इन्दौर-दिनांक
17 अक्टूबर 2016-दिनांक 16.10.2016 को
मृतिका जैनी पिता गणेश भिलाला उम्र 3 वर्ष निवासी हिम्मतगढ नावदापंथ धार
रोड़ इंदौर को उसके परिजन जिला अस्पताल में शाम के समय लेकर पहुंचे। बच्ची को चेक
करने के उपरांत डॉक्टर द्वारा मृत घोषित किया गया व शव को पोस्टमार्टम हेतु,
शव
गृह में रखवाने के लिये कहा गया, किंतु मृतिका के परिजन उसकी लाश को लेकर
अपने घर चले गये। जिला अस्पताल से सूचना मिलने पर पुलिस थाना चंदन नगर द्वारा
परिजनों को पोस्ट मार्टम हेतु समझाया गया किंतु वह तैयार नही थे। पुलिस द्वारा
समझा बुझाकर बच्ची की लाश को लाकर शव गृह में रखवाया गया।
आज दिनांक 17.10.2016 को शव
पंचायतनामा के समय मृतिका के गले पर चोट के निशान दिखाई दिये। चोटों के आधार पर
प्राथमिक तौर पर गला दबाकर बच्ची की हत्या किया जाना पाया गया। एफएसएल टीम के
द्वारा भी मृत बच्ची की लाश का निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के
आधार पर एवं शार्ट पीएम रिपोर्ट प्राप्त होने पर स्पष्ट तौर पर पाया गया कि बच्ची
की गला दबाकर हत्या की
गई है। जिस पर पुलिस थाना चंदन नगर द्वारा धारा 302 भादवि. के तहत
हत्या का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई।
प्रकरण में एक अबोध बालिका की हत्या के मामले
को दृष्टिगत रखते हुए, उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष
कुमार सिंह द्वारा प्रकरण में तत्काल, अज्ञात आरोपियों का पता लगा कर
कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। उक्त निर्देश के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक
पश्चिम श्री डी. कल्याण चक्रवती एवं अति.पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्री रूपेश द्विवेदी
के मार्गदर्शन में, नगर पुलिस अधीक्षक अन्नपूर्णा श्री सुनिल कुमार
पाटीदार की देखरेख में थाना प्रभारी चंदन नगर योगेश सिंह तोमर की टीम द्वारा
विवेचना प्रारंभ की गयी। पुलिस टीम द्वारा सभी बिन्दुओं को दृष्टिगत रखते हुए,
संघन
पूछताछ की गई व चार घंटे के अंदर ही प्रकरण के आरोपी दिलीप पिता बदिया भिलाला (23)
निवासी
उखलेश्वर थाना बलवाडा जिला खरगौन को
गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस टीम द्वारा मौके पर उपस्थित गवाहों व
परिजनों से सघन पूछताछ की गई तो पाया गया कि मृतिका बच्ची जैनी का सगा मामा जो कि
बच्ची के माता पिता के पास ही मजदूरी करने करीब एक माह पूर्व ही आकर रहने लगा था,
जो
अंतिमबार भी बच्ची के पास देखा गया था। शुरूआती पूछताछ में मामा दिलीप के द्वारा
हत्या करने से इंकार किया गया किंतु जब विस्तृत पूछताछ की गई तो वह टूट गया व
हत्या करना स्वीकार किया गया। आरोपी दिलीप ने बताया कि जैनी को रोने से रोकने के
लिये पहले दो थप्पड मारे गये, किंतु जब वह और ज्यादा रोने लगी तो
दिलीप ने गुस्से में आकर उसका इतनी जोर से गला दबाया कि उसकी मौके पर ही मौत हो
गई। घटना के उपरांत दिलीप पास के खेत में जाकर काम करने लगा। छोटे बेटे को अस्पताल
दिखाने गई बच्ची मां जब घर लौटी तो, पूछने पर दिलीप ने अपनी बहन को बताया
अचानक जैनी की तबियत खराब होने से इसको उल्टी होने लगी थी फिर यह सो गई थी। मां
रीना के द्वारा अपने पति को बुलाया गया फिर यह जैनी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे।
पुलिस थाना चंदन नगर की सजगता व व्यवसायिक दक्षता के कारण ही उक्त हत्या के प्रकरण
का खुलासा होकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
उक्त हत्या का पर्दाफाश कर, आरोपी
को पकड़ने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में, थाना प्रभारी
चंदन नगर श्री योगेश सिंह तोमर, उनि. अशरफ अली अंसारी, उनि.
वाय.एस. रघुवंशी, आर पंकज सावरिया, आर. आरिफखान,
आर.
संजीव शर्मा तथा आर. विरेन्द्र कुमार चौधरी की सराहनीय भूमिका रही।