इन्दौर-
दिनांक 21 मार्च 2018- पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर शहर श्री
हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा शहर में अवैध माद्क पदार्थो का क्रय-विक्रय करने
वाले व इनकी गतिविधियों मेंसंलिप्त आरोपियों कि धरपकड हेतु इंदौर पुलिस को निर्देशित
किया गया है। उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री मो. युसुफ
कुरैशी के मार्गदर्शन में अति. पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच, इन्दौर
श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच की टीम को इस दिशा में प्रभावी
कार्यवाही करने हेतु समुचित निर्देश दिए गए।
क्राईम
ब्रांच एवं थाना-तेजाजी नगर की टीम द्वारा मुखबिर की सूचना पर संयुक्त रूप से
कार्यवाही करते हुए दिनांक 19.03.18 को अरूण कुमार पिता जुगल किशोर
कानुनगो उम्र 48 साल निवासी-मेला मैदान मनावर, जिला-धार
को विंध्या इंजीनियरींग कॉलेज के पास से पकडा गया, जिसके पास से
प्लास्टिक की बोरी में 2 किलो 500 ग्राम गांजा
पाया गया। आरोपी अरूण कुमार से पूछतांछ पर ज्ञात हुआ कि दिनांक 27.10.1995 से
ग्राम पंचायत सचिव के पद पर कार्यरत है। आरोपी ने बताया की वह गांजा उमरबंद पाडला
मैं बल्लु व मुहाली मनावर में जगदीश पिता मुकुट नाम के व्यक्ति से 3000 से
8000 रुपये किलो ग्राम के हिसाब से गांजा खरीदता है । इन्दौर से गंगाराम
एवं उसकी पत्नि द्वारा हर 4 से 5 दिन में आरोपी
से दुरभाष के जरिए गांजा बुलाया जाता है, जिस पर वह अपनी मो.सा. (MP11MI1831) से इन्दौर में
गंगाराम को गांजा देने आता हैं। आरोपी अरूण इन्दौर के गंगाराम को 5000 से
12000 हजार रूपये किलो ग्राम के भाव से बेच देता है। आरोपी पिछले 03
साल से गंगाराम को गांजा बेच रहा है। कल दिनांक 18.03.2018 को भी आरोपी
प्लास्टीक के बोरे में लगभग 2.5 किलो गांजा कुल किमत 30,000
रूपये अवैध रूप से रखकर गंगाराम को बेचने आया था, तभी आरोपी अरूण
कानूनगो को गंगाराम के घर के पास से विंध्या इंजीनीयरींग कॉलेज के सामने से माल
समेत गिरफ्तार किया गया। पुलिस द्वारा अन्य आरोपी गंगाराम की धरपकड़ हेतु भी प्रयास
किये गये लेकिन वह मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश कर गिरफ्तार किया जायेगा।
आरोपी
द्वारा शहर में अन्य किन जगहों व कहां-कहां गांजा दिया जाता है, इस
संबंध में आरोपी से पूंछतांछ कर अन्य लोगो के खिलाफ भी कार्यवाही की जायेगी। पुलिस
टीम द्वारा आरोपी को पकड़कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही हेतु पुलिस थाना तेजाजी नगर
के सुपुर्द किया गया है, जिस पर अपराध क्रमांक 111/18 धारा
8/20 एन.डी.पी.एस. एक्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
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