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आंनदम कोचिंग का संचालक तथा शिक्षक
मिलकर, बिहार की खालिद मुन्नाभाई गैंग के नाम का उपयोग
कर, डरा धमका कर मांग रहे थे व्यापारियों से 10-10
लाख रूपये।
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पैसे ना देने की स्थिति में हाथ-पैर
तोड़कर, अपाहिज करने धमकी देते थे आरोपीगण।
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व्हाट्सऐप पर वॉयस् मैसेज रिकार्ड कर
भेजते थे आरोपी।
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बिहारी भाषा में करते थे मोबाइल पर
रिकार्डिंग, आरोपियों की जेब से मिले धमकी भरे स्वर में
बोले जाने वालेे वाक्यों से लिखित पर्चे।
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वसूली का पैसा, प्राप्त
करने के लिये फर्जी तरीके से रिश्तेदारों के नाम पर खुलवाये बैंक खाते, गौशाला
के ट्रस्ट के नाम पर भी खाता खुलवाकर बसूली का पैसा जमा कराने की थी योजना।
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फर्जी सिम कार्ड का करते थे उपयोग,
पुलिस गिरफ्त से बचने के लिये इंदौर के बाहर से जाकर करते थे मैसेज
ताकि लोकेशन ना हो सके ट्रेस।
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कर्ज चुकाने के लिये पैसों की आबश्यकता
के चलते बनाई व्यापारियों/अधिकारियों को धमका कर पैसा वसूलने की योजना, शिकायत
प्राप्त होते ही पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को धरदबोचा।
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थाना भवरकुआं व क्राईम ब्रांच इंदौर
द्वारा की गई संयुक्त कार्यवाही।
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बड़े व्यापरियों/अधिकारियों को धमकाकर,
पैसा बसूलने की फिराक में थे आरोपी।
इंदौर
दिंनाक 25 नवंबर 2019- इंदौर पुलिस को शिकायत प्राप्त हुई थी कि कोई अज्ञात
व्यक्ति फरियादी गौतम जैन पिता मुन्नालाल जैन उम्र 53 वर्ष को
व्हाट्सऐप पर वॉयस मैसेज रिकार्ड कर भेज रहा है जिसमें वह जान से मारने की धमकी
देते हुये प्रोटेक्शन मनी के नाम पर 10 लाख रूपयों की मांग कर रहा था।
उपरोक्त शिकायत वपुअ कार्यालय (शहर) इन्दौर में प्राप्त होने पर षिकायत को गंभीरता
से संज्ञान में लेते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (शहर) इन्दौर श्रीमती रुचि वर्धन
मिश्र द्वारा अज्ञात व्यक्ति के संबंध में आवशयक तस्दीक कर उसकी पतासाजी हेतु
क्राईम ब्रांच इंदौर निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस
अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर श्री सूरज वर्मा के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
(अपराध) श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्राँच की टीम को योजनाबद्ध तरीके से
इस बिंदु पर कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था।
इसी अनुक्रम में क्राईम ब्रांच की
टीम ने शिकायत जांच के दौरान, उस अज्ञात व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित
करना आरंभ की जोकि फरियादी को व्हाट्सऐप पर ऑडियो मैसेज रिकार्ड कर, 10
लाख रूपये प्रोटेक्शन मनी के नाम पर प्रदाय किये जाने हेतु भेज रहा था तथा
प्रोटेक्शन मनी के पैसे ना देने की स्थिति में अज्ञात व्यक्ति स्वयं को खालिद
मुन्नाभाई गैंग बिहार का सदस्य बताते हुये, फरियादी के हाथ
पैर तोङकर अपाहिज करने की धमकी दे रहा था।
टीम
द्वारा कुशल योग्यता, उच्च व्यवसायिक दक्षता व सूझबूझ का परिचय देते
हुये सूक्ष्मता से तकनीकी जानकारी ज्ञात कर विश्लेषण करते हुये अज्ञात आरोपी की
पहचान संतोष मीणा पिता स्व0 कमल सिंह मीणा ग्राम गंभीर उबारी थाना
किल्लोद हरसूद जिला खण्डवा हालमुकाम 395 इदरीस नगर इंदौर के रूप में की जिसको
पतासाजी करते हुये क्राईम ब्रांच की टीम ने थाना भवंरकुआ पुलिस के साथ संयुक्त
कार्यवाही करते हुये धरदबोचा।
आरोपी
से घटनाक्रम के संबंध में पूछताछ करने पर वह पुलिस टीम को गुमराह करने का प्रयत्न
करने लगा बाद पुलिस टीम द्वारा सख्ती से की गई पूछताछ में आरेापी संतोष ने बताया कि वह आनंदम कोचिंग के संचालक आनंद
अग्रवाल पिता रुपचंद अग्रवाल उम्र 49 साल निवासी फ्लेट नम्बर, 22
ब्लॉक नं ए नवलखा कांपलेक्स इंदौर के यहां गत तीन माह से अंग्रेजी की कोचिंग पढा
रहा था। कोचिंग में विद्यार्थी कम होने से, कमाई नहीं हो
रही थी तथा मेण्टेनेंस में होने वाले खर्च से नुकसान हो रहा था जिसके संचालन के
लिये वह पूर्व से ही लाखों रूपये के कर्ज मे डूबे हुये थे, इसलिए इसलिए
कर्ज चुकाने हेतु पैसों की आवश्यकता के चलते के आरोपी संतोष व आरोपी आनंद अग्रवाल
(कोचिंग संचालक) ने षणयंत्र रचा कि वह व्यापारियों को धमकाने वाली गैंग बना लेते
हैं जिसका नाम खालिद मुन्ना भाई बिहार के नाम पर रखा जायेगा क्योंकि खालिद मुन्नाभाई बिहार का
नामचीन अपहरणकर्ता, एवं कुख्यात अपराधी है जिसके नाम का उपयोग कर
वह लोगों को डरा धमका सकते हैं।
पैसा कैसे वसूला जाये इसकी योजना भी
दोनो ने मिलकर बनाई जिस हेतु अलग अलग बैकों में कई बैंक खाते अन्य व्यक्तियों के
नाम पर खुलवाकर एवं फर्जी तरीके से मोबाईल फोन सिम कार्ड दूसरे व्यक्तियों के नाम
पर प्राप्त कर, कीपैड मोबाईल फोन खरीद डाले जिससे पुलिस गिरफ्त
से बच सकें।
आरोपी संतोष ने अपने गाँव जाकर अपने
रिश्तेदारों के नाम पर बैंक आँफ बङौदा मे ग्राम खिरकिया मे खाता खुलवाये और उनकी
पासबुक एटीएम बनवाकर, आरोपी आनंद अग्रवाल को थमा दी, परनतु
संतोष के दिमाग में उत्सुकतावश जागे प्रश्न, कि यदि
रिष्तेदारों के खाते में पैसे जमा होने से उनके पकड़े जाने पर पोल खुल गई तो आरोपी
आनंद ने बड़ी चालाकी से, योजना बनाई कि प्रदेश से बाहर एक गौशाला के नाम
से संस्था बनाकर बैंक मे किराये का फर्जी एग्रीमेन्ट लगाकर खाता खुलवायेंगें तथा
धमका कर प्राप्त किये गये पैसे को उसमें जमा करवाकर निकाल लेंगे।
योजना अनुरूप, उपरोक्त दोनों
आरेापियों ने दिनांक 23/11/19 को आवेदक गौतम जैन पिता मुन्नालाल जैन
उम्र 53 साल निवासी 86-87 जानकी नगर इंदौर को वॉयस मैसेज भेजकर
धमकाया कि 10 लाख रूपये प्रोटेक्शन मनी दे वरना जान से हाथ
धो बैठेगा, चॅूकि फरियादी प्रॉपर्टी से संबंधित व्यापार
करता है जिसके चलते आर्थिक स्थिति अच्छी होने से आरोपियों ने व्यापारी को धमकाने
हेतु चुना तथा योजनाबद्ध तरीके से उसको बिहार की गैंग बताते हुये पैसे देने के
लिये धमकाया। आरोपी को मैसेज पढ़ने के दो घण्टे मे भीतर जवाब देने एवं तीन घण्टे मे
पेमेन्ट की व्यवस्था करने की नसीहत आरोपियों ने दी थी। आरोपी आंनद अग्रवाल को भी पुलिस टीम ने पतारसी
कर हिरासत में लिया जिसने पूछताछ में सारा राज उगलते हुये अपना जुर्म कबूल कर
लिया।
उक्त दोनों आरोपियों
ने अन्य कई जिलों मे शासकीय अधिकारियों की कॉलोनी मे घूमकर नेमप्लेट पर से नाम पता
व पद निकालकर, उन्हीं के ऑफिस के बाबुओं से किसी काम के बहाने
अधिकारियों के माबाईल नंबर हासिल करने का
प्रयास भी कर रहे थे। आरोपियों ने इस प्रकार की जानकारी जिला देवास एवं जिला
उज्जैन में जाकर संकलित करना बताया जिसका उपयोग वह धमकाकर पैसा प्राप्त करने हेतु
करने वाले थे। आरेापीगण पुलिस से बचने के
लिये लोगों को मैसेज भी इंदौर शहर से बाहर जाकर करते थे जिससे उनकी लोकेशन ट्रेस
ना हो किंतु पुलिस के जाल से बचने में वह असफल रहे तथा शिकायत मिलते ही पुलिस टीम
ने दोनों आरोपियों को धरदबोचा जिनके विरूद्ध थाना भवंरकुआ में अपराध क्रमांक 837/19
धारा
384, 387, 507 भादवि एवं 43 आई टी एक्ट के
तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर वैधानिक कार्यवाही की गई।
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