इन्दौर-दिनांक
21 सितंबर 2017- शहर मे पुरातात्विक प्रतिमाओं एवं अन्य
महत्वपूर्ण धरोहरों की वस्तुओं को चोरी कर बेचने की सूचनाऍ प्राप्त हो रही थी,
उक्त
सूचनाओं पर प्रभावी कार्यवाही करने हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री
हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा क्राईम ब्रांच को निर्देशित किया गया। उक्त निर्देश
के तारतम्य मे पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री मो. युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन में
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राइम ब्रांच श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा थाना क्राईम
ब्रांच की टीम को इस दिशा में योजनाबद्ध तरीके से प्रभावी कार्यवाही करने हेतु
लगाया गया।
पुलिस टीम को कार्यवाही के दौरान उक्त सूचना की
पतारसी करते हुए मुखबिर की सूचना पर आरोपी 1. टीकमचंद पिता
चेतराम कसेरा उम्र 63 साल निवासी- 40/5 मल्हारगंज
जिंसी हाट मैदान इन्दौर, 2. कलीमुद्दीन पिता फकरुद्दीन बोहरा उम्र 70
साल निवासी 821 खातीवाला टैंक इन्दौर, 3. नाथुलाल
पिताचुन्नीलाल प्रजापति उम्र 48 साल निवासी 20 ए सृष्टि पैलेस
कालोनी छोटा बांगङदा इन्दौर, 4. आलादेव
उर्फ पप्पु पिता गणपत उम्र 47 साल निवासी 9 सोमनाथ की नई
चाल इन्दौर, 5. राजकुमार पिता मोहनलाल भिण्जवानी उम्र 44
साल निवासी 18-19 शिवधाम निम्बोदी खण्डवा रोड इंदौर, 6. राजेन्द्र
उर्फ राजू पिता रामेश्वर सोनी उम्र 43 साल निवासी मं.नं. 110
धार रोड कलारीया इंदौर, 7. अकबर खान पिता मुस्ताक खान उम्र 29
साल निवासी 7/2 बडा बाजार देवास, 8. वसीम पिता
मोहम्मद अखतर उम्र 34 साल निवासी 91 पिंजारा बाखल
इंदौर, 9. मो.ऐजाज पिता अ. हमीद उम्र 55 साल निवासी 15 अशोका कालोनी
माणिक बाग इंदौर को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि उक्त
सभी आरोपीगण कलीमुद्दीन बोहरा निवासी सैफी नगर स्थित बोहरा मस्जिद के पास उसके
निवास पर एकत्र होकर बैठे है, टीकमचंद कसेरा व मुर्तजा कहीं से सैकङो
वर्ष पुरानी अष्टधातु एवं पीतल की नागकन्या व गणेश की मूर्तियां चुराकर लाये थे,
और
उन मूर्तियो को सैकङो वर्ष पुरानी होने का दावा कर करोङो रुपये मे बेचने का सौदा
कर रहे थे। उक्त जानकारी पर पुलिस टीम द्वारा उक्त आरोपियों से ग्राहक बनकर वह
मूर्तियां खरीदने का मोल भाव किया तो वह तीन करोङ रुपये मे उक्त तीनो मूर्तियां
बेचने को तैयार हुये। सभी व्यक्तियो के बीच मे कुल 03 मूर्तियां
अष्टधातु जैसी रखी थी जिसमे 01 मूर्ति नागकन्या की तथा 02
मूर्तियां गणेश जी की थी। पुलिस टीम द्वारा उक्त तीनो मूर्तियां धारा 30
प्राचीन स्मारक पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 तथा 379,34
भादवि के अंतर्गत मौके पर से जप्त की गयी तथा बाद जप्त मूर्तियों को तकनीकी सहायक
पुरातत्व विभाग से निरीक्षण कराया जाकर निरीक्षण प्रतिवेदन प्राप्त किया गया,
जिनके
अनुसार नागकन्या की मूर्ति 400 वर्ष पुरानी तथा 18
से.मी. लम्बी गणेश जी की मूर्ति 400 वर्ष पुरानी एवं 16
से.मी. गणेश जी की मूर्ति 100 वर्ष पुरानी होकर बहुमूल्य
बेद्गाकीमती होना प्रथम दृष्टया पाया गया। इन मूर्तियो की अंतराष्ट्रीय बाजार में
अनुमानित कीमत नाग कन्या की 2.50 करोड, गणेशजी की 50
लाख एवं छोटे गणेशजी की 10 लाख इस प्रकार लगभग कुल 3
करोड 10 लाख रूपये सम्भावित है।
पुलिस टीम द्वारा आरोपियों से पूछताछ करने पर
पता चला कि नाथूलाल प्रजापत पीतल तांबा आदि का भंगार खरीदने का काम करता है,
पहले
यह किसी अन्य सेठ की दुकान पर नौकर था फिरस्वयं ने यही धंधा शुरु कर दिया। चोरों
ने उक्त मूर्तियां कहीं से चोरी कर उनको बेचने के लिये नाथूलाल के संपर्क में आये,
उनसे
यह तीन मूर्तियां नाथूलाल ने खरीद लीं। नाथूलाल ने यह जानकारी अपने मित्र टीकमदास
को दी, चूंकि टीकमदास को यह अनुभव था कि यह मूर्तियां बेशकीमती है, क्योंकि
टीकमदास का खानदानी काम पीतल तांबा के आइटम खरीदना है। टीकमदास ने अपने सभी
प्रापर्टी का काम करने वाले साथियों को वाट्सअप पर तस्वीर भेजीं जिसके माध्यम से
वह उक्त मूर्तियों को बेचने का प्रयास कर रहे थे। नागकन्या की मूर्ति ऐतिहासिक
महत्व की है, जिसका उल्लेख मध्यकालीन इतिहास में मिलता है,
जिसमें
नागवंश में नागकन्या का उल्लेख है। राजस्थान एवं उससे आसपास से जुडे हुये
मध्यप्रदेश के जिले जिनमें मंदसौर व बुन्देलखण्ड के राजपूतकालीन स्थापत्य कला में
नागकन्या का वर्णन मिलता है। जप्त प्रतिमाऍ पुरातात्विक महत्व की होकर मध्यकालीन
है। पुरातात्विक महत्व होने के कारण अंतरार्ष्ट्रीय बाजार में इन प्रतिमाओं की
कीमत करोडों में है।
1.आरोपी
टीकमचंद कसेरा मूल रुप से बर्तन पालिश का काम करता था, वर्ष 2013 से
प्रापर्टी खरीदने बेचने का कार्य करने लगा इसी दौरानउपरोक्त सभी आरोपीगण मिलकर
प्रापर्टी खरीदने बेचने हेतु एक ग्रुप बनाकर प्रापर्टी खरीदने बेचने लगे। इसी बीच
उपरोक्त चोरी की मूर्तियां लेकर उनका सौदा कर रहे थे।
2. आरोपी
कलीमुद्दीन बोहरा पूर्व मे एंटीक आयटम एवं डायमंड बेचने की दलाली का काम घूम फिरकर
करता रहा है, पिछले 4-5 वर्षो से
इन्दौर मे प्रापर्टी के व्यापार मे उछाल आने से प्रापर्टी का काम करने लगा तभी
उपरोक्त एंटीक आयटम की जानकारी प्राप्त होने पर अपने साथियों को व्हाटसअप के
माध्यम से सम्पर्क मे लेकर बेचने का प्रयास कर रहा था. इससे पूर्व आरोपी व्दारा
क्रिकेट की बाल के बराबर का रुद्राक्ष बेचने का भी प्रयास कर चुका है ।
3. आरोपी
नाथुलाल प्रजापत मूल रुप से राजस्थान के भीलवाङा का रहने वाला है, जो 25-30
वर्षो से इन्दौर आकर रहने लगा है। उसने 10-15 वर्षो तक
श्रीराम मेटल मोहनपुरा वाले के यहां तांबा पीचल के भंगार का काम किया है, यहां
से पिछले 4-5 वर्ष पूर्व काम छोङकर अपनी भंगार की दुकान अलग
कर ली और वहीं काम कर रहा है। इसी दौरान दो व्यक्तियो से उपरोक्त मूर्तियां क्रय
करना बताता है जिसे टीकमचंद के माध्यम से बेचने का प्रयास कर रहा था।
4. आरोपी
आलादेव उर्फ पप्पु साहू मुखय रुप से टीकमगढ का रहने वाला है, आरोपी
पूर्व मे हम्माली करता था फिर आटोरिक्शा चलाया करता था वर्तमान मे छोटी खजरानी मे
मस्जिद के पास तांबा पीतल के भंगार खरीदने का काम करता है ।
5. आरोपी
राजकुमार घिण्डवानी मूल रुप से इन्दौर का रहने वाला है पूर्व मे आर.एन.टी. मार्ग
चेतक चेम्बर के पास पान की दुकान चलाता था, जो पिछले वर्ष
से बंद पङी है। वर्तमान मे खण्डवा रोङ पर भोजनालय चलाकर गुजर बसर करता है, साथ
ही उपरोक्त साथियो के साथ प्रापर्टी खरीदने बेचने का काम करता है । आरोपी पूर्व मे
नोटबंदी के दौरान थाना पंढरीनाथ मे 70 लाख रुपये के पुराने नोट को बदलने के
प्रयास मे पकङा जा चुका है ।
6. आरोपी
राजेन्द्र उर्फ राजू सोनी मूल रुप से ग्राम कलारिया तह. सांवेर का रहने वाला है
जिसकी कलारिया मे मां उपहार गृह के नाम से चाय नाश्ते की दुकान है। आरोपी का परिचय
पिछले 5 वर्षो से कलीमुद्दीन से है और ये ऐंटिक पीस खरीदने बेचने मे एक
दूसरे की मदद करते रहे है। इस घटना से पूर्व कलीमुद्दीन व्दारा 80
लाख रुपये कीमत का पुखराज भी इसे भेजा गया था जो बिका नही। वर्तमान मे ये उपरोक्त
मूर्तियां बेचने का प्रयास कर रहे थे ।
7. आरोपी
अकबर खानमूल रुप से कपङा मार्केट मे कमीशन एजेन्ट के रुप मे कार्य करता है वर्तमान
मे छोटी मोटी प्रापर्टी बिकवाकर दलाली करता है। इसी बीच उपरोक्त मूर्तियो को बेचने
के संबंध मे कलीमुद्दीन के सम्पर्क मे आया था और पिछले 2-3 माह से इन
मूर्तियो को बेचने का प्रयास कर रहा था ।
8. आरोपी
मो. वसीम अखतर मूल रुप से इन्दौर मे पिंजारा बाखल का रहने वाला है तथा सांवेर रोङ
पर प्लास्टिक लाने का काम करता है साथ ही साथ छोटी मोटी प्रापर्टी बिकवाने की
दलाली भी करता है। उपरोक्त ग्रुप के राजेन्द्र सोनी के माध्यम से उपरोक्त मूर्तियो
को बेचने के संबंध मे फोटो प्राप्त हुये थे जो मूर्तियो को बेचने का प्रयास कर रहे
थे ।
9. आरोपी
मो. ऐजाज मूल रुप से उज्जैन का रहने वाला है वर्तमान मे भंवरकुआ क्षैत्र स्थित
अशोका कालोनी मे रह रहा है पिछले 2 वर्ष राजू सोनी के सम्पर्क मे आकर
प्रापर्टी बेचने का काम कर रहा है इसी बीच उपरोक्त ग्रुप के सम्पर्क मे आकर मूर्तियां
बेचने का काम कर रहा है ।
10. आरोपी
मुर्तजा बोहरा मूल रुप से उज्जैन का रहने वाला है पिछले 20 वर्षो से
इन्दौर मे रहकर प्रापर्टी खरीदने बेचने का काम कर रहा है इसी बीच प्रापर्टी मे
घाटा हो जाने के बाद सेउपरोक्त मूर्तियां 3 करोङ मे बेचने का प्रयास कर रहा था
ताकि उपरोक्त घाटा पुरा किया जा सके ।
पुलिस टीम द्वारा आरोपियों से पूछताछ
की जा रही हैं, जिससे कि खुलासा हो सके की वह मूर्तिया किसे
बेचने वाले थें।
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