इन्दौर-दिनांक 28 अगस्त 2017-पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा शहर के विभिन्न अपराधों में फरार व ईनामी बदमाशों की धरपकड हेतु विशेष प्रयास कर, प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है। उक्त निर्देद्गा के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री मों. युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच श्री अमरेंद्र सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच की टीम को इस दिशा में कार्यवाही करने हेतु समुचित निर्देश दिये गये।
इस कड़ी में कार्यवाही के दौरान मुखबिर तंत्र के माध्यम से क्राईम ब्रांच की टीम को थाना जूनी इंदौर के अपराध क्र 93/2010 धारा 420, 120 बी भादवि में फरार आरोपी दिनेश पिता विष्णु गोविंद दुबे उम्र 65 साल निवासी हुकुमचंद मार्ग इतवारिया मल्हारगंज इंदौर के बारे में सूचना मिली कि, उक्त आरोपी 7 साल से प्रकरण में फरार है। उक्त जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा आरोपी की पतासाजी कर उसे गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि, वह एसबीआई में 1973 में क्लर्क के पद पर जॉइन हुआ था और स्पेशल असिस्टेन्ट के पद से रिटायर्ड हुआ हूं।मेरी छोटी बुआ के लड़के शैलेन्द्र तिवारी जो 6 त्रिवेणी एवेन्यू में अपनी पत्नी माया तिवारी के साथ रहते थे, कॉलोनी का काम करते थे। में उनसे मिलने उनके घर गया था तो उन्होंने उसे बताया कि, उनके पार्टनर कैलाश कुरील शांत हो गए है, जो उनके साथ संचालक मंडल में थे। फिर उन्होंने मुझे भी वर्ष 2004-2005 में उनके द्वारा बनाई गई ग्रीन पार्क कॉलोनी का संचालक मंडल का सदस्य (लेखपाल) बनने का बोला और मेरे हस्ताक्षर करवाये ।
इसके अलावा शेलेन्द्र तिवारी की अन्य संस्था कर्मचारी मित्रबंधु गृह निर्माण संस्था 54 बोहरा इंदौर थी, उसमे भी मुझे सदस्य बनाया और हस्ताक्षर ले लिए। इस बीच शेलेन्द्र तिवारी ने वर्ष 2008 में अपनी दूसरी संस्था कर्मचारी मित्रबंधु गृह निर्माण संस्था की तेजाजी नगर बायपास रोड की 12 करोड़ की जमीन को फर्जी तरीके से ओने पौने दाम 7.3 लाख में अपनी एक कंपनी मियामी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के नाम से खरीद ली। वर्ष 2009 में शेलेन्द्र तिवारी शांत हो गए , तो उनका सारा काम उनकी पत्नी माया तिवारी करने लगी। वर्ष 2010 में कर्मचारी मित्रबंधु गृह निर्माण संस्था के प्लाट होल्डर्स द्वारा कर्मचारी मित्रबंधु गृह निर्माण संस्था के संचालक मंडल के खिलाफ शिकायत की गयी, जिसकी जांच डी. आर. ऑफिस के आडिटर द्वारा की गई और उन्होंने कर्मचारी मित्रबंधु गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष को दोषी पाया तथा पूरे संचालक मंडल के विरुद्ध थाना जूनी इंदौर में प्रकरण दर्ज कराया। शेलेन्द्र तिवारी जो मेरे भाई थे, उनके विश्वास के कारण में सदस्य बना और हस्ताक्षर किये थे।
क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा उक्त प्रकरण के फरार आरोपी दिनेश दुबे को गिरफ्तार कर अग्रिम वैद्यानिक कार्यवाही हेतु थाना जूनी इंदौर के सुपुर्द किया गया है।
इस कड़ी में कार्यवाही के दौरान मुखबिर तंत्र के माध्यम से क्राईम ब्रांच की टीम को थाना जूनी इंदौर के अपराध क्र 93/2010 धारा 420, 120 बी भादवि में फरार आरोपी दिनेश पिता विष्णु गोविंद दुबे उम्र 65 साल निवासी हुकुमचंद मार्ग इतवारिया मल्हारगंज इंदौर के बारे में सूचना मिली कि, उक्त आरोपी 7 साल से प्रकरण में फरार है। उक्त जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा आरोपी की पतासाजी कर उसे गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि, वह एसबीआई में 1973 में क्लर्क के पद पर जॉइन हुआ था और स्पेशल असिस्टेन्ट के पद से रिटायर्ड हुआ हूं।मेरी छोटी बुआ के लड़के शैलेन्द्र तिवारी जो 6 त्रिवेणी एवेन्यू में अपनी पत्नी माया तिवारी के साथ रहते थे, कॉलोनी का काम करते थे। में उनसे मिलने उनके घर गया था तो उन्होंने उसे बताया कि, उनके पार्टनर कैलाश कुरील शांत हो गए है, जो उनके साथ संचालक मंडल में थे। फिर उन्होंने मुझे भी वर्ष 2004-2005 में उनके द्वारा बनाई गई ग्रीन पार्क कॉलोनी का संचालक मंडल का सदस्य (लेखपाल) बनने का बोला और मेरे हस्ताक्षर करवाये ।
इसके अलावा शेलेन्द्र तिवारी की अन्य संस्था कर्मचारी मित्रबंधु गृह निर्माण संस्था 54 बोहरा इंदौर थी, उसमे भी मुझे सदस्य बनाया और हस्ताक्षर ले लिए। इस बीच शेलेन्द्र तिवारी ने वर्ष 2008 में अपनी दूसरी संस्था कर्मचारी मित्रबंधु गृह निर्माण संस्था की तेजाजी नगर बायपास रोड की 12 करोड़ की जमीन को फर्जी तरीके से ओने पौने दाम 7.3 लाख में अपनी एक कंपनी मियामी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के नाम से खरीद ली। वर्ष 2009 में शेलेन्द्र तिवारी शांत हो गए , तो उनका सारा काम उनकी पत्नी माया तिवारी करने लगी। वर्ष 2010 में कर्मचारी मित्रबंधु गृह निर्माण संस्था के प्लाट होल्डर्स द्वारा कर्मचारी मित्रबंधु गृह निर्माण संस्था के संचालक मंडल के खिलाफ शिकायत की गयी, जिसकी जांच डी. आर. ऑफिस के आडिटर द्वारा की गई और उन्होंने कर्मचारी मित्रबंधु गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष को दोषी पाया तथा पूरे संचालक मंडल के विरुद्ध थाना जूनी इंदौर में प्रकरण दर्ज कराया। शेलेन्द्र तिवारी जो मेरे भाई थे, उनके विश्वास के कारण में सदस्य बना और हस्ताक्षर किये थे।
क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा उक्त प्रकरण के फरार आरोपी दिनेश दुबे को गिरफ्तार कर अग्रिम वैद्यानिक कार्यवाही हेतु थाना जूनी इंदौर के सुपुर्द किया गया है।
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