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- आरोपी, आर्मी में नौकरी
दिलाने के नाम पर लोगों से ठगता था रूपये, स्वयं को बताया
आर्मी का बड़ा अधिकारी।
- आरोपी पूर्व में भी धोखाधड़ी के प्रकरण
में जा चुका है जेल।
- आर्मी का नीलामी का सामान सस्तें दामों
में दिलाने के नाम पर लोगों से एडवांस राद्गिा लेकर रफूचक्कर हो जाता था आरोपी।
- आरोपी की करतूतों से, आर्मी
के अधिकारियों को भी किया गया सूचित।
इन्दौर-दिनांक
01 मार्च 2019- नकली पुलिस बनकर लोगों के साथ
धोखाधडी/ठगी करने वाले आरोपियों की पतारसी कर, प्रभावी
कार्यवाही करनें के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा निर्देशित किया गया है।
उक्त निर्देश पर कार्यवाही के दौरान
क्राईम ब्रांच इन्दौर को मुखबिर तंत्र के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई थी एक
व्यक्ति स्वयं को आर्मी का कैप्टन बताकर धोखाधड़ी से लोगों के साथ आर्थिक ठगी की
वारदातें कर रहा है। सूचना पर कार्यवाही करते हुये क्राईम ब्रांच की टीम ने
उपरोक्त व्यक्ति की तलाद्गा हेतु मुखबिर तंत्र सक्रिय किया जिसे थाना बाणगंगा के
साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुये पकड़ा गया जिसने अपना नाम शुभमकांत चतुर्वेदी उर्फ
रुद्राक्ष संधु उर्फ मेजर बिहान शेरगिल पिता रामस्वरुप चतुर्वेदी उम्र 25
साल निवासी साडा कालोनी नया बस स्टेण्ड चंदेरी जिला अशोक नगर म.प्र. हाल मुकाम - 23
जगजीवन राम नगर इन्दौर का होना बताया।
आरोपी को ठगी की वारदातों को अंजाम
देनेके संदंर्भ में पुलिस टीम द्वारा संदेह के आधार पर हिरासत में लिया जाकर
पूछताछ की गई जिसने खुलासा किया कि वह लगभग 02-03 साल से लगातार
लोगों के साथ स्वयं को आर्मी का कभी मेजर तथा कभी कैप्टन बताकर ठगी की वारदातें कर
रहा था। आरोपी ने बताया कि वह आर्मी की नौकरी करने का इच्छुक था किंतु आर्मी में
नौकरी नही लगने के कारण वह नकली आर्मी का मेजर/कैप्टन बनकर लोगों के साथ
धोखाधड़ीपूर्वक, ठगी की वारदातें कर रहा था।
वारदातों
के संबंध में तस्दीक करने पर ज्ञात हुआ कि आरोपी ने स्वयं को आर्मी का कैपटन अताकर,
डा0
आनंद त्रिवेदी पिता श्री ओम त्रिवेदी निवासी 192 ए स्वास्थ नगर
सुखलिया इन्दौर को सी.एस.डी. कैन्टीन से कम दामों (जी एस टी, और
पेड डुटी कन्सेशन) पर नई गाड़ी दिलावाने का लालच दिया था परिणास्वरूप डा0 आनंद ने आरोपी की बातों में आकर आरोपी
के निजी बैंक खाते में 34700/- रूपये वाहन क्रय करने के उद्देद्गय से
जमा करा दिये थे किंतु राद्गिा लेने के बाद आरोपी ने डा0 आनंद से कोई
संपंर्क नहीं किया तथा स्वयं रफूचक्कर हो गया। डा0 आनंद द्वारा कई
बार फोन कॉल तथा आरोपी की प्रत्यक्षतः तलाद्गा करने पर उन्हें आरोपीके संबंध में
काई जानकारी नहीं मिली तथा आरोपी का मोबाईल फोन लगातार बंद मिला जिस पर से डा0
आनंद के द्वारा उपरोक्त आरोपी के विरूद्ध थाना बणगंगा इन्दौर में अपराध क्रमांक 247/18
धारा 420,419 भादवि के तहत पंजीबद्ध किया गया था।
क्राईम ब्रांच की टीम ने आरोपी से पूछताछ
में उससे आर्मी का परिचय पत्र दिखाने का
कहा जिसे आरोपी ने सिरे से नकारते हुये स्वयं को फर्जी कैप्टन होना बताया तथा
खुलासा किया कि वह ठगी करने की नियत से स्वयं को आर्मी का अधिकारी बताता था जिससे लोग
उस पर भरोसा कर लेते थे । आरेपी ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने स्वयं को फर्जी
आर्मी अधिकारी बताकर कई महिलाओं को भी अपने प्रेम प्रसंग में फंसाया था। आरोपी हर
घटना के बाद स्वयं के मोबाईल फोन तथा सिम आदि बदल लेता था ताकि फरियादी उससे
संपंर्क ना कर सके। आरोपी कीे कोई आर्मी में सांठ गांठ है क्या? अथवा
किसी परिचित के सहारे वह इस प्रकार की वारदातों को अंजाम दे रहा था इस संबंध में
आर्मी अधिकारियों से भी पत्राचार कर जानकारी एकत्रित की जा रही है। आरोपी ने
अनेंकों व्यक्तियों से इस प्रकार की धोखाधड़ी करना कबूल किया जिसकोपुलिस रिमाण्ड पर
लिया जाकर विस्तृत पूछताछ की जावेगी।
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