इन्दौर-दिनांक
17 मई 2017- पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री
हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा अपराध शाखा के अप. क्रं. 12/16 के फरार
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये विशेष प्रयास कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये
गये।उक्त निर्देशों पर पुलिस अधीक्षक मुखयालय इन्दौर श्री मो.युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन
में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रॉच श्री अमरेन्द्र सिह के नेतृत्व में
क्राईम ब्रांच की टीम को, थाना अपराध शाखा के अपराध क्रमांक 12/16
धारा 420,465,467,468,470,471,120 बी भादवि के प्रकरण में फरार आरोपी
रमेश चौरसिया पिता लखखूलाल चौरसिया निवासी 15 घासवाला स्टेट
सानेगुरुजी मार्ग तारेदव मुम्बई हाल 3701 सी ब्लाक लोधा ब्लासिम्स लोवर परेल
मुम्बई को गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है।
पुलिस थाना अपराध शाखा के उक्त धोखाधड़ी
के प्रकरण में आरोपी रमेश चौरसिया फरार था। जिसे पकड़कर पूछताछ की गयी तो उसने
बताया कि वह दुनिया के 15 देशों और देश के विभिन्न 7
राज्यों में आनलाइन सटटा Gameking India
Pvt. Ltd का मालिक हूं और मेरा देश के 7 राज्यों में
आनलाईन सटटे का नेटवर्क है, जिसमें आरोपी रमेश पर 7
राज्यों में 14 प्रकरण दर्ज है। आरोपी रमेश ने बताया कि उसका सालाना टर्नऑवर 200
करोड़ से अधिक है, उसके
द्वारा ऐसा सॉफ्टवेयर बनवाया था जिसमें ग्राहक का हारना तय होता था। कंपनी
एजेन्ट को नियुक्त कर मास्टरआईडी दे देती थी जिसमें ग्राहको द्वारा रोजाना 5
करोड़ से अधिक का सटटा लगाया जाता है।
आरोपी रमेश चैरसिया ने 1976
में बीकॉम प्रथम वर्ष तक हिन्दुजा कॉलेज मुम्बई से शिक्षा प्राप्त की थी। वह 1981
में छोटा सा स्कूल चलाता था इस दौरान बच्चों को गेम खिलाने लगा, भीड़
बढने लगीे तो उसने रुपए का लेन देन शुरु कर दिया। कुछ सालों बाद खुद का साफ्टवेयर
तैयार किया और 1996 में चैरसिया लीसिंग एंड फाइनेंस प्रालि कंपनी
खोल ली। इस कंपनी से उसने करोड़ो रुपए कमाए। कुछ समय बाद रिकनेक्ट टैक्नोलॉजी और
गेम प्रालि कंपनी रजिस्टर्ड कराई। इन कंपनियों में 200 करोड़ का
ट्रांजैक्शन हो चुका है। आरोपी ने गेम प्रालि कंपनी रजिस्टर्ड की उसका आफिस 13/15
घासवाला एस्टेट सानेगुरुजी मार्ग तारदेव मुम्बई में था, जो अभी
रिकन्सट्रशन है। न्यू आफिस 216 सेकंड फलोर केवल इंडस्ट्रीज एस्टेट
लोवर परेल मुम्बई में है। वर्तमान में आरोपी ऐसे मकान में रह रहा था जिसमें पुलिस
उसकों गिरफतार नहीं कर सके और जरुरत पढ़ने पर वह आसानी से भाग सके। लेकिन क्राइम
ब्रांच इंदौर ने चारों और से घेराबंदी कर आरोपी के इरादों को विफल कर दिया।
आरोपी
रमेश चैरसिया द्वारा
कई वषोर्ं से सटटा खिलाने का काम कर रहा था, इसके ऑफिस में
लगभग 15 लोगो का स्टाफ काम करता था। बाम्बे के अतिरिक्त अन्य राज्यों में भी
नेटवर्क फैला हुआ है। मध्यप्रदेश में इंदौर के अलावा उज्जैन, खंडवा,
धार,
दतिया,
मुरैना
ग्वालियर, बड़वानी आदि शहरों में आनलाईन सटटे का गेम खिलाया जाता है तथा एरिया
मैनेजर को आरोपी द्वारा नियुक्त किया जाता था। एरिया मैनेजर दुकानदारों को क्लाइंट
आईडी बनाकर देते है इस आईडी के माध्यम से 1 रुपए का 1 पांइट के हिसाब
से बेचा जाता है। एरिया मैनेजर दुकानदारो को क्लाइंट आईडी देते है और दुकानदार गैम
खेलने वाले कस्टमरों को पाइन्ट देते है। कस्टमर दुकानदार के सिस्टम या मोबाइलों पर
साफटवेयर डालकर खिलाते है। इस गेम में कस्टमर से हार जीत होती है उसमें जीत की
राशि में 10 प्रतिशत एरिया मैनेजर को 50
दुकानदारों का दिया जाता है। अगर कस्टमर जीतता है तो उसकी जीत का पैसा एरिया
मैनेजर देगा और हारता तो पुनःपाइन्ट खरीदेगा।
आरोपी रमेश के मुताबिक उसके विरूद्ध
जालंधर (पंजाब), मेरठ (उ.प्र.), समता नगर
(मुम्बई), आर्थर रोड (मुम्बई), कांदिवली (मुम्बई), लक्ष्मी
नगर (दिल्ली), लुधियाना(पंजाब),फरीदाबाद(हरियाणा),
नागपुर,
उल्लासनगर
नोयडा सेक्टर 58 और 65 (उ.प्र.), फिरोजपुर (पंजाब), इंदौर,
उज्जैन,
धार
(म.प्र.) में विभिन्न अपराध पंजीबद्ध है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि सटटा किंग
आरोपी रमेश ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बना रखा था जिसमें खिलाड़ी का हारना तय होता था।
पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जिससे विस्तृत
पूछताछ की जा रही है।
उक्त शातिर अपराधी को पकड़ने में वरिष्ठ
अधिकारियों के मार्गदर्शन में क्राईम ब्रांच इन्दौर की टीम की महत्वपूर्ण एवं
सराहनीय भूमिका रही।