Thursday, January 11, 2018

स्कूली बच्चों के परिवहन के दौरान सुरक्षा के संबंध में दिशा निर्देश हेतु, डीआईजी इन्दौर द्वारा ली गयी स्कूल प्रचायों व ट्रांसपोर्ट मैनेजरों की बैठक


इन्दौर-दिनांक 11 जनवरी 2018-शहर की शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, पुलिस उप महानिरीक्षक, इन्दौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा पुलिस अधीक्षक मुखयालय, श्री मो. यूसुफ कुरैशी, पुलिस अधीक्षक (पूर्व) श्री अवधेश गोस्वामी व पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्री विवेक सिंह की उपस्थिति में, शहर के शिक्षण संस्थानों के प्राचार्यो व ट्रांसपोर्ट मैनेजरों की एक बैठक ली गयी। उक्त बैठक में स्कूल के बच्चों के परिवहन के दौरान उनकी सुरक्षा हेतु, उक्त वाहन एंव उसको चलाने वाले वाहन चालक व परिचालक सहित स्कूल प्रंबधन को ध्यान रखने वाली बातें व इस संबध में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में जानकारी देते हुए, निम्न निर्देश दिये गये-
 
1. स्कूल बस पीले रंग की होना चाहिये तथा स्कूल बस के चारों तरफ 150 मि.मी. की चौड़ाई में बड़े अक्षरों में स्पष्टतः ''स्कूल बस'' तथा स्कूल का नाम व टेलीफोन नम्बर लिखा होना चाहिये, और अगर, स्कूल बसकिराए की बस है, तो उस पर आगे व पीछे "ON SCHOOL DUTY" स्पष्ट रूप से लिखा जाना चाहिए। ताकि इसे आसानी से पहचाना जा सके ।
2. स्कूल बस चालक की जानकारी (नाम, पता, लायसेन्स नम्बर एवं बैच नम्बर व मोबाइल नम्बर) स्कूल मालिक के पास होना चाहिये बस के अन्दर तथा बाहर परिवहन विभाग हेल्पलाईन नम्बर और बस का रजिस्ट्रेशन नम्बर भिन्न रंग से स्पष्ट रूप से अंकित होना चाहिये ताकि आवश्यकता होने पर बस के यात्री व जनता के लोग स्कूल प्रशासन एवं पुलिस को समय पर सूचना दे सकें।
3. स्कूल बस की खिड़कियां होरिजोन्टल ग्रिल के साथ और मेस वायर के साथ फिट की जानी चाहिए ।
4.. स्कूल बस में प्रत्येक बच्चे के लिये सीट बेल्ट होना चाहिये ।
5. बस के दरवाजे पर लॉक करने की सुविधा होना चाहिये ताकि दरवाजे को लॉक किया जा सके तथा प्रत्येक बस में आपतकालीन निकास होना चाहिये।
6.प्रत्येक बस में स्पीड गवर्नर फिट होना चाहिये, जिसकी अधिकतम गति 40 किमी प्रति घण्टा हो ।
7. स्कूल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिये, कि प्रत्येक बस में दो अग्निशमक यंत्र 5 kg क्षमता वाले आईएसआई मार्क के हो, जिनमें से एक अग्निशमक यंत्र बस चालक के केबिन में तथा दूसराआपतकालिन निकास के पास लगा होना चाहिये तथा बस चालक, परिचालक को इसे उपयोग करना आना चाहिये ।
8.  स्कूल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि प्रत्येक स्कूल बस में CCTV केमरा तथा GPS सिस्टम हर समय चालू हालत में लगा हो ।
9. स्कूल प्रशासन के द्वारा स्कूल बसों के परिचालन हेतु, एक ट्रान्सपोर्ट मेनेजर नियुक्त किया जाना चाहिये जो स्कूल बस में बच्चों की सुरक्षा के लिये जिम्मेदार हो तथा जिसका नाम, पता व मो. नं. बस के अन्दर तथा बाहर आवश्यक रुप से अंकित होना चाहिये ।
10.          स्कूल प्रशासन के द्वारा किसी भी ऐसे वाहन को उपयोग में नहीं लाना चाहिये जिसके पास वैध परमिट न हो अथवा जो प्रदेश परिवहन विभाग के परमिट संबंधी नियम का अनुसरण न करता हो ।
11.          मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत स्कूल बस का व उसके अन्दर बैठे प्रत्येक यात्री का बीमा होना चाहिये।
12. स्कूल बस चालक के पास वैध ड्रायविंग लायसेन्स होना चाहिये तथा बस चालक को न्यूनतम पांच वर्ष का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिये।
 13. स्कूल बस के ड्रायवर का प्रत्येक वर्ष शारीरिक परीक्षण आँखों की जांच समेत होना चाहिये तथा मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के द्वारा स्थापित किसी मान्यता प्राप्तसंस्थान से ड्रायवर का शारीरिक परीक्षण प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिये ।
14. किसी भी ऐसे व्यक्ति को स्कूल बस का ड्रायवर नहीं बनाना चाहिये जिसे वर्ष में दो बार यातायात नियमों (सिग्नल तोड़ना, गलत लेन में चलना) का उन्लंघन करने के लिये दण्डित किया गया हो अथवा जिसे वर्ष में एक बार एक्सिडेन्ट करने अथवा गतिसीमा से अधिक गति से वाहन चलाने के लिये दण्डित किया गया हो ।
15. यदि स्कूल बस में यात्रा करने वाले बच्चों की उम्र 12 वर्ष से कम है तो बस में बच्चों की संखया परमिट के डेढ़ गुना तक हो सकती हैं तथा यदि बच्चों की उम्र 12 वर्ष से ज्यादा है तो प्रत्येक बच्चे को एक वयस्क माना जाना चाहिये।
16. स्कूल वाहन में एक ऐसी पुस्तिका का संधारण वाहन चालक के द्वारा किया जावे जिसमें उस वाहन में यात्रा करने वाले समस्त विद्यार्थियों की व्यक्तिगत्‌ जानकारी जैसे कक्षा, नाम, ब्लड ग्रुप, निवास आदि लेख किया गया हो ।
17. प्रत्येक बस में चालक के अतिरिक्त एक कन्डक्टर होना चाहिये जिसके पास वैध ड्रायविंग लायसेन्स होना चाहिये तथा जिसके पास यातायात अधिनियम 1993 के नियम नं. 17 के अनुसार योग्यता होना चाहिये ।
18. स्कूल प्रशासन के द्वारा यह सुनिश्चित कियाजाना चाहिये कि प्रत्येक बस में एक महिला अटेन्डर हो जो बस के अन्दर बच्चों की पूरी यात्रा के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करे तथा बच्चो के बस से ऊतरते व चढ़ते समय उन्हें उचित निर्देश दे ।
19. स्कूल प्रशासन के द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि अभिभावकों से बैठक के माध्यम से समन्वय स्थापित कर क्रमानुसार प्रति दिन एक अभिभावक स्वयं बस में उपस्थित होकर अन्य सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं की निगरानी करें।
20 प्रत्येक स्कूल बस में बच्चों के लिये पीने का पानी तथा प्राथमिक उपचार की सुविधा होना चाहिये तथा बस के अन्दर स्कूल बैग्स रखने के लिये सुविधाजनक स्थान होना चाहिये साथ ही स्कूल बस के अन्दर खिड़ियों पर पर्दे या फिल्म नहीं लगी होना चाहिये ।
21. प्रत्येक स्कूल बस में आपातकालीन अलार्म/सायरन होना चाहिये ताकि आपात स्थिति में सभी स्कूल बस में बैठे सभी लोग सतर्क हो सके ।
22. स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि बस का ड्रायवर नशे की अवस्था में वाहन न चलाये यदि इस प्रकार की गतिविधि सामने आती हैं तो उस पर विधिक कार्यवाही की जाना चाहिये तथा वाहन चालक के ड्रायविंग लायसेन्स को निरस्त करवाने की कार्यवाही की जाना चाहिये ।
23.स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि प्रत्येक स्कूल बस में एक मोबाइल फोन उपलब्ध रहे ताकि आपातकालीन अवस्था में पुलिस तथा स्कूल प्रबंधन से चालक सम्पर्क कर सके ।
24. समय समय पर स्कूल प्रबन्धन को बस चालकों, विद्यार्थियों तथा उनके अभिभावकों के साथ समीक्षा बैठक का आयोजन किया जाना चाहिये जिससे सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं का मुल्यांकन किया जा सके ।
25. विद्यार्थियों के लिये स्कूल प्रबंधन के द्वारा समय समय पर यातायात नियमों के संबंध में जागरुकता लाने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिये ।

इसके साथ ही अधिकारियों द्वारा बच्चों की सुरक्षा के संबंध में अभिभावकों को जागरूक रहने व अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए, निम्न बातों को ध्यान रखने के बारें में बताया गया-

1.            अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि उनके द्वारा स्वयं अथवा स्कूल के द्वारा अनुबंध किये गये वाहन बच्चों की यात्रा की दृष्टि से पूर्णतः सुरक्षित है  अथवा नहीं ।
2.            विभिन्न परिस्थितियों में अगर ड्रायवर के द्वारा यदि कोई संदिग्ध गतिविधि करना नजर आती है तो स्कूल प्रबंधन अथवा पुलिस को तत्काल सूचित करना चाहिये ।
3.            स्कूल प्रबन्धन के द्वारा समय समयपर आयोजित पेरेन्ट्‌स - टीचर्स मीटिंग में अभिभावकों को बच्चों की सुरक्षा संबंधी बिन्दुओं के बारे में चर्चा करनी चाहिये ।
4.            अभिभावकों को ऐसे वाहन से अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहिये जिसके पास वैध परमिट अथवा लायेसेन्स न हो ।

5.            अभिभावकों को स्कूल वाहन व उसके चालक पर सतत्‌ निगरानी रखनी चाहिये ।





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