इंदौर - दिनांक 10 अप्रेल 2021- हमारे देश के संविधान के प्रति आम नागरिकों व स्कूली छात्र-छात्राओं में जागरूकता लाने के उद्देश्य से हद -अनहद संस्था दवारा महिला बाल विकास विभाग एवं इन्दौर पुलिस के सहयोग से इंदौर शहर के 10 सरकारी स्कूल में स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना से जुड़े छात्र-छात्राओं के साथ संविधान लाइव कार्यक्रम का विगत चार माह से आयोजन किया गया। संस्था दवारा फेसबुक पर इसका एक समापन कार्यक्रम का आॅनलाईन आयोजन आज दिनांक 10.04.21 को किया गया, जिसमे स्टूडेंट पुलिस कैडेट इंदौर की नोडल अधिकारी श्रीमती मनीषा पाठक अति. पुलिस अधीक्षक मुख्यालय इन्दौर, डॉ सी एल पासी (डीपीओ इन्दौर), सुश्री मनीषा सिन्हा (संस्थापक हद-अनहद संस्था) सुश्री शरवरी उबाले (डीसी-ममता) मुख्य अतिथि थे। सभी ने बच्चो एवं शिक्षकों का उत्साह वर्धन किया। इस उत्सव में कुछ बच्चो एवं शिक्षकों ने भी अपने अनुभवों को साझा किया और कहा कि संविधान पढ़ने और रटने की चीज नहीं है, उसे जीना बहुत जरुरी है, जो संविधान का यह कार्यक्रम भी हमें सीखाता है।
‘‘संविधान लाइव - आओ जाग्रिक बने’’ कार्यक्रम को कम्यूटिनी द यूथ कलेक्टिव दिल्ली की संस्था ने डिजाइन किया एवं मध्यप्रदेश के 11 जिलों में विभिन्न युवाओ के साथ कार्य करने वाली संस्थाओ के साथ इसे चलाया गया। इसमें 1884 जागरिक *(जागरिक- जो कि जागरूक नागरिक से मिलकर बना है।)* किशोर/किशोरियों के साथ इस यात्रा को पूरा करते हुए करीब 8000 से अधिक एक्शन प्रोजेक्ट्स को इसके तहत किया गया। विगत दिसम्बर-2020 से चलाये जा रहे इस आॅनलाईन कार्यक्रम में स्टूडेंट पुलिस कैडेट के स्कूली बच्चों को विभिन्न तरीकों से खेल-खेल व बड़े ही रोचक ढंग से कई गतिविधियों के माध्यम से हमारे देश के संविधान के बारें में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी। संविधान इस देश की आत्मा है, जिसे समझना और जीना हर नागरिक का कर्तव्य है। इस कार्यक्रम के तहत बेस्ट जागरिक जोड़ी को सम्मानित किया गया। इन कार्यक्रम के शामिल बच्चों ने न केवल संविधान की बारिकियों को सीखा है बल्कि कई कैडेट्स ने स्कूल से ड्रॉप आउट हुए बच्चों को वापस स्कूल ज्वाईन कराया है, बाल विवाह को सफलतापूर्वक रोकने में अहम भूमिका निभा कर बाल सुरक्षा की दिशा में भी कार्य किया है।
उक्त कार्यक्रम के अंतर्गत सुश्री विशाखा ने बच्चों को ट्रेनिंग दी तथा कार्यक्रम का संचालन किया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन पर सभी का आभार कुलदीप जी ने व्यक्त किया।
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