इन्दौर -दिनांक १० अगस्त २०११- अति० पुलिस अधीक्षक, अपराध इन्दौर श्री मनोज कुमार राय को मुखबीर से सूचना सूचना प्राप्त हुई थी कि एक लूट सहित हत्या का फरार आरोपी शहर में घूम रहा हैं। सूचना पर उप पुलिस अधीक्षक, अपराध इन्दौर श्री जितेन्द्रसिंह द्वारा निरीक्षक यू.एस. बोराना की टीम के आरक्षक रामप्रकाश बाजपेयी, राजभान, ओंकारनाथ शुक्ला, रामदुलारे यादव, रफीक खान को मुखबीर द्वारा बतायी गयी सूचना की तस्दीक हेतु लगाया गया। उपरोक्त टीम द्वारा मुखबीर द्वारा बताये गये हुलिये के आधार पर थाना जूनी इन्दौर क्षेत्र से एक व्यक्ति को पकड़ा तो उसने अपना नाम व पता गलत बताया तब क्राईम ब्रांच की टीम द्वारा जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना नाम रवि उर्फ रविन्द्र उर्फ रवि बारीक पिता कैलाश सौलंकी (२८) नि० द्वारकापुरी इन्दौर बताया।
आरोपी से पूछताछ करने पर बताया कि थाना रावजी बाजार के क्षेत्र में वर्ष २००३ में अपने साथी प्रफुल्ल मराठा, छोटू रामसिंह के साथ मिलकर मुनीम खेमराज की हत्या कर लूटपाट करना बताया। इस अपराध में वर्ष २००४ में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी जिसमें वह करीब ५ वर्ष तक सेन्ट्रल जेल इन्दौर में रहा तथा ट्रांसफर पर जबलपुर सेन्ट्रल जेल में रहा। वर्ष २००९ में जबलपुर से इन्दौर कोर्ट पेशी अन्य २५ आर्म्स एक्ट के मामले में लाया गया था बाद पेशी के ट्रेन द्वारा जबलपुर वापस जाते समय इटारसी रेल्वे स्टेशन से पुलिस कर्मचारियों को धक्का देकर हथकड़ी सहित चलती ट्रेन से कूद कर भाग गया था। उपरोक्त घटना की रिपोर्ट पर से थाना जीआरपी इटारसी पर अप०क्र० १६३/०९ धारा २२४ भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया था, तब से ही आरोपी फरार चल रहा था तथा अपना नाम व पता छुपाकर गुजरात व खण्डवा जिले के पुनासा डेम पर फरारी काटना बताया और भी अपराधों में पूछताछ की जा रही हैं।
आरोपी के विरूद्ध थाना चंदननगर, रावजीबाजार, जूनी इन्दौर में हत्या, लूट, आर्म्स एक्ट के अपराध पंजीबद्ध होकर थाना जूनी इन्दौर का स्थायी वारंटी हैं। आरोपी को अग्रिम कार्यवाही हेतु थाना जूनी इन्दौर सुपुर्द किया गया व इटारसी जीआरपी व सेन्ट्रल जेल जबलपुर को कार्यवाही हेतु आरोपी के पकड़ाने की सूचना दी गयी हैं।