पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्हें रिलेक्स फील करना है। इसें करनें के बाद महसूस करें कि, आपका पूरा शरीर, पूरी तरह तनाव मुक्त होते हुए सुकून की स्थिति मे आ गया है।
  इसमे बताया कि हार्टफुलनेस के नियमित अभ्यास से जीवन मे आनें वाले तनाव से मुक्ति मिलती है एवं मानसिक व शारीरिक स्वास्थ सुदृढ होता है। जीवन मे सकारात्मकता एवं उत्साह का समावेश होता है, हमे इसका अभ्यास नियमित करना चाहिए।
   इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अति पुलिस अधीक्षक क्राइम श्री अमरेंद्र सिंह, उप पुलिस अधीक्षक लाईन श्री अजीत सिंह चौहान, रक्षित निरीक्षक जय सिंह तोमर सहित एसएसपी कार्यालय के समस्त स्टाफ, क्राइम ब्रांच इंदौर और रक्षित केंद्र के अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहें, जिन्होंने उक्त प्रशिक्षण प्राप्त कर, उसे अपने जीवन मे नियमित रूप से शामिल करने के बारें में प्रेरणा लेते हुए, इस संबंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त की गयी।