इंदौर
- दिनांक 13 दिसंबर 2019- वरिष्ठ पुलिस
अधीक्षक इंदौर श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र व्दारा संपत्ति सबंधी वारदातों पर अंकुश
पाने, तथा पूर्व में घटित हुई घटनाओं के अज्ञात आरोपियों तथा गिरोहों की
पतारसी कर उनकी धरपकड़ करने हेतु इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशो
के तारतम्य मे पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर श्री सूरज वर्मा के मार्गदर्शन मे
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध) श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच की एक
स्पेशल टीम का गठन किया जाकर उसको अज्ञात लूट तथा चोरी/डकैती की वारदातों को
अंजाम देने वाली अज्ञात गिरोहों की पहचान सुनिश्चित कर उनकी धरपकड़ करने हेतु
समुचित दिशानिर्देश दिए गए थे ।
इसी अनुक्रम मे क्राइम ब्रांच की
गठित टीम द्वारा थाना जूनी इंदौर के अप.क्र 252/19 धारा 379
भादवि, थाना किशनगंज के अप.क्र 270/19 धारा 379
भादवि , थाना सांवेर के अप.क्र 249/19 धारा 379 भादवि एवं थाना
बङगौंदा के अप.क्र .181/19 धारा 392 भादवि तथा अन्य घटनाओ के घटना स्थल से तकनीकी जानकारी
तथा फुटेज आदि प्राप्त कर उनका गहन अध्ययन किया जाकर यह ज्ञात किया गया कि उपरोक्त
वारदातों को अंजाम देने वाले संदिग्ध उड़ीसा राज्य के रहवासी हो सकते हैं। मैदानी
स्तर पर क्राइम ब्रांच की द्वारा कई महीनों तक उपरोक्त घटनाआें के संबंध में गहन अध्ययन किया जाकर गिरोह के संबंध
में कुछ महत्वपूर्ण सुराग हासिल किये जिसके परिपेक्ष्य में यह शंका जाहिर हुई कि
घटनाओं को अंजाम देने वाला गिरोह , जाजपुर ओड़िशा से आया था।
वरिष्ठ अधिकारियों के दिशानिर्देशानुसार
क्राईम ब्रांच की टीम थाना सांवेर पुलिस के साथ आरोपियों की तलाष में जाजपुर,
ओड़िशा
रवाना हुई जहां करीबन 02 सप्ताह तक गिरोह के संबंध में क्षेत्रीय स्तर
पर सूचना संकलन कर, संदिग्धों की तलाष की गई, मेहनत
व लगन से कार्य करते हुये पुलिस टीम ने आरेपियों का भौतिक सत्यापन कर उनकी पहचान
सुनिश्चित कर ली जिनके निवास स्थलों पर दबिश
देने पर पुलिस टीम को ज्ञात हुआ कि वे अपने घरां से रवाना होकर पुनः
वारदातें करने की नियत से म0प्र0 निकले हैं। टीम
ने आरोपियों के संबंध में लगातार सूचना संकलित करते हुये यह ज्ञात किया कि वह पुनः
इंदौर वारदातें करने के लिये पहुँचे है जिसकी पतारसी कर, आरोपीगण 1.
मनोज
दास पिता विजयदास उम्र 20 साल जाति केला निवासी मुण्डमाल जिला
जाजपुर (उङीसा) एवं आरोपी 2. सतीश दास पिता स्व0
रामदास निवासी ग्राम पूर्वाकोट थाना कोरई जिला जाजपुर (उङीसा) को मालवा ढाबा
सांवेर रोड बायपास पर से पकड़ा गया जिनकी तलाषी लेने पर आरोपी सतीष के कब्जे से
सोने की अंगूठी, 02 जोड़े सोने की बालियां, 01
जोड़ सोने की झुमकी, 01 जोड़ सोने के कान के टाप्स, सोने
का बना हुआ मंगलसूत्र, पेण्डल
तीन जोड़ी चांदी की पायजेब, सत्तरह जोड़ बिछिया, बरामद
हुये तथा आरोपी मनोज के कब्जे से 03 जोड़ बड़ी पायजेब, हाथकड़ा,
14
जोड़ बिछिया, 01 सोने का पेण्डल, 01 सोने की अंगूटी,
सोने
से कान के कुण्डल च लटकन, बरामद हये हैं। इस प्रकार दोनों
आरोपियों के कब्जे से कुल कीमती मश्रूका लगभग 05 लाख रूपये का
बरामद किया जाकर दोनों आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में लिया जाकर, विस्तृत
पूछताछ की गई।
आरोपियों से, थाना जूनी इंदौर
अपराध क्रमांक 252/19 धारा 379 भादवि की
वारदात का भी खुलासा हुआ है जिसमें आरोपियों ने स्टील व्यापारी की कार को पंचर
होना बताकर उसे उलझा दिया था तथा 27, 25, 000/- रू से भराद बैग
लेकर गायब हो गये थे। थाना किषनगंज के अप0
क्र0 270/19 धारा 379 भादवि में
विल्डर व ट्रांसपोर्ट व्यापारी की कार का कांच तोड़कर 12 लाख 30
हजार रूपये से भरा बैग गायब करने की वारदात का भी खुलासा हुआ है। थाना सांवेर में
ज्वैलरी की दुकान में लगे ताले में फेवीकोल डालकर मालिक को ताला खोलने में उलझाया
तथा उसका बैग लेकर आरेपीगण भाग गये थे जिसमें लगभग 10 लाख रूपये की
ज्वैलरी हुई थी। आरेपियों ने धार जिले में भी एक ज्वैलर्स के यहां वारदात करना
कबूला। उपरोक्त दोनों आरोपियों ने वारदातों में शामिल सभी आरोपियों के नाम पुलिस
को बताये हैं जिनकी तलाष की जा रही है जिनके कुछ साथी उ0प्र0 के
झांसी, बांदा, कानपुर, भरतपुर आदि
जगहों पर पकड़े भी जा चुके हैं इस संबंध में तस्दीक की जाकर अग्रिम कार्यवाही की जा
रही है। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि सभी आरेपियों के विरूद्ध दर्जनों अपराध विभिन्न
राज्यों में पंजीबद्ध है तथा कई प्रकरणों में यह फरार चल रहे हैं।
पूछताछ में बहुत ही चौकाने वाले तथ्य
सामने आये जिसमें दोनों आरोपियों ने बताया कि
चोरी करने के उद्देष्य से उनकी दो टीमें रवाना हुई थी जिसमें 04-04
लोगों के दो अलग अलग गुट थे, आरोपियों ने मोटरसाइकिलें कटक से
उज्जेन के लिए बुक कराई थी। उज्जैन आकर गिरोह ने दो पहिया वाहन प्राप्त किये तथा
किराये का मकान लेकर उज्जैन में ही रहने का आषियाना बनाया। तत्समय आरोपीगणों ने
उज्जैन व आसपास के जिलों मे चोरी व लूट की वारदातों को अंजाम देना बताया। दोनों
आरोंपियों ने बताया कि जाजपुर ओड़िषा से आये हुये एशू, एशाराव, राजू,
षिवा
उर्फ करन भी इनके साथ घटनायें करते थे तथा गैंग का मुखिया एवं संचालन कर्ता बिज्जू
है जोकि पूर्वाकोट ओड़िषा का रहना वाला है, सरगना गिरोह के सदस्यों को फर्जी सिम,
की-पैड
वाले सस्ते मोबाइल तथा गैंग के सदस्यों की मोटरसाइकिलों को बुक कराना, सदस्यां
के आने जाने के टिकिट कराना एव इंटरनेट के माध्यम से वारदात करने की जगह का लोकेशन
बताना एवं नकली दस्तावेज बनाकर रुकने आदि के सारे खर्चों का वहन करने संबंधी कार्य
भी करता है। गिरोह के सभी सदस्य घटनाओं से प्राप्त मश्रूका व राशि को बिज्जू को
सौंप देते थे बाद जेवरातों को बेचने का कार्य बिज्जू द्वारा ही किया जाता है एवं
हिस्सा बंटवारा भी खर्च काटकर, ज्यादा हिस्सा रखकर, कार्यशैली
के हिसाब से गैंग के सदस्यो को बांटा जाता है, पकङे जाने पर
आरोपियो को छुङाना, वकील करना तथा पकङे गये आरोपियों के परिवार का
भरणपोषण करने का कार्य भी बिज्जू के द्वारा ही किया जाता है इसी प्रकार से
पूर्वाकोट ओड़िशा की कई गैंग सक्रिय हैं, जिसमें करीब 200 से 250
लोग पूरे भारत में अलग-अलग तरीके की लूट, चोरी, डकैती आदि की
वारदातों को अंजाम देते हैं। आरोपीगण इतने शातिर है कि मोबाईल फोन का एक बार उपयोग
कर, वर्षों के लिये बंद कर लेते हैं तथा अन्य वारदात में नया फोन तथा नई
फर्जी सिम का उपयोग करते हैं इसीलिये ये हमेशा सस्ती कीमत के कीपैड फोन रखते थे।
गिरोह, ज्वेलरी की
दुकान की रैकी, सुबह दूकान खुलने के पूर्व लगभग दो-तीन दिनों
तक करती है जिसमें दुकान के खुलने बंद होने का समय एवं दुकान खोलने वाले व्यक्तियो
की संख्या उनके व्दारा ज्वेलरी से भरा बैग लाया जाता है या नहीं आदि की रैकी करते
हैं। संबंधित दुकान की पूरी जानकारी संकलित करने के पश्चात पूरी गैंग मो.सा. के
साथ दुकान के आसपास सक्रिय हो जाती थी,
उनमे से एक व्यक्ती दुकान मे लगे तालों मे लकड़ी या फेविकोल डाल देता
था जिससे दुकानदार अपने साथ लाये गये जेवरात से भरा बेग पास मे रख कर ताला खोलने
की कोशिश करने लगता है, जिससे दुकानदार का पूरा ध्यान ताले पर ही रहता
है, उसी का फायदा उठाकर आरोपीगण मे से बैग उठा कर, रफूचक्कर हो जाते थे।
गिरोह, व्यापारियों को
लूटने, ज्वैलरी शॉप में चोरी करने, चार पहिया वाहनों के कांच तोड़कर,
उनमें
से बैंग चुराने, बैंकों में आने जाने वाले ऐसे लोग जिनके पास
रकम हो उनकी रैकी कर, रास्ते में लूटने संबंधी वारदातों को अंजाम
देती है।
आरोपीगण
कभी कभी वारदात को अंजाम देने के लिये आपस मे लडाई झगडा करने लगते है, जिससे
कार मे बैठे व्यक्ति का ध्यान भंग हो जाता है, और आरोपीगणों मे
कोई एक व्यक्ती उसकी कार से बेग चुरा लेता है। आरोपीगणों की गैंग जिस शहर मे
किराये का मकान लेकर रहती है, उस शहर में तथा आसपास के इलाकों मे लगातार कई महीनो तक वारदात
करती है। इस बीच मे यदि वारदात करने मे सफलता नहीं मिलती है तो ये लोग अपने खर्चे
के लिये चेन स्नेचिंग जैसी घटनाओं को भी अंजाम देते थे। गिरोह की वारदातों में सभी
आरोपियों के नाम पता ज्ञात हो चुके हैं जिनकी पहचान सुनिश्चित होने से उनकी
गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।
इसके
अलावा थाना पीथमपुर व इण्डोरामा की भी घटनाओं को आरेपियों ने कबूला है। इसी प्रकार
की तरीका वारदात के आधार पर अन्य जिलों में कारित की गई घटनाओं के संबंध में
जानकारी ज्ञात की जा रही है।