Sunday, November 12, 2017

न्यायालय मे फर्जी पावती बनाकर जमानत देने वाले गिरोह के पांच सदस्य क्राईम ब्राँच की गिरफ्त में। फर्जी पावती बनाने के उपकरण प्रिंटर, कंप्यूटर, रबर स्टैंप मशीन, रबर स्टैंप , कोरी पावती व जमानतदारों की फर्जी पावती जप्त। इन्दौर , उज्जैन , देवास एवं रतलाम जिले के न्यायालयों मे बैखोफ होकर देते थे फर्जी जमानत। मामले में संलिप्त एक फरार आरोपी की तलाश जारी।


इन्दौर-दिनांक 12 नवंबर 2017- फर्जी दस्तावेज बनाकर न्यायालय मे जमानतदार बनकर जमानत देने वाले गिरोह पर अंकुश लगानें व आरोपियों की पतारसी कर प्रभावी कार्यवाही करनें के निर्देश  पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र व्दारा दिये गये। उक्त निर्देश के तारतम्य मे पुलिस अधीक्षक मुखयालय इंदौर श्री मो. युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच श्री अमरेन्द्र सिंह व्दारा समस्त टीम प्रभारियों को इस दिशा मे प्रभावी कार्यवाही हेतु समुचित दिशा निर्देश दिये गये।
उक्त निर्देश पर कार्यवाही के दौरान क्राइम ब्रांच कीपुलिस टीम को मुखबिर तंत्र के माध्यम से सूचना मिली कि एमजी रोड थाना क्षेत्र मे न्यायालय के पीछे वाली रोड पर एक बाईंडिंग की दुकान पर कुछ लोग एकत्रित हैं तथा फर्जी पावती तैयार कर रहे हैं। उक्त सूचना पर क्राइम ब्रांच द्वारा पुलिस थाना एमजी रोड के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुये मुताबिक सूचना के दुकान पर दबिश दी गयी, दुकान के अन्दर पांच लोग उपस्थित मिले। पुलिस टीम द्वारा उक्त दुकान के अन्दर उपस्थित मिले पांच लोगों पुछताछ करनें पर अपना नाम 1. अब्दुल तैयब पिता मोहम्मद हुसैन उम्र 50 साल नि. म.न. 157/1 नयापुरा एमजी रोड इन्दौर, 2. लोकेश पिता धन्नालाल चन्द्रवाल उम्र 33 साल नि. म.न. 176 अंबेडकर नगर इन्दौर, 3. प्रकाश पिता स्व भैरुलाल उम्र 36 साल नि. म.न. 54 डी दिग्विजय सिंह कालोनी थाना व्दारिकापुरी  इन्दौर, 4. आकाश बैरागी पिता महेश बैरागी उम्र 26 साल नि. म.न. 503 नयाबसेरा कालोनी गाँधीनगर इन्दौर एवं 5. मोहम्मद फिरोज पिता अब्दुल जलील उम्र 40 साल नि. म.न. 58/3 दौलतगंज इन्दौर का होना बताया। आरोपी अब्दुल तैयब ने पूछताछ पर बताया की वह प्रकाश एवं लोकेश के कहने पर कप्यूटर एवं प्रिंटर की सहायता से फर्जी भूऋण पुस्तिका तैयार करता था, जिसमेयह लोग तहसीलदार एवं पटवारी के सील खुद लगा लेते थे तथा कुछ ऋणपुस्तिकाओं मे इनके व्दारा पटवारी एवं तहसीलदार की सील को स्कैन करके ऋण पुस्तिकाएं तैयार की गयी थी। ऋणपुस्तिका तैयार करने के पश्चात यह लोग उसमे अपने हिसाब से जमीन की जानकारी भर लेते थे तथा किसी भी व्यक्ति को जमानतदार बनाकर न्यायालय से जमानत करवा देते थे।
            आरोपी प्रकाश जो की मुखय सरगना है, जिसने पूछताछ पर बताया की वह अपने साथी लोकेश के साथ मिलकर दो सालों से फर्जी जमानतदार वाला काम कर रहा है तथा अब तक करीब पाँच हजार फर्जी जमानत दिलवा चुका है। वह अपने साथी अब्दुल तैयब एवं वसीम (फरार है) की मदद से फर्जी भूअधिकार एवं ऋण पुस्तिका (पावती) बनवाता है। जिस व्यक्ति के पास एक बीघा जमीन नही होती है, उसके नाम से कई एकड जमीन दर्शा दिया करते थे। एक न्यायालय मे जमानत देने के बाद पावती मे से उस पेज को अलग कर देते थे तथा नया पेज जोड देते थे तथा दूसरे न्यायालय मे पुनः उसी पावती पर एक और जमानत करवा देते थे। आरोपी लोकेश ने पूछताछ पर बताया की उसने अपने साथियों के साथ मिलकर अब तक हजारों फर्जी जमानत दे चुका है। फर्जी ऋणपुस्तिकातैयार करने का काम प्रकाश ही करवाता था वह अपने साथी अब्दुल तैयब एवं वसीम से फर्जी पावती तैयार करवाता था। प्रकाश जमानत के नाम पर लोगो से 10 हजार से 20 हजार रुपये लिया करता था तथा मिली हुयी रकम का हिस्सा किया करते थे। इन्दौर, उज्जैन, देवास एवं रतलाम के न्यायालय मे बैखौफ होकर फर्जी जमानत दे चूके हैं। फर्जी जमानतदार होने से पुलिस को बाद मे वारन्ट तामिल कराते वक्त जमानतदार भी नही मिलता था। आरोपी आकाश बैरागी ने पूछताछ पर बताया की वह भी पूर्व मे कई बार जमानत दे चुका है। आरोपी मोहम्मद फिरोज के कब्जे से उसकी कुल 6 भू अधिकार एवं ऋणपुस्तिका मिली वह भी पूर्व मे 50 बार से अधिक जमानत दे चूका है। सभी आरोपीगण इस तरह का काम करके ही अपना घर चला रहे हैं। पुलिस टीम द्वारा सभी आरोपीगण के कब्जे से फर्जी भू अधिकारी एवं ऋणपुस्तिका, प्रिँटर, कंप्यूटर एवं कोरी ऋणपुस्तिकाएं, पूर्व मे फर्जी रुप से दी गयी जमानत के दस्तावेज समस्त आरोपीगण से जप्त किये गये। पुलिस टीम द्वारा आरोपीगण को विधिवत्‌ गिरफ्तार किया जाकर पुलिस थाना एमआईजी पर अपराध धारा 419, 420, 467, 468 भादवि का कायम किया गया है।

         मामलें मे आरोपीवसीम नि. गुलजार कालोनी इन्दौर वर्तमाम मे फरार है जिसकी तलाश के हर संभव प्रयास किये जा रहे है। इसके अतिरिक्त अन्य आरोपियों के संबंध में पूछताछ की जा रही है। फर्जी जमानतदार के गिरोह को पकडने मे क्राईम ब्रांच को बडी सफलता प्राप्त हुई है।

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