इन्दौर -दिनांक 12 जून 2013- पुलिस अधीक्षक पूर्वी क्षैत्र इंदौर श्री ओ.पी. त्रिपाठी ने बताया कि दिनांक 05/06/2013 को थाना बाणगंगा क्षैत्र अरविन्दो मेडीकल कॉलेज के सामने निर्माणाधीन करोल बाग टाउनशीप के आगे खुले मैदान में एक महिला की लाश मिली थी। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी बाणगंगा योगेश सिंह तोमर द्वारा तत्काल घटनास्थल पर पहुॅचकर कार्यवाही प्रारंभ की गयी। पुलिस उपमहानिरीक्षक इंदौर श्री राकेश गुप्ता के मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक श्री ओ.पी. त्रिपाठी , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आबिद खान एवं नगर पुलिस अधीक्षक श्री के.के. शर्मा तथा ज्यैष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुधीर शर्मा द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण कर मामलें की गंभीरता से पड़ताल कर अज्ञात आरोपियों का शीर्घ पता लगानें के निर्देश दिये गये। उक्त महिला की पहचान उसके बेटे अनिल व सुनील के द्वारा सौरम बाई पति नानूराम भील (40) निवासी ग्राम सिरसिया थाना मंडलेश्वर जिला खरगोन हाल करोलबाग स्थित झोपड़ी के रूप में की गयी। मृतिका के लड़के सुनील की रिपोर्ट पर थाना बाणगंगा में हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया। परिजनों द्वाराबताया गया कि दिनांक 02.06.13 रविवार को मृतिका शाम को अंधेरा होते ही पानी की बोटल लेकर शौच के लिये गयी थी, इसके उपरांत उपरांत वह लौट कर नही आयी। सभी परिजन उसे दो दिन तक तलाश करते रहे। दिनांक 05.06.13 बुधवार को अनीताबाई के द्वारा मृतिका को घटना स्थल पर मृत पड़े पाया।
मामले की विवेचना के दौरान मृतिका सौरमबाई के साथ काम करने वाले तथा उससे मिलने जुलने वाले लोगों के संबां में जानकारियॉ जुटायी गयी, इस दौरान पता चला कि करोलबाग के बगल में निर्माणाधीन मल्टी सिद्वान्ता में सेन्टिग का काम करने वाला शंकर पिता बाबूलाल चौधरी (35) निवासी मुमताज बाग खजराना का मृतिका से मिलना जुलना था। शंकर की जमीन का प्रकरण जलगॉव महाराष्ट्र में चल रहा हैं, इसके लिये शंकर ने मृतिका से तीन माह पहले 15 हजार रूपयें उधार लिये थे। जांच में यह भी पता चला कि घटना के अगले दिन सोमवार को शंकर काम पर भी नही आया था। शंकर पूर्व में मृतिका के निवास पर मिलने आता रहता था, किन्तु घटना के बाद से कभी नही आया। शंका होने पर शंकर से पूछताछ की गयी तो उसने सौरमबाई की हत्या करना स्वीकार किया।
दिनांक 02.06.13 कोशंकर ने सौरमबाई के साथ घटना स्थल पर साथ बैठकर बीयर पी थी, तभी सौरमबाई ने अपनी उधारी के 15 हजार रूपयें शंकर से मांगे। शंकर द्वारा रूपयें देने में आना कानी करने पर मृतिका भद्दी-भद्दी गालियॉ देने लगी। इस पर शंकर ने बीयर की बोतल मृतिका के सिर में मारी, जिससे मृतिका जमीन पर पड़ गयी, जिससे शंकर घबरा गया फिर शंकर ने बड़ा पत्थर मृतिका के सिर मे मारकर हत्या कर दी तथा मृतिका के मोबाईल से सिम निकाल कर नाले में फेंक दी तथा मोबाईल जंगल में फेंक दिया व भाग गया।
उक्त अंधेकत्ल का पर्दाफाश करने में उपनिरीक्षक आर.एस. शाक्य, प्रधान आरक्षक राजकुमार, आरक्षक संतोष, घनश्याम, जितेन्द्र सिंह की भूमिका सराहनीय रही।