Sunday, August 2, 2015

दिन दहाड़े सियागंज मे हुई लूट के प्रयास की घटना का पर्दाफाश, लूट के चारों अपराधियों को अवैध हथियार सप्लाय करने वाले तीन आरोपियों सहित कुल सात आरोपी गिरफ्‌तार


इन्दौर-दिनांक 02 अगस्त 2015-पुलिस थाना सेन्ट्रल कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 21.07.15 को सियागंज में शिव सुपारी स्टोर्स पर हुई लूट के प्रयास की घटना का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरफ्‌तार करने में पुलिस को सफलता प्राप्त हुई है।
                दिनांक 21.07.15 को सियागंज में शिव सुपारी स्टोर्स  के आफिस पर दिन दहाडे़ लूट की कोशिश की गई थी। घटना दिनांक को मौके पर ही एक आरोपी राधेश्याम उर्फ बाबा पाल पिता मोहनलाल पाल निवासी गडरिया मोहल्ला इन्दौर को लोगो ने एक देशी पिस्टल सहित पकड़ लिया था। घटना में शामिल एक अन्य आरोपी मौके से फरार हो गया था। उक्त घटना पर पुलिस थाना सेन्ट्रल कोतवाली पर आरोपियों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 225/15 धारा 393 भादवि व 25,27 आर्म्स एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
                घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा प्रकरण के अन्य आरोपियों की पतारसी कर गिरफ्‌तारी करने हेतु आवश्यक निर्देश दिये गये। उक्त निर्देश पर पुलिस अधीक्षक पूर्व श्री ओ.पी. त्रिपाठी, अति. पुलिस अधीक्षक पूर्व जोन-2 श्री बिट्‌टू सहगल एवं नगर पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रभा चौहान के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सेन्ट्रल कोतवाली के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। पुलिस टीम ने पकडे़ गए आरोपी राधेश्याम पाल से पूछताछ की तो उसने बताया कि उक्त घटना में उसके साथ दीपक पटेल, विष्णु उपाध्याय और राकेश जादम भी शामिल थे। घटना पर मौके से दीपक पटेल फायर कर भाग गया था, जिसे पुलिस टीम ने गिरफ्‌तार कर उससे पूछताछ की गई तो दीपक ने घटना के संबंध में कई चौकाने वाली जानकारी दी।
                आरोपी दीपक ने बताया कि घटना का मास्टर माईंड जीएनटी मार्केट स्थित रघुनाथ इंडस्ट्रिज का मालिक विष्णु पिता बद्रीलाल उपाध्याय है। उक्त घटना की योजना एक महीने पूर्व जीएनटी मार्केट स्थित विष्णु उपाध्याय की फैक्ट्री पर बनाई गई थी। योजना में विष्णु उपाध्याय की फैक्ट्री में काम करने वाला दीपक पटेल, विष्णु का दोस्त राकेश जादम, राधेश्याम पाल तथा स्वयं विष्णु भी शामिल था। विष्णु को यह मालूम था कि आफिस में लाखो रूपयों का लेन-देन होता है। योजना के अनुसार दीपक व राधेश्याम शिव सुपारी के आफिस में अंदर घुसेगें, विष्णु व राकेश बाहर रहेगें, दीपक रूपयों से भरे बैग को लेकर आफिस के पास वाली गली से भागेगा और गली में खड़े विष्णु या पटेल ब्रिज पर खडे़ राकेश की गाड़ी पर बैठकर विष्णु की फैक्ट्री पहुच जायेगा और राधेश्याम दूसरी तरफ भाग जायेगा। घटना में उपयोग किया गया बैग विष्णु खरदीकर लाया था तथा पिस्टल व  कारतूस का इंतजाम राकेश जादम ने किया था। आरोपी घटना के एक दिन पूर्व ही दिनांक 20.07.15 को घटना को अंजाम देना चाहते थे और इसके लिये चारो लोग सियागंज पहुंचे भी थे और शराब पी रहे थे, लेकिन दीपक को ज्यादा नशा हो जाने के कारण घटना को अंजाम नहीं दे सके। दिनांक 21.07.15 को उक्त चारों विष्णु की फैक्ट्री पर इकट्‌ठा हुए, विष्णु ने दीपक और राधेश्याम को पहले रैकी करने के लिये सियागंज रवाना किया। फिर विष्णु व राकेश अलग-अलग वाहनों से सियागंज पहुंचे। विष्णु ने दीपक को फोन करके सैफी चौराहा के पास बुलाया और एक काले रंग का बैग जिसमें दो पिस्टल व राउंड रखे थे, उसे दिया। फिर योजना के मुताबिक विष्णु और राकेश जादम अपने वाहनों के साथ अलग-अलग खड़े हो गये। दीपक और राधेश्याम मोटर सायकल से शिव सुपारी के आफिस में पहुंचे, दोनों ने पिस्टल निकालकर आफिस में मौजूद लोगों को डर दिखाकर, बैग में रूपयें लेकर भागने लगे तभी वहां जमा लोगों ने राधेश्याम को पिस्टल सहित पकड़ लिया, लेकिन दीपक फायर कर भागने में सफल हो गया।
                पुलिस ने विष्णु व राकेश जादम को गिरफ्‌तार कर पूछताछ की तो उनके द्वारा घटना में शामिल होना स्वीकार किया।  राकेश जादम से घटना मे प्रयुक्त की गई पिस्टल के संबंध में पूछताछ की गई तो, उसने वह सदर बाजार इंदौर निवासी निजाम से खरीदना बताया। पुलिस ने निजाम को पकड़ा तो उसने पिस्टल व राउंड बब्बू यादव निवासी अर्जुन पल्टन जिंसी से खरीदना बताया। जब बब्बू यादव से पूछताछ की गई तो उसने वह अर्जुन मालवीय निवासी मुखर्जी नगर बाणगंगा इन्दौर से खरीदना बताया। इसी कड़ी में जब अर्जुन मालवीय से पूछताछ की गई तो वह उसने गोलू विशवकर्मा निवासी निरंजनपुर इंदौर से खरीदना बताया। गोलू वर्तमान में दाहौद (गुजरात) जेल में बंद है, जिसे पुलिस द्वारा दाहौद जेल से लाकर पूछताछ की जायेगी। इस प्रकार पुलिस थाना कोतवाली की टीम द्वारा अवैध हथियार सप्लाय करने वाली एक चैन का खुलासा भी किया हैं। पुलिस को लूट के आरोपियों को आफिस में रूपयें होने की सूचना देने के संबंध में वहीं के एक कर्मचारी पर शक है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।
                उक्त लूट का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरफ्‌तार करने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सेन्ट्रल कोतवाली श्री तारेश कुमार सोनी के नेतृत्व में उनि लक्ष्मणसिंह, सउनि महेश चौहान, आर. विक्रमसिंह, आर. राहुलसिंह, आर. शेरसिंह, आर. महेश, आर. जितेन्द्र तथा आर. सतीश का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा।


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