इन्दौर
11 मई 2017-पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) जिला इन्दौर श्री मो.
यूसुफ कुरैशी ने बताया कि वर्ष 2017 के प्रथम चार माह में यातायात सुधार
हेतु विभिन्न कार्य किये गये थे जिनके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुये है, जिसके
अन्तर्गत प्रथम चार माह में दुर्घटनाओं में 18 % की कमी आई
है।
पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) श्री कुरैशी ने बताया
कि माह दिसम्बर 2016 में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, इन्दौर
जोन इन्दौर श्री अजय शर्मा एवं पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री
हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा इन्दौर जिले में हो रही, यातायात
दुर्घटनाओं की समीक्षा की गई थी तथा दुर्घटनाओं के मुखय कारण व दुर्घटना बाहुल्य
क्षेत्रों को चिन्हित कर दुर्घटना में कमी लाने हेतु यातायात पुलिस इन्दौर को
आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये थे। उक्त निर्देशों पर इन्दौर पुलिस द्वारा
कार्यवाही की गयी। जिसमें विगत 3 वर्षो में हुई यातायात दुर्घटनाओं की
समीक्षा की गई तो पाया गया कि वर्ष 2014 में कुल 439 व्यक्तियों की
मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं में हुई थी, जबकि 2015 में 444
तथा वर्ष 2016 में 431 लोगो ने सड़क
दुर्घटनाओंमें अपनी जान गंवाई थी। इसी
प्रकार वर्ष 2014 में कुल 5784 दुर्घटनाएं हुई
थी, जो वर्ष 2015 में बढकर 5873 हो गई तथा वर्ष
2016 में यह आकडा 5143 का रहा।
दुर्घटनाओं के कारणों की विस्तृत समीक्षा करने
पर पाया गया कि विगत वर्षो में इन्दौर का चौमुखी विकास हुआ है, जहां
बढती हुई गाडियों की संखया तथा बढती हुई जनसंखया के कारण दुर्घटनाओं का आकंडा बढा
है वहीं अनेक अवसरों पर सड़क व चौराहों पर यातायात इंजीनियरिंग की कमी तथा वाहन
चालकों की लापरवाही भी दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण रहा है। गहन समीक्षा करने पर वाहन चालकों द्वारा शराब
पीकर वाहन चलाना, तेज गति से वाहन चलाना एवं मोबाईल पर बात करने
हुए वाहन चलाना दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण के तौर पर सामने आये। विगत 10
वर्षो की सड़क दुर्घटनाओं का विश्लेषण करने के उपरान्त जिला इन्दौर में 30
ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया जहॉ दुर्घटनाऍं अधिक हुई है इन स्थानों को ब्लैक
स्पॉट का नाम देकर प्रत्येक स्थान की ड्रोन कैमरों से रिकार्डिग कराई गई, जिसमें
उक्त चौराहे/दुर्घटनास्थल की भौगोलिक स्थिति, यातायात दबाव
एवं तकनीकी पहलुओं का अध्ययन करदुर्घटनाओं के कारण खोजे गये। उक्त विश्लेषण पर
पाया गया कि प्रत्येक ब्लैक स्पॉट पर दुर्घटना के लिये अलग-अलग कारण जिम्मेदार है।
सामान्य कारण जो प्रमुखता से सामने आये वह यह रहे- अंधा मोड होना, दूसरे
दिशा से आने वाले यातायात का दूर से दिखाई न देना, रोड पर पर्याप्त
प्रकाश न होना, यातायात संकेतकों का न होना एवं स्पीड ब्रेकर
का न होना। इन सभी कमियों को दूर करने के लिए जिम्मेदार विभागो/एजेन्सियों से
समन्वय कर सुधार करवाये गये। शराब पीकर
वाहन चलाने वाले, तेज गति से वाहन चलाने वाले एवं माबाईल पर बात
करने वालों के विरुद्ध अधिक से अधिक दण्डात्मक कार्यवाही हेतु यातायात के
अधिकारियों को सक्रिय किया गया। उपरोक्तानुसार दुर्घटनाओं में कमी लाने में
यातायात पुलिस कर्मचारियों का विशेष सराहनीय योगदान रहा, उनके द्वारा
नियमित रूप से दुर्घटना घटित करने वाले कारकों पर कार्यवाही की गई। इस दौरान
यातायात पुलिस इन्दौर द्वारा तुलनात्मक रूप से निम्न चालानी कार्यवाही की गयी-
चालानी
कार्यवाही 2015 2016 2017
शराब
पीकर वाहन चालन 24 1443 1842
तेज
गति से वाहन चालन 41 3 454
मोबाईल
पर बात करते हुए वाहन चालन 615 810 1209
प्रथम चार माह की समीक्षा से पाया गया कि
यातायात पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों की लगातार सक्रियता व प्रभावी
कार्यवाही के कारण दुर्घटनाओं में कमी लाने का कठिन लक्ष्य यातायात पुलिस इन्दौर
पुलिस द्वारा हासिल किया गया है। इस कार्य की सराहना अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक,
इन्दौर
जोन, इन्दौर एवं पुलिस उप महानिरीक्षक, इन्दौर शहर
द्वारा की गई एवं भविष्य में भी इसी प्रकार कार्य करने के निर्देश दिये गये है।
इन्दौर पुलिस द्वारा किये गये इन सभी प्रयासों
के सकारात्मक परिणाम वर्ष 2017 के प्रथम चार माह में हुये दुर्घटना के
आकंडो से स्पष्ट रूप से नजर आये है :-