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इन्दौर-
दिनांक 04 जून 2018- पुलिस
उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र के निर्देशन में इंदौर पुलिस
द्वारा ''संजीवनी एक कदम जीवन की ओर'' हेल्प
लाईन प्रारंभ कर, नकारात्मक विचारों से ग्रसित होकर, जीवन
से हताश एवं परेशान लोगों की काउंसलिंग कर, उनके
नकारात्मक विचारों से उबारने हेतु हरसंभव प्रयास किये जा रहे है। पुलिस अधीक्षक
मुखयालय श्री युसुफ कुरैशी एवं अति पुलिस अधीक्षक क्राइम ब्रांच श्री अमरेंद्र
सिंह के मार्गदर्शन में इन्दौर पुलिस द्वारा संचालित संजीवनी हेल्प लाईन द्वारा
किये जा रहे प्रयासों से कई पीड़ितो को मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या जैसे गलत कदम
उठाने जा रहे, दौर से उबारने में मदद मिलीं है।
इसी कड़ी में संजीवनी हेल्पलाईन इन्दौर पर सूचना
प्राप्त हुई थी कि, मोहित विश्वकर्मा (परिवर्तित नाम) उम्र
32 साल निवासी बिज्जूखेड़ी इन्दौर में रहता है, जो
आत्महत्या का प्रयास कर रहा है। उक्त सूचना मिलते ही संजीवनी हेल्पलाइन द्वारा
त्वरित कार्यवाही करते हुए, पुलिस थानालसूड़िया को आवश्यक कार्यवाही
हेतु निर्देशित किया गया, जिस पर थाने की टीम द्वारा मोहित को
आत्महत्या करने से रोका गया व उसे प्राथमिक उपचार दिया गया। उपचार के तुरंत बाद
मोहित व उनकी पत्नी को कांउसलिंग के लिये संजीवनी हेल्पलाइन के कार्यालय में ले कर
आये।
संजीवनी हेल्पलाइन द्वारा उनकी कांउसलिंग के
दौरान मोहित से बात की गयी तो मोहित ने बताया कि मेरी पत्नी हर बात पर शक करती है, जिसके
कारण अकसर घर में गलतफहमियों के कारण विवाद की स्थिति बनी रहती थी, इसी
के चलते दोनों के बीच मारपीट भी होती थी। विवाद के बढ़ने के कारण मेरी पत्नी नाराज
होकर बिना बताये अपने मायके चली गयी थी, इस
कारण मैं डिप्रेशन में चला गया था और इसी कारण आत्महत्या का प्रयास किया था। मोहित
ने आत्महत्या के प्रयास करने का कारण अपनी पत्नी की शक करने की आदत बताई, जिसके
चलते ही मोहित द्वारा बिजली के तारों के संपर्क में आकर आत्महत्या का प्रयास किया
था, जिसकी सूचना मिलते ही संजीवनी हेल्पलाइन द्वारा
त्वरित कार्यवाही कर, मोहित को आत्महत्या करने जैसे घातक कदम
से रोका गया। संजीवनी की टीम द्वारा उक्त दोनों पति-पत्नी की काउंसलिंग कर उन्हे
उचित समझाईशदी गयी है, जिससे दोनों सामान्य स्थिति में आकर, हंसी-खुशी
अपना वैवाहिक जीवन जी रहे है।
इन्दौर पुलिस द्वारा जीवन से हताश एवं परेशान
लोगों को, उनके नकारात्मक विचारों से उबार कर, उन्हे
संजीवनी प्रदान करने के प्रयास निरंतर जारी रहेगें
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