Thursday, May 3, 2018

हिस्ट्रीशीटर आरोपी अवैध रूप से गांजे का व्यापार करतें हुए, क्राईम ब्रांच इन्दौर की कार्यवाही में धराया । आरोपी के खिलाफ इन्दौर शहर के विभिन्न थानों में है लगभग दो दर्जन अपराध पंजीबद्ध।




इन्दौर-दिनांक 03 मई 2018- शहर में अवैध मादक पदार्थो की तस्करी पर अंकुश लगानें एवं ऐसे कृत्यों में लिप्त आरोपियों की पतारसी कर उन्हें गिरफ्तार करने के निर्देश पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा दियें गयें है। उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री मो. युसूफ कुरैशी के मार्गदर्शन में अति. पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच की समस्त टीमों को इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही करने हेतु समुचित निर्देश दिए गए ।
                उक्त निर्देश पर कार्यवाही के दौरान क्राईम ब्रांच इंदौर की पुलिस टीम को मुखबिर के माध्यम से सूचना मिल थी कि थाना परदेशीपुरा क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर अपराधी दीपक पिता रूपसिंह यादव जाति-अहीर उम्र-35 साल निवासी- जीवन की फेल, इन्दौर हाल मुकाम-शिवदर्शन नगर, मूसाखेडी थाना आजादनगर, अवैध रूप सें इंदौर शहर में गांजे का व्यापार कर रहा है। उक्त सूचना पर आरोपी दीपक पिता रूपसिंह यादव को क्राईम ब्रांच द्वारा पुलिस थाना अन्नपूर्णा के साथ संयुक्त रूप से कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार किया।
आरोपी ने बताया कि वह मूसाखेडी स्टेण्ड, इन्दौर से ऑटो चलाने का काम करता है।  आरोपी थाना परदेशीपुरा का सूचीबद्ध बदमाश है जिस पर थाना परदेशीपुरा, आजादनगर, और हीरानगर, में लगभग दो दर्जन अपराध पंजीबद्ध है। आरोपी रिक्शा चलाने की आड़ में अवैध गांजा बेचने का काम कर रहा था, जिसे क्राईम ब्रांच व थाना अन्नपूर्णा पुलिस की टीम द्वारा संयुक्त कार्यवाही करते हुये एक सफेद रंग की थैली के साथ लोकमान्य नगर रेल्वे स्टेशन के पास से पकडा गया। आरोपी दीपक के पास सफेद रंग की थैली की तलाशी लेने पर उसमें करीब 2 किलो 200 ग्राम अवैध गांजा बरामद किया गया। आरोपी ने बताया कि वह डबल चौकी-कम्पेल एवं भमौरी से गांजा खरीदकर लाता था तथा इन्दौर में बायपास के ढाबों पर बेचता था। आरोपी द्वारा शहर में अन्य किस-किस जगहों पर गांजा बेचा जाता था इस संबंध में आरोपी से विस्तृत पूछताछ की जाकर अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्यवाही की जायेगी। आरोपी को अग्रिम कार्यवाही हेतु पुलिस थाना अन्नूर्णा के सुपुर्द किया गया, जिस पर अपराध क्रमांक 157/18 धारा 8/20 एन.डी.पी.एस.एक्ट का पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया है ।



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