Sunday, February 4, 2018

क्राईम ब्रांच इंदौर ने किया गुना जिले के अंधेकत्ल का खुालासा, मृतक महिला थी विगत 06 माह से लापता पति की तरह रहने वाला प्रेमी ही निकला, महिला का हत्यारा


इन्दौर-दिनांक 04 फरवरी 2018- पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर (शहर) श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रत्येक मंगलवार की साप्ताहिक जनसुनवाई में, दिनांक 30.01.18 को राजनगर के निवासियों द्वारा एक शिकायत आवेदन देकर, आवेदकगणों ने राजनगर की रहने वाली सीता बाई (जो पिछले 06 महीने से गायब थी) की पतारसी करने हेतु पुलिस से निवदेन किया था। उक्त शिकायत आवेदन पत्र के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुये, पुलिस उप महानिरीक्षक द्वारा पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) श्री मो. युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन मे, इसकी जांच व पतासाजी हेतु प्रकरण क्राईम ब्रांच इंदौर सौंपा गया। महिला की पतारसी हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रा्‌ंच इंदौर श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच की टीम का गठन किया जाकर उसको इस दिशा मे प्रभावी कार्यवाही करने हेतु समुचित दिशा निर्देश दिये गये ।
क्राईम ब्रांच को प्रकरण में जांच के दौरान विश्वस्त सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई कि, ला
पता महिला सीता बाई उम्र 55 वर्ष निवासीराजनगर को अंतिम बार उसके पति माखनलाल मुकाती उर्फ माखन दा पिता मांगीलाल जी मुकाती उम्र 50 वर्ष, निवासी ।-सेक्टर राजनगर इंदौर थाना चन्दन नगर (जो की ट्रक ड्राइवर है) के साथ, मोहल्ले वालों ने अपनी बहन के घर राखी का त्योहार मनाने के लिये जाते हुये देखा था, उसके बाद उसे किसी ने नहीं देखा। इसी सूचना पर कार्य करते हुए क्राईम ब्रांच की टीम ने माखन लाल व सीता बाई के संबंधों के साथ-साथ अन्य कई बिन्दुओं पर जानकारी एकत्र कर, क्राईम ब्रांच की टीम द्वारा थाना प्रभारी तहसील चचोड़ा जिला गुना व उनकी टीम के साथ मिलकर माखनलाल मुकाती उर्फ माखन दा पिता मांगीलाल जी मुकाती को पकड़कर उससे पूछताछ की गयी।
               माखन लाल द्वारा सर्वप्रथम पुलिस को गुमराह करने के भरसक प्रयास किये गये किन्तु अंततरू उसने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि- आरोपी माखन लाल सन 1994-95 मे सीता देवी से अग्रसेन नगर मे मिला था। माखन लाल के पड़ोसी राजेंद्र सिंह उर्फ मुन्ना ने उसकी शादी के लिए सीता बाई से मिलवाया था जो तत्समय किसी कमला बाई के यहाँ बर्तन माँजने का काम करती थी तथा इन्दिरा नगर (प्रफूल टाकीज के पास) मे पवन पिता मांगीलाल के मकान मे नाले के पास मेकिराए से रहती थी। उक्त महिला विधवा थी, चूंकि माखन लाल की भी शादी नहीं हुई थी तो माखन लाल ने सीता बाई से शादी करने का मन बना लिया फिर माखन लाल ने सीता बाई से मुलाकात शुरु की व दोनों लिव-इन-रिलेशनशिप  में रहने लगे। आरोपी माखन लाल ने सीता बाई को पिछले 22 साल से पत्नी की तरह ही रखा है। चूंकि सीता बाई विधवा होने से पूर्व ही ऑपरेद्गान करवा चुकी थी इसलिए उससे बच्चा नहीं होने के कारण आरोपी ने दूसरी महिला से शादी करने का मन बनाया और सीता बाई को यह बात बताई तो पहले तो सीता बाई आरोपी की शादी के लिए मान गयी, लेकिन कुछ समय बाद वह माखन लाल से शादी की बात को लेकर झगड़ने लगी। समय के साथ दोनों मे लड़ाई-झगड़ा लगातार होने लगा जिससे आरोपी माखन लाल परेशान रहने लगा, फिर माखन लाल ने सीता बाई को बिना बताए सन 2007-08 मे मारुति पेलेस कॉलोनी की रहने वाली उर्मिला बाई से मंदिर मे शादी कर ली और उर्मिला बाई के साथ में राऊ में किराए के मकान मे रहने लगा। उसी साल सीता बाई को माखन लाल की शादी के बारे मे पता चल गया था तो वह माखन लाल से और लड़ने लगी, लड़ाई-झगड़े के कारणमाखन लाल ने सीताबाई को छोड़ने का मन बनाया तो सीता बाई मान गयी और समर्झाते के तौर पर दो बार 2-2 लाख, इस प्रकार कुल 4 लाख रुपये भी आरोपी माखन लाल ने सीता बाई को दिये, फिर भी वह नहीं मानी और न ही सीता बाई ने माखन लाल को छोड़ा। सीता बाई हमेशा माखन लाल व उसके परिवार को बहुत गंदी गंदी गलियाँ देती रहती थी व हमेशा लड़ती रहती थी। माखन लाल के बहुत से रिश्तेदारों व पड़ोसियों ने सीता बाई को समझाने की कोशिश भी की पर वह नहीं मानी। ऐसा विवाद आरोपी माखन लाल व सीता बाई का सन 2016 तक चलता रहा फिर सन 2017 तक आते-आते दोनों का विवाद बहुत बड़ गया था, कि आरोपी माखन लाल को सीता बाई ने मरवाने तक की धमकी दी थी। इसलिए माखन लाल ने ऐसा कृत्य किया।  
क्राईम ब्रांच एवं पुलिस थाना चचोड़ा जिला गुना की संयु्‌क्त रुप से की गई पूछताछ में माखन लाल ने बताया कि घटना को अंजाम देने के लिए करीब 01 अगस्त 2017 को माखन लाल एक ट्रांसपोर्ट कंपनी (जहां वह पिछले कई सालों से ड्राइवर था) का ट्रक लेकर इंदौर से गुवाहाटी का भाड़ा लेकर जिसमे चिप्स-कुरकुरे आदि भरे थे, क्लीनर शिव साहू (जो माखन लाल केसाथ पिछले 10 साल से ड्राइवरी व क्लीनरी कर रहा है) को साथ लेकर गुवाहाटी माल खाली करने के लिए गया और साथ मे सीता बाई को भी अपने साथ मे, अपनी बहन शांति बाई जैन जो कि आरोपी की राखी-धागे की बहन (जो जिला राजनांदगाँव मे ग्राम सोमनी छत्तीसगढ़ मे रहती है) से मिलने के बहाने व असम मे कामखया देवी के मंदिर के दर्शन का बोलकर साथ मे चलने के लिए तैयार कर लिया। आरोपी माखनलाल ने सोचा की इस बार सीता बाई को रास्ते मे ही कहीं छोड़कर आ जाऊंगा, फिर माखन लाल, सीता बाई और शिव उक्त ट्रक मे इंदौर से माल भर कर गुवाहाटी की तरफ निकले व 6-7 अगस्त रक्षा बंधन को वे गुवाहाटी (असम) पहुँच गए व वहाँ पर माल खाली करा कर दिन मे ही माखन लाल व सीता बाई ने कामखया देवी मंदिर के दर्शन किए उसके बाद मे वहीं पर आरोपी व सीता देवी का फिर से झगड़ा हुआ। उसके बाद गुवाहाटी से ही माखन लाल को भोपाल के लिए भाड़ा मिला जिसका माल ट्रक मे अगले दिन भरकर वहाँ से शाम को भोपाल के लिए यह तीनों ट्रक लेकर निकल गए करीब 12-13 अगस्त की सुबह 3-4 बजे की बात है ट्रक के केबिन मे तीनों जाग रहे थे ट्रक माखन लाल चला रहा था और सीताबाई,माखन लाल से लगातार लड़ रही थी उस समय इनहोने एनएच-3 आगरा-बॉम्बे हाईवे पर गुना को क्रॉस कर लिया था व गुना से करीब 50 किलो मीटर आगे ग्राम रानी खेजड़ा तक निकल आए थे एवं ब्यावरा भी करीब 50-60 किलो मीटर दूर बचा था। इस बीच माखन लाल व सीता बाई का झगड़ा काफी बड़ गया तो माखन लाल ने ट्रक थोड़ा धीरे किया और सीता बाई जो ट्रक के केबिन की पीछे सीट पर बैठी थी जो नीचे उतरने लगी तो माखन लाल को भी गुस्सा आ गया और शिव ने भी रोकने की कोशिश की पर वो नहीं मानी और उसे फिर शिव ने क्लीनर साइड से नीचे की और धक्का दे दिया जिससे उसके बाए हाथ पर चोंट लगी फिर माखन लाल भी नीचे उतरा व काफी गुस्से मे था माखन लाल व सीता बाई के बीच हाता-पाई हुई  और माखन लाल ने शिव से कहा की ट्रक मे जो रस्सी पड़ी है लेकर आ, आज इसका काम तमाम कर देता हूँ फिर माखन लाल ने सीता बाई के दोनों हाथ पकड़ लिए व शिव ने रस्सी से उसका गला घोंट दिया जिससे वह मर गयी फिर माखन लाल व शिव ने सीता बाई की लाश से पूरे कपड़े उतार दिये व लाश को हाथ-पैर बांधकर बोरे मे डाल कर ट्रक के केबिन मे रख लिया और थोड़ी देर बादकरीब 10-15 किलो मीटर दूर आगरा-बॉम्बे हाई वे पर ही चलने के बाद एक गाँव के पास माखन लाल व शिव ने सीता बाई की लाश को (जो बोरे मे बंद थी) रोड के किनारे खेत मे फेंक दिया।  फिर माखन लाल और शिव उसी दिन शाम तक भोपाल पहुंचे व वहाँ माल खाली कर फिर से पीथमपुर के लिए माल भरकर 14 अगस्त को इंदौर पहुँच गए। इंदौर आने के बाद माखन लाल से जब मोहल्ले वालों ने पूछा की सीता बाई कहा है तो वह कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाया। माखन लाल अगले दो महीने तक उक्त ट्रक पर शिव के साथ चलता रहा फिर दिवाली के बाद ट्रक पर नहीं गया ।

पूछताछ मे माखन लाल ने बताया कि वह सीता बाई से काफी परेशान हो गया था व सीता बाई उसकी जिंदगी मे काफी परेशानियाँ खड़ी कर रही थी, जिससे माखन लाल कि गृहस्थी मे बहुत दिक्कतें हो रही थी इसलिए माखन लाल ने सीता बाई को रास्ते से हटाने के लिए शिव के साथ मिलकर उक्त घटना को अंजाम दिया। माखन लाल ने इस काम के लिए शिव को कुछ रुपये भी दिये है। ऐसी जानकारी मिली है कि माखन लाल  से मिलने से पहले सीता बाई कि शादी धार जिले के इम्मलदूना गाँव मे हुई थी, विधवा होने के बाद से वह इंदौर आ गयी थी। अज्ञात महिला की लाश की सूचना थाना चचोड़ा जिला गुना पर प्राप्त होने पर मर्ग जांच कर महिला की शिनाखत सीता बाई पति माखन लाल के रुप होने व मृत्यु का कारण हत्या का पाया जाने से अपराध क्र-390/17 धारा-302,201 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया था। घटना के संबंध मे पुलिस अन्य साक्ष्यों व एक और आरोपी शिव कुमार के संबंध मे गहन पूछताछ कर रही है। पुलिस उप महानिरीक्षक श्री हरिनारायणचारी मिश्र द्वारा इस सनसनीखेज हत्या का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को उनके उत्साहवर्धन हेतु पुरुस्कृत करने की घोषणा की गयी है ।






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