Friday, June 10, 2016

इन्दौर में धराये फर्जी आय.ए.एस. अधिकारी ने दिल्ली एवं गुजरात में भी किया था फर्जीवाडा


इन्दौर 10 जून 2016-सेन्ट्र्रल पूल कोटा के नाम से बगेैर प्रवेश परीक्षा दिलाये व्यवसायिक कॉलेजो में एडमिशन दिलाये जाने के नाम से स्वयं को 2003 बैच का आय.ए.एस. अधिकारी बताने वाला बिहार सासाराम का नवभीत सिंह पूर्व में गुजरात के बडौदा में भी धोखाधडी के प्रकरण में गिरफतार हो चुका है।
पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह के निर्देश के तारतम्य में कार्यवाही करते हुए, क्राईम ब्रांच द्वारा फर्जी आय.ए.एस. अधिकारी के ठिकानों बडौदा, दिल्ली, सासाराम बिहार आदि स्थानों पर टीमे भेजी जाकर उसकी वास्तविकता पता की जा रही है। इसी तारतम्य में गुजरात से जानकारी प्राप्त हुई कि नवभीत सिंह बडौदा गुजरात में भी फर्जी आय.ए.एस. अधिकारी का रौब दिखाते पुलिस गिरफत में आ चुका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी नवभीत सिंह वर्तमान में उस प्रकरण में जमानत पर है।
नई दिल्ली भेजी गई टीम द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करते हुए बताया गया कि आरोपी नवभीत सिंह गाजियाबाद के इन्दिरापुरम में किराये के मकान में रहता था, जहां केकिरायेदारी के एग्रीमेन्ट के आधार पर ड्र्रायविंग लायसेंस बनाया गया जिसमें अपना मूल पता सासाराम बिहार न बताया जाकर इन्दिरापुरम गाजियाबाद बताया गया है। नवभीत सिंह द्वारा इस बाबत फर्जी तौर पर तैयार किया गया उ.प्र. गाजियाबाद का मूल निवासी प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया गया था। टीम द्वारा लायसेन्स बनाने में प्रयुक्त दस्तावेजो की बारीकी से छानबीन करने पर ज्ञात हुआ कि आरोपी नवभीत सिंह द्वारा डॉ. प्रसन्न राज, एडिशनल सेक्रेटरी, मेडिकल कॉउंिसल ऑफ इण्डिया के फर्जी हस्ताक्षर से दिनांक 17.11.2010 को जारी बिहार मेडिकल कॉउसिंल का सर्टिफिकेट लगाया गया है जिसमें स्वयं को पटना मेडिकल कॉलेज पटना से एम.बी.बी.एस. एवं एम.एस. सर्जरी, सी.एम.सी. कॉलेज वैल्लौर तमिलनाडु से किया होना बताया गया है।
आरोपी एन.के.सिंह द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजो के आधार प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही की जा रही है साथ उसके द्वारा मिनिस्ट्र्री ऑफ होम अफेयर्स के आय.डी. कार्ड के बाबत भी जानकारी प्राप्त कराई जा रही है।

उल्लेखनीय है कि दिनांक 28.5.20116 को क्राईम ब्रांच टीम द्वारा क्राईम वॉच की सूचना के आधार पर न्यू पलासिया स्थित श्री गुरू एज्यूकेशनल सर्विसेस से विशाल सिंह ठाकुर एवंएन.के.सिंह तथाकथित 2003 आय.ए.एस. अधिकारी को खरगोन निवासी फरियादी से 35 लाख रूपयें की रकम के तौर पर रूपयें साढे तीन लाख के चेक के साथ हिरासत में लिया गया था। प्रकरण में दोनो आरोपी वर्तमान में जेल मे निरूद्व है। 

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