इन्दौर -दिनांक 22 मई 2012- जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री एण्केण् स्वर्णकार ने बताया कि माननीय बारहवें अपर सत्र न्यायाधीद्गा महोदय इंदौर श्री पी.के. सिन्हा सा. द्वारा सत्र प्रकरण क्रंमाक 281/10 में निर्णय पारित करते हुये प्रकरण के आरोपी आनंद पुरोहित पिता दौलतराम निवासी ए एम 2 - 23 सुखलिया इंदौर एवं आरोपी संतोष पिता सुखदेव वानखेडे निवासी 289 इन्द्रा एकता नगर को धारा 466/34 भादवि में दोषी पाते हुये तीन-तीन वर्ष के कठोर कारावास एवं दो-दो हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 19.11.2009 को फरियदी विवेक उपाध्याय निवासी धनवंतरी नगर इंदौर ने एक लेखी आवेदन पत्र नगर पालिका निगम इंदौर को पेद्गा किया कि 9.11.2009 को दोपहर दैनिक सिटी ब्लास्ट में छपी खबर के अनुसार नगर निगम द्वारा विधायक रमेद्गा मेंदोला एवं कैटरीना कैफ के विवाह प्रमाण पत्र का जारी होना बताया गया एवं साथ ही राहुल गांधी का विवाह प्रमाण पत्र जारी होने की सूचना प्राप्त हुई है उक्त प्रमाण पत्र नगर निगम विवाह पंजीयन विभागद्वारा जारी नही किया गये है प्रमाण पत्रों ने नगर निगम की सील व साईन की हुबहु नकल कर जाली प्रमाण पत्र कतिपय व्यक्तियों द्वारा दुर्भावना व छवि धूमिल करने के प्रयास के तहत किया गया है। दस्तावेजों के साथ हेरफेर कर संज्ञेय अपराध किया।
उक्त प्रकरण को माननीय बारहवे अपर सत्र न्यायाधीद्गा महोदय द्वारा विचारण किया जाकर प्रकरण के उक्त दोनों आरोपियों को धारा 466/34 भादवि में सजा से दंडित किया गया।
प्रकरण में शासन पक्ष की ओर से पैरवी श्री पीएल मालवीय अति. लोक अभियोजक द्वारा की गयी।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 19.11.2009 को फरियदी विवेक उपाध्याय निवासी धनवंतरी नगर इंदौर ने एक लेखी आवेदन पत्र नगर पालिका निगम इंदौर को पेद्गा किया कि 9.11.2009 को दोपहर दैनिक सिटी ब्लास्ट में छपी खबर के अनुसार नगर निगम द्वारा विधायक रमेद्गा मेंदोला एवं कैटरीना कैफ के विवाह प्रमाण पत्र का जारी होना बताया गया एवं साथ ही राहुल गांधी का विवाह प्रमाण पत्र जारी होने की सूचना प्राप्त हुई है उक्त प्रमाण पत्र नगर निगम विवाह पंजीयन विभागद्वारा जारी नही किया गये है प्रमाण पत्रों ने नगर निगम की सील व साईन की हुबहु नकल कर जाली प्रमाण पत्र कतिपय व्यक्तियों द्वारा दुर्भावना व छवि धूमिल करने के प्रयास के तहत किया गया है। दस्तावेजों के साथ हेरफेर कर संज्ञेय अपराध किया।
उक्त प्रकरण को माननीय बारहवे अपर सत्र न्यायाधीद्गा महोदय द्वारा विचारण किया जाकर प्रकरण के उक्त दोनों आरोपियों को धारा 466/34 भादवि में सजा से दंडित किया गया।
प्रकरण में शासन पक्ष की ओर से पैरवी श्री पीएल मालवीय अति. लोक अभियोजक द्वारा की गयी।