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क्राइम ब्रांच इंदौर की टीम, पुलिस
रिमाण्ड लेकर आरोपियों से कर रही है पूछताछ, तथा
महत्वपूर्ण साक्ष्य संकलन की कार्यवाही।
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फरार आरोपियों की तलाश में सम्भावित
ठिकानों पर टीम ने आज दी दबिश।
भारतीय
मुद्रा की करेंसी के नकली नोट, खपाने की फिराक में घूमते हुये पकड़ी गई
गिरोह के तीनों आरोपियों फिरोज पिता अजीज खान, अकरम पिता रमजान
मंसूरी, गोलू उर्फ शहजाद अली पिता रफीक अली का थाना किशनगंज में अपराध
क्रमाँक 192/2020 धारा 489 ए, 489 बी,
489 सी
व 120 बी भादवि के तहत पंजीबद्ध प्रकरण में दिनांक 19.03.2020 से
24.03.2020 तक कुल 05 दिवस का पुलिस रिमाण्ड लिया गया है जिनसे
विवेचना के विभिन्न पहलुओं पर पृथक पृथक पूछताछ तथा जप्ती की कार्यवाही की गई। आज
दिनांक 20.03.2020 को पुलिस टीम ने बड़वानी में जिस जगह नोट बनाये
जाते थे आरोपियों को लेकर वहां तलाश की जिसमें आरोपी फिरोज के बड़वानी में स्थित
कृष्णा इस्टेट नामक बिल्डिंग से नोट बनाये
जाने में प्रयोग किये जाने वाले एक बड़े प्रिंटर ल, तथा एक HP
कम्पनी
के लैपटॉप को जप्त किया गया जिसकी कीमत करीबन 2.5 लाख रूपये हैं।
आरोपियों ने बताया कि फिरोज ने ही आर्थिक मदद करते हुये सभी आवश्यक संसाधन जुटाये
थे जिसमें उसने करीबन 05 लाख रूपये खर्च किये थे।
आरोपियों
से पूछताछ में खुलासा हुये अन्य नामों में से, आरोपी रमजान
निवासी ओझर जिला बड़वानी की तलाश में क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम ने बड़वानी के
संभावित स्थलों पर दविश दी जहां आरोपी नहीं मिला। उल्लेखनीय यह है कि सुनील नामक
आरोपी सरगना है, जिसको जाली नोट छपाई की कला में महारत हासिल है
यह बुरहानपुर जिले का रहने वाला है, जिसकी सरगर्मी से पुलिस द्वारा तलाश की
जा रही है, सुनील के गिरफ्त में आने पर बड़ा खुलासा होगा,
सुनील
पूर्व में नकली नोट में 10 वर्ष कारावास काटने के बाद भी उन्हीं
आपराधिक कृत्यों में लिप्त हो गया और जेल से बाहर आते ही नई गिरोह तैयार कर ली,
शंका
है कि इसमें किसी अन्य व्यक्ति की भूमिका संदिग्ध हो सकती है क्योंकि पूर्व में
पुराने 1000/500 के नोट के साथ आरोपी सुनील गिरफ्तार हुआ था,
जबकि
वर्तमान में करेंसी का नाप और छपाई के अन्य चिन्हों में बदलाव किया जाकर 2000
एवं
500 के नोट प्रचलन में जोकि हूबहू आरोपी द्वारा फ़र्ज़ी तरीके से बनाया जा
रहा था ।
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