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- विगत् 2 वर्षो से था आरोपी फरार।
- आरोपी रतलाम जिले में काट रहा था फरारी।
- आरोपी पर 20 हजार का ईमान था घोषित ।
इन्दौर-दिनांक
06 अक्टूबर 2018- पुलिस
उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा प्रकरण में फरार व
इनामी आरोपियों की धरपकड़ करने तथा महिला संबंधी अपराधों के प्रकरण के आरोपियों की
शीघ्र गिरफ्तारी करने हेतु प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है। उक्त
निर्देशोंके तारतम्य में पुलिस अधीक्षक मुखयालय इंदौर श्री मोम्मद युसुफ कुरैशी के
मार्गदर्शन मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्राँच श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा
थाना प्रभारी क्राईम ब्रांच व उनकी टीमों को इस दिशा मे प्रभावी कार्यवाही करने
हेतु समुचित दिशा निर्देश दिये गये।
थाना प्रभारी क्राईम ब्रांच इंदौर को सूचना
प्राप्त हुई की थाना राजेन्द्र नगर इंदौर क्षेत्र से किशोरी को अपहृत कर, उसके
साथ दुष्कर्म करने के प्रकरण का फरार आरोपी वकील पिता कैलाश बंजारा बिलपांक रतलाम
क्षेत्र मे देखा गया है। जिस पर से थाना क्राईम ब्रांच और थाना बिलपांक रतलाम की
टीम द्वारा कार्यवाही करते फरार आरोपी की तलाश बिलपांक रतलाम क्षेत्र मे की। फरार
आरोपी के हुलिये के आधार पर तलाश करते पता चला कि आरोपी बसंतपुरा मे रह रहा है
जिसे घेराबंदी कर पकङा। जिसने अपना नाम वकील पिता कैलाश बंजारा उम्र 21
साल निवासी बसंतपुरा थाना बिलपांक जिला रतलाम बताया।
आरोपी वकील ने बताया की वह 6 टवी
तक पढा है और पढाई छोङने के बाद वह मजदूरी का काम करने लगा। उसके पिताजी की तीन
बीघा जमीन है जो खेती का काम गांव मे ही करते हैं। पढाई छोङने के बाद वह गांव मे
ही काम करने लगा और पिताजीका खेती मे हाथ बंटाने लगा। इसके बाद वह 17-18 साल
की उम्र मे उज्जैन मे मजदूरी करने लगा जहां वह पानी की प्याऊ मे उसके गांव के
ठेकेदार मुकेश के यहां काम करने लगा। करीब 1 माह
तक काम करने के बाद वर्ष 2016 में, वह
इंदौर मे आकर मजदूरी का काम करने लगा, जिसमे
वह 200 से 250 रूपये
प्रति दिन कमा लेता था। इंदौर मे वह ठेकेदार के यहां चूने मसाले का काम कलाली नगर
की साईट मे करने लगा, जहां उसने 8-9 माह
तक काम किया। इसके बाद वह स्वयं ठेकेदारी का पाईप लाईन का काम करने लगा और आनंद
नगर इंदौर मे पाईप लाईन का काम करने करने के दौरान, यहां
पर किराये का मकान लेकर विक्रम गिरवाल के यहां रहने लगा। यहां पर उसकी मुलाकात
मकान मालिक की लङकी से हुई, जिससे उसकी दोस्ती हो गईं और किशोरी से
उसकी बातचीत होने लगी और वे दोनो एक दूसरे को पसंद करने लगे। करीब 1 माह
तक आरोपी आनंदनगर मे विक्रम के यहां किराया से रहा । इसके बाद वह उसी मोहल्ले मे
मकान बदलकर दूसरी जगह रहने लगा। आनंदनगर मे दूसरी गली मे रहकर वह पाईप ड्रेनेज का
काम करता रहा और इसी दौरान वह किशोरी से मिलता जुलता रहा। इसके कुछ दिन बाद वह
राजनगर इंदौर चला गया और वही रहनेलगा और काम करने लगा। जहां पर वह किशोरी से फोन
से बात करता रहा। फोन से बात करते हुये उसने किशोरी को बहला फुसलाकर अपने झांसे मे
लिया और अपने साथ भाग जाने के लिये मना लिया। इसके बाद करीब 10-12 दिन
बाद आरोपी वकील ने किशोरी को फोन लगाकर बोला कि तुम गाङी मे बैठकर भंवरकुंआ आ जाओ
मै तुम्हे भंवरकुंआ मिलूंगा जिस पर किशोरी गाङी मे बैठकर भंवरकुंआ आ गई जिसे वह
साथ लेकर ट्रेन से जोधपुर चला गया जहां वह किशोरी को लेकर 15 दिन
तक रूका और वहां मजदूरी का काम करता रहा। इसके कुछ दिन बाद आरोपी वकील द्वारा
किशोरी को छोड दिया गया और वह रतलाम क्षेत्र मे ही रहकर फरारी काटने लगा। जिस पर
आरोपी के विरूद्ध थाना राजेन्द्र नगर पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
आरोपी तब से ही फरार चल रहा था, जिसकी गिरफ्तारी हेतु 20 हजार
रू. का इनाम भी घोषित किया गया था। उक्त फरार आरोपी को क्राइम ब्रांच की टीम ने
धरदबोचा। टीम द्वारा आरोपी वकील पिता कैलाश बंजारा को थाना राजेन्द्रनगर इंदौर के
अप.क्रं.694/16 धारा 363,366,376(2) भादवि
एवं 5/7 पास्को एक्ट मे अग्रिम कार्यवाही हेतु सुपुर्द
किया गया है।
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