Wednesday, January 17, 2018

इंदौर पुलिस द्वारा साइबर अपराध एवं बैंकिग फ्रॉड के संबंध में ली गयी, बैंक अधिकारियों के साथ बैठक इन्दौर-दिनांक 17 जनवरी 2018- वर्तमान समय में शहर में बढते साइबर अपराध एवं बैंकिग फ्रॉड संबंधी अपराधों की रोकथाम हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक श्री हरिनारायणाचारी मिश्र के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक श्री मो0 युसुफ कुरैशी की विशेष उपस्थिति में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा शहर की प्रमुख बैंकों (एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, बीओआई बैंक, सेंट्रल बैंक, केनरा बैंक, कारपोरेशन बैंक, यूको बैंक, आईडीबीआई बैंक, आदि बैंको) के नोडल अधिकारियों के साथ एक बैठक की गयी। इस बैठक का प्रमुख उद्देश्य शहर में बढ रहे साइबर अपराधों व बैकिंग फ्रॉड की वारदातों पर अंकुश लगानें के लिये, पुलिस के साथ बैंको की भागीदारी तय कर, आपसी सामन्जस्य के साथ कार्यवाही कर इस प्रकार के अपराधों पर नियत्रंण करना है। उक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री कुरैशी द्वारा इस प्रकार के अपराधों की रोकथाम के लिये पुलिस के सहायोग हेतु, बैंको को निम्न बातों का ध्यान रखा जाना चाहिये, बताया गया- • खाता खोलते समय दस्तावेजों का वेरिफिकेशन बैंक के किसी अधिकारी द्वारा किया जाना चाहिये। • बैंको व एटीएम में लगे हुये सीसीटीवी कैमरों का मेन्टेनेंस समय-समय पर व नियम से हो साथ ही एटीएम व बैंको में सिक्यूरिटी गार्ड भी आवश्यक रूप से रखा जाना चाहिये। • बैंको द्वारा ग्राहको को समय-समय पर ऑनलाइन फ्राड से संबंधित जानकारी दी जाये तथा ट्रांजेक्शन आदि के समय ध्यान रखने वाली बातों को पोस्टर, पम्पलेट्‌स व फोन व मैसेज के माध्यम से ग्राहकों को जागरूक किया जाना चाहिये। • बैंको द्वारा इस तरह के फ्रॉड व अपराधों के संबंध में कार्यवाही हेतु एक अलग हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाना चाहिये। • बैंको द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड पर इंटरनेशनल यूसेज की सुविधा दी जाती है जिसकी जानकारी ग्राहक को नहीं होती है एवं कार्ड पर इंटरनेशनल यूसेज होने पर ओटीपी नंबर की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे साइबर अपराधी आसानी से अपराध घटित कर देते हैं। बैंको द्वारा यह सुविधा ग्राहकों के निवेदन पर ही चालू करना चाहिये। • बैंको द्वारा समय-समय पर बढते हुये साइबर अपराधों से संबंधित जानकारी खाताधारकों को देते रहना चाहिये एवं इस संबंध में बैंको में शिविर का आयोजन कर खाताधारकों को जागरूककरना चाहिये। • इस प्रकार के अपराधों के घटित होने पर, पुलिस द्वारा किये जा रहे अनुसंधान हेतु, बैंको से चाही गयी जानकारी व सहयोग आसानी व त्वरित रूप से उपलब्ध होना चाहिये, जिससे पुलिस अपराधी तक पहुंच सके और आम नागरिकों के साथ होने वाले उक्त फ्रॉड से उन्हे बचाया जा सके। बैठक में पुलिस अधिकारियों एवं बैंक अधिकारियों द्वारा आपस में सामन्जस्य स्थापित कर, निरंतर रूप संपर्क में रहते हुए कार्यवाही कर, इस प्रकार के अपराधों के नियत्रंण में कंधे से कंधा मिकाकर कार्य करने का संकल्प लिया गया।



इन्दौर-दिनांक 17 जनवरी 2018- वर्तमान समय में शहर में बढते साइबर अपराध एवं बैंकिग फ्रॉड संबंधी अपराधों की रोकथाम हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक श्री हरिनारायणाचारी मिश्र के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक श्री मो0 युसुफ कुरैशी की विशेष उपस्थिति में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा शहर की प्रमुख बैंकों (एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, बीओआई बैंक, सेंट्रल बैंक,  केनरा बैंक, कारपोरेशन बैंक, यूको बैंक, आईडीबीआई बैंक, आदि बैंको) के नोडल अधिकारियों के साथ एक बैठक की गयी। इस बैठक का प्रमुख उद्देश्य शहर में बढ रहे साइबर अपराधों व बैकिंग फ्रॉड की वारदातों पर अंकुश लगानें के लिये, पुलिस के साथ बैंको की भागीदारी तय कर, आपसी सामन्जस्य के साथ कार्यवाही कर इस प्रकार के अपराधों पर नियत्रंण करना है।
                उक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री कुरैशी द्वारा इस प्रकार के अपराधों की रोकथाम के लिये पुलिस के सहायोग हेतु, बैंको को निम्न बातों का ध्यान रखा जाना चाहिये, बताया गया-
·         खाता खोलते समय दस्तावेजों का वेरिफिकेशन बैंक के किसी अधिकारी द्वारा किया जाना चाहिये।

·         बैंको व एटीएम में लगे हुये सीसीटीवी कैमरों का मेन्टेनेंस समय-समय पर व नियम से हो साथ ही एटीएम व बैंको में सिक्यूरिटी गार्ड भी आवश्यक रूप से रखा जाना चाहिये।

·         बैंको द्वारा ग्राहको को समय-समय पर ऑनलाइन फ्राड से संबंधित जानकारी दी जाये तथा ट्रांजेक्शन आदि के समय ध्यान रखने वाली बातों को पोस्टर, पम्पलेट्‌स व फोन व मैसेज के माध्यम से ग्राहकों को जागरूक किया जाना चाहिये।

·         बैंको द्वारा इस तरह के फ्रॉड व अपराधों के संबंध में कार्यवाही हेतु एक अलग हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाना चाहिये।

·         बैंको द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड पर इंटरनेशनल यूसेज की सुविधा दी जाती है जिसकी जानकारी ग्राहक को नहीं होती है एवं कार्ड पर इंटरनेशनल यूसेज होने पर ओटीपी नंबर की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे साइबर अपराधी आसानी से अपराध घटित कर देते हैं। बैंको द्वारा यह सुविधा ग्राहकों के निवेदन पर ही चालू करना चाहिये।

·         बैंको द्वारा समय-समय पर बढते हुये साइबर अपराधों से संबंधित जानकारी खाताधारकों को देते रहना चाहिये एवं इस संबंध में बैंको में शिविर का आयोजन कर खाताधारकों को जागरूककरना चाहिये।

·         इस प्रकार के अपराधों के घटित होने पर, पुलिस द्वारा किये जा रहे अनुसंधान हेतु, बैंको से चाही गयी जानकारी व सहयोग आसानी व त्वरित रूप से उपलब्ध होना चाहिये, जिससे पुलिस अपराधी तक पहुंच सके और आम नागरिकों के साथ होने वाले उक्त फ्रॉड से उन्हे बचाया जा सके। 

बैठक में पुलिस अधिकारियों एवं बैंक अधिकारियों द्वारा आपस में सामन्जस्य स्थापित कर, निरंतर रूप संपर्क में रहते हुए कार्यवाही कर, इस प्रकार के अपराधों के नियत्रंण में कंधे से कंधा मिकाकर कार्य करने का संकल्प लिया गया।

No comments:

Post a Comment