Wednesday, August 12, 2015

नोटों की गड़डी दिखाकर के लोगों को ठगने वाले तीनों आरोपी पुलिस की गिरफ्‌त में



इन्दौर-दिनांक 12 अगस्त 2015-पुलिस थाना क्षिप्रा क्षेत्रान्तर्गत फरियादी अंकित पिता मांगीलाल मुकाती (21) निवासी ग्राम व्यासखेडी थाना क्षिप्रा जिला इंदौर द्वारा दिनांक 11.08.15 को पुलिस थाना क्षिप्रा में रिपोर्ट की कि, फरियादी आईडिया रिचार्ज कम्पनी का ग्रामिण क्षेत्र का डिस्ट्रीब्युटर है व कम्पनी के प्राप्त रुपये स्टेट बैन्क आँफ इन्डिया शाखा मांगलिया जिला इंदौर में वह उसके खाते में हर तीसरे दिन जमा करने जाता रहता है।  दिनांक 15 अप्रेल 2015 को तीनलडके फरियादी के पास उक्त बैक में दिन के करीब 02.30 बजे आये व फरियादी को रूपयों की गड्डी का झासा देकर, 40 हजार रुपये फरियादी को बेवकूफ बनाकर ले गये थे। उस समय फरियादी ने अपने पिता के डर के मारे घर पर व किसी अन्य व्यक्ति  को भी नही बताया था और ना ही कोई रिपोर्ट लिखाई थी। फरियादी अंकित कल दिनांक  11.08.15 को पुनः करीब 02.30 बजे कम्पनी के रुपये जमा करने उक्त बैकं में गया था, तो देखा की वही तीनो लडके जो उसे  पहले बैवकूफ बनाकर 40 हजार रुपये ले गये थे, वही तीनो लडके बैकं में आकर लोगो को कपड़े मे लिपटी गड्डी बताकर बैवकूफ बनाने का प्रयास कर रहे थे। जब फरियादी ने उन्हे देखा तो चिल्लाया, तब तीनो लडके भागकर बाहर खडी टवेरा कार में बैठ कर वहां से भागे। इस पर फरियादी ने पुलिस को मोबाईल फोन से सूचना देकर उसके दोस्त रवि पिता मदन निवासी व्यासखेडी व आशीष पिता विष्णुप्रसाद निवासी भोन्डवास तथा अन्य लोगो के साथ टवेरा का पीछा किया। टोलनाका मांगलिया के पास उक्त टवेरा गाड़ी जिसका नम्बर जीजे/5/सीएन/4093 को पुलिस फोर्स द्वारा रोक कर पकड़ा गया। पकड़ें गये आरोपियों से पूछताछ करने पर इन्होने अपना नाम 1. प्रकाश पितायुवराज पाटिल निवासी सूरत, 2. कृष्णा पिता रामदास पाटिल निवासी सूरत तथा 3. कमल पिता पदमसिहं यादव निवासी लोनवाडा धानू रोड़ महाराष्ट्र का होना बताया।
फरियादी की रिपोर्ट पर पुलिस थाना क्षिप्रा द्वारा अप. क्रं. 207/15 धारा 420, 34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया है। आरोपियों से अन्य घटनाओं के संबंध में भी विस्तृत पूछताछ की जा रही है।
उक्त आरोपियों को पकड़ने में थाना प्रभारी क्षिप्रा श्रीमती राममूर्ति छाबनिया के नेतृत्व में ऊनि एस बी सिंह, प्रआर संतोष, आर वीरेन्द्र तथा आर संजय का महत्वपूर्ण योगदान रहा । 


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