Thursday, August 23, 2018

एडीजी श्री डी.सी. सागर द्वारा अपराधों के अन्वेषण व अनुसंधान में घ्यान रखने वाली तकनीकी जानकारी के संबंध में, दिया महत्वपूर्ण ज्ञान



इन्दौर-दिनांक 23 अगस्त 2018-  अपराध व अपराधियों पर नियत्रंण एवं अपराधों के अन्वेषण व अनुसंधान में उच्च स्तरीय कार्यवाही कर, अपराधियों को कड़ी सजा दिलवाने हेतु, अनुसंधान में ध्यान रखने वाली तकनीकी जानकारी के संबंध में, अति. पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं) पुलिस मुखयालय भोपाल श्री डी.सी. सागर द्वारा आज दिनांक 23.08.18 को पुलिस कंट्रोल रूम इन्दौर में पुलिस अधिकारियों/विवेचना अधिकारियों एक दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से अवगत कराया गया। उक्त कार्यशाला में उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र एवं पुलिस अधीक्षक (मुखयायल) श्री मो. युसूफ कुरैशी के मार्गदर्शन में अति. पुलिस अधीक्षक (क्राइम) श्री अमरेन्द्र सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. बी.एल मण्डलोई, वैज्ञानिक अधिकारी डॉ मयूरी थनवार की उपस्थिति में अनुसंधान पुलिस अधिकारियों/र्कचारियों सहित क्राइम ब्रांच की तकनीकी टीम ने भी भाग लिया।
       इस कार्यशाला में अति. पुलिस महानिदेशक श्री डी.सी. सागर द्वारा अपराध अन्वेषण के दौरान रखी जाने वाली सावधानियां, फोरेसिंक दृष्टिकोण से की जाने वाली कार्यवाही व हमें किस प्रकार अपराधों की विवेचना में छोटी से छोटी तकनीकी जानकारियों का ध्यान रखना चाहिये, जिससे अपराधों का शीघ्र निराकरण हो व अपराधियों को कड़ी सजा मिलें, इस संबंध में बड़े ही रोचक ढंग से समझाया गया। और साथ ही फोरेसिंक साइंस के महत्व व इतिहास के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि, इसकी विभिन्न विधाओं जैसे डीएनए, फिंगर प्रिन्ट, सिरोलॉजी, बॉयोलाजी आदि के माध्यम से अपराधों का अनुसंधान कर, प्रकरण को माननीय न्यायालय में प्रस्तुत कर, उसके निश्चयात्मक परिणाम के द्वारा अपराधी को सजा दिलाने व बेगुनाह को बेकसुर साबित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। इस दौरान उन्होने उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रश्नोत्तरी के माध्यम से उपरोक्त विषय पर आवश्यक जानकारियां देते हुए, अपराध अनुसंधान में हर चीज के तकनीकी महत्व को समझाया गया। साथ ही उपस्थित अनुसंधान अधिकारियों को अपराधों की विवेचना के दौरान ध्यान रखने वाली बातों के बारें में बताने के लिये, एक अपराध की केस स्टडी का उपस्थित प्रशुक्षिओं केमाध्यम से नाट्‌य रूपांतरण कर, अनुसंधान के दौरान की जाने वाली हर कार्यवाही के बारें में जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया गया।
इस दौरान एडीजी श्री डी.सी. सागर सा. द्वारा गंभीर प्रकृति के प्रकरणों के घटना स्थल के निरीक्षण हेतु, तत्काल जिलें के सीन ऑफ क्राइम मोबाइल यूनिट के अधिकारियों व टीम को सूचित करने तथा फोरेसिंक टीम को वहां पर पहुंचकर घटना के संबंध में आवश्यक साक्ष्य संकलन करने व कार्यवाही करने संबंधी निर्देश दिये गये। कार्यशाला के दौरान अन्य वरिष्ठ अधिकारियों व वैज्ञानिक अधिकारियों के द्वारा भी इस विषय पर उपस्थित अनुसंधान अधिकारियों को आवश्यक जानकारियां दी गयी।
       इस अवसर पर एडीजी श्री डी.सी. सागर सा. द्वारा पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के लिये शारिरिक रूप से स्वस्थ व चुस्त दुरूस्त रहने के महत्व के बारें में बताते हुए, वे अपनी ड्‌यूटी के दौरान ही अपने लिये समय निकाल कर, किस प्रकार अपने को शारिरिक रूप से स्वस्थ रख सकते है। इसके लिये फिटनेस के मूल मंत्र ''डंडे का फंडा'' के बारें में बताते हुए, उन्होने पुलिस के डंडे के माध्यम से की जाने वाली विभिन्न प्रकार की एक्सरसाइज को स्वंय कर के बताया गया।







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