इन्दौर-दिनांक
05 अगस्त 2017- सत्य साई स्कूल इन्दौर पुलिस द्वारा
अपराध रोकथाम एवं यातायात जागरूकता कार्यक्रम के तहत कार्यशाला आयोजित की गई
जिसमें 1000 बच्चों द्वारा बदलते परिवेश में कैसे अपराधों
से बचा जा सके, पढाई के बोझ से परेशान न हो एवं यातायात नियमों
की जागरूकता के संबंध में सेमीनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुखय अतिथि उप
पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायण चारी मिश्र, पुलिस अधीक्षक,
मुखयालय
मो. युसूफ कुरैशी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात श्री प्रशांत
चौबे एवं उप पुलिस अधीक्षक यातायात श्री प्रदीप सिंह चौहान, श्री विक्रम
सिंह रघुवंशी उपस्थित रहे । कार्यक्रम के
दौरान उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायण चारी मिश्र ने बच्चों को
निम्नलिखित बिन्दुओं पर मार्गदर्शन प्रदान किया गया ।
1. विडियों
में काल्पनिक पात्र तैयार किये जाते है अतः कोई घातक जोखिम उसको देखकर इमीटेड न
करें ।
2. बच्चे देश का भविष्य होते है, उन्हें
छोटी-छोटी बातें जैसे मार्क्स कम आना, परिवार में किसीने डाटा या अन्य निजी
कारणों के कारण गलत कदम नही उठाना चाहियें ।
हर समस्या का सामाधान आपही के अन्दर होता है आप अपनी किसी भी समस्या को
अपने परिवारजन, दोस्तो या फिर पुलिस की हेल्पलाईन संजीवनी पर
भी शेयर कर सकते है । हम आपकी मदद के लिये
सदैव तत्पर है ।
3. नवीन परिवेश में अपराध करने के तरीेके
भी बदल रहें है, जैसे मोबाईल के माध्यम से बैक के पैसे निकाल
लेना, लाटरी का लालच देना, या घर के बारें में जानकारी पूछते है ।
यह सभी तरीके गलत है, इस प्रकार के कोई भी फोन आने पर आप साईबर हेल्प
लाईन, क्राईम ब्रान्च या नजदीकी पुलिस थाने पर सूचना दे सकते है । अपराधियों का मनोबल तभी बढता है जब आमजनता
पुलिस को अपराधियों की सूचना नही देती है । आप बच्चे है लेकिन आप पुलिस की मदद कर
सकते है ।
4. रोड
पर चलते समय हमें सदैव सावधानीपूर्वक चलना चाहियें किन्तु वर्तमान में हेडफोन
लगाकर पैदल चलना या गाडी चलाना एक फैशन बन गया है जिस कारण कई बार दुर्घटनाएं की
संभावना बनती है ।
5. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 18 से
44 वर्ष के आयु वर्ग के लोग दुर्घटना में सर्वाधिक प्रभावित होते है,
जिसका
मुखय कारणशराब पीकर वाहन चलाना अथवा तेज गति से वाहन चलाना होता है । शराब पीकर वाहन चलाने पर न केवल स्वयं की जान
खतरा होता है, अपितु रोड पर चलने वाले अन्य वाहनों के लिये भी
खतरनाक होता है ।
6. घर में अपने मम्मी पापा को हेलमेट
लगाने के लिये टोके ।
7. यातायात नियमों के प्रति जागरूक बनें ।
कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य
द्वारा आभार व्यक्त किया गया ।
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