- · आरोपी को गाजियाबाद से किया गिरफ्तार, जिस पर था 10 हजार रू. का ईनाम
- · लोगों को ठगने में बैंक खातों और पेमेन्ट गेटवे का लिया सहारा
- · वेबसाईट और टेलीकॉलिंग से ठगा बेरोजगार युवकों को, लगभग 5करोड रूपयें का किया है लेन देन
इन्दौर-दिनांक
12 मई 2017- पुलिस
उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर इन्दौर श्री हरिनारायण चारी मिश्रा द्वारा बताया गया कि,
क्राईम
ब्रांच इन्दौर द्वारा पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री मो. युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन
में कार्य करते हुए, गाजियाबाद उ.प्र. से लोगों को नौकरी दिलाने के
नाम पर धोखाधडी के प्रकरण में फरार ईनामी आरोपी आकाशदीप पिता सोहनबीर सिंह चौधरी
निवासी आय. 606 प्रो व्यू लबोनी अपार्टमेन्ट, सेक्टर
6-डी, पब्लिक रिक्रासिंग, इन्दिरापुरम
थाना विजय नगर, गाजियाबाद उ.प्र. को गिरफतार करने में
महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।
ज्ञातव्य है कि, फरियादी सदानन्द
भगत पिता लज्जूराम भगत निवासी कनाडिया के साथ वर्ष 2013 मे नोयडा
सेक्टर 63 स्थित सी.वी. नौकरी सर्विस प्रा.लिमिटेड के कर्ताधर्ताओं द्वारा जॉब
दिलाये जाने के नाम पर रूपयें 46,000-00 की राशि मोबिक्विक एवं रिचार्ज इट नाउ
नामक कम्पनी मे ट्र्रांसफर करते हुए धोखाधडी कारित की गई थी। शिकायत जांच के आधार
पर दिनाक 21.5.2015 को थाना क्राईम ब्रांच इन्दौर में प्रकरण
पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया था।
प्रकरण की विवेचना के दौरान माह फरवरी में सी.वी. नौकरी
सर्विसेस प्रा.लि. के डायरेक्टर एमिटी यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर प्रदीप नरवाल
पिता भंवरसिंह नरवाल निवासी एफ-615 शिप्रा कृष्णा विस्टा अपार्टमेन्ट,
अंहिसा
खण्ड, इन्दिरापुरम, गाजियाबाद उ.प्र. को गिरफतार किया गया
था। गिरफतार आरोपी द्वारा इस कम्पनी में अन्य लोगो के साथ अपने एक अन्य साथी
डायरेक्टर आकाशदीप पिता सोहनबीर सिंह चौधरी निवासी गाजियाबाद के साथ मिलकर करोडो
रूपयें की धोखाधडी कारित किया जाना स्वीकार किया गया था।
प्रकरण की विवेचना के दौरान फरार आरोपी आकाशदीप
की गाजियाबाद के ग्यानखण्ड सेक्टर 1 गाजियाबाद उप्र. में तलाश किये जाने
से उसके द्वारा अपना पता बदला जाना ज्ञात हुआ। नई दिल्ली भेजी गई टीम द्वारा
जानकारी प्राप्त करते आरोपी का गाजियाबाद के क्रासिंग रिपब्लिक ऐरिया में रहना पाया
गया जहां क्राईम ब्रांच टीम द्वारा पतारसी करते आरोपी आकाशदीप चौधरी को हिरासत में
लिया गया।
आरोपी आकाशदीप और आरोपी प्रदीप नरवाल उ.प्र के
मेरठ और सहारनपुर जिलो के रहने वाले है जिनका परिचय गाजियाबाद में एक परिचित के
माध्यम से हुआ था। इसके बाद दोनो ने मिलकर अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर
नोयडासेक्टर-2 में एक कम्पनी सी.वी. नौकरी सर्विसेस प्रा.लि.
के नाम से प्रारंभ की थी। बाद में इन्होने कम्पनी को नोयडा सेक्टर 63 के
बी-65 में शिफट कर दिया था।
आरोपियों द्वारा इस काम के लिये कई लोगो को
हायर किया जाकर टेलीकॉलिंग कराई जाती थी साथ ही कम्पनी की वेबसाईट सी.वी. नौकरी
डॉट कॉम के विजीटर्स का जॉब दिलाये जाने के नाम पर कई आकर्षक पैकेजेस काऑफर दिया
जाकर उनके खाते से राशि को सीधे ही कम्पनी के बैंक खातों और पेमेन्ट गेटवे
मोबिक्विक और सी.सी.एवेन्यू में ट्र्रांसफर कर लिया जाता था। आरोपी आकाशदीप इस
कम्पनी में ऑपरेशसं का काम देखता था जिसके द्वारा इस कम्पनी का काम बडे पैमाने पर
करने के लिए लगभग 200-300 टेलीकॉलर्स/एक्जीक्यूटिव अपाईंन्ट
किये गये थे।
आरोपी आकाश ने बताया कि, कम्पनी के
संचालन के दौरान लगभग 5-6 महिने में ही लोगो की शिकायते आने
चालू हो गई थी जो सही सर्विसेस न देने के कारण था। इस बारे में सी.वी. नोैकरी
सर्विसेस को लेकर देश के कई हिस्सों से शिकायतें आना चालू हो गई थी जिन्हे दोनो ही
आरोपियों द्वारा आवेदकों का पैसा रिफण्ड कर उसे निराकृत कराया गया था।
आरोपी आकाश मूलतः मेरठ का रहने वाला है जो
मलेशिया में भी लगभग 3 वर्ष तक नौकरी कर चुका है। आरोपी आकाश ने मेरठ
विश्वविद्यालय मेरठ से डिफेन्स स्टडीज में पोस्ट ग्रेजुएशन किया गया है और वर्तमान
में गाजियाबाद में ही डिजीटल मार्केटिंग कोर्स कराये जाने के लिए आकाश इंस्टीटयूट
के नाम से कोचिंग क्लास संचालित कर रहा था।
क्राईम ब्रांच की टीम द्वारा विवेचना के दौरान कम्पनी
के बैंक खातों का विश्लेषण करने पर पाया गया कि देश भर से लाखो बेरोजगार युवकों के
माध्यम से बैंक खातों और पेमेन्ट गेटवे के माध्यम से लगभग 5 करोड रूपयें का
लेनदेन किया गया है जिसके बारे में आरोपी आकाशदीप से सीवी नौकरी सर्विसेस में की
गई धोखाधडी के संबंध में और जानकारी प्राप्त की जा रही है।
उक्त आरोपी को पकड़ने में वरिष्ठ
अधिकारियों के मार्गदर्शन में क्राईम ब्रांच इन्दौर की टीम की सराहनीय भूमिका रही।