Saturday, January 28, 2017

अंधे कत्ल का पर्दाफा, आरोपी गिरफ्तार


इन्दौर-दिनांक 28 जनवरी 2017- दिनांक 15-16/12/2016 की दरम्यानी रात को मृतक रामचन्द्र पिता बाबूलाल बोरासी उम्र 45 साल निवासी 413 लाला का बगीचा विकास नगर इंदौर की हत्या अज्ञात व्यक्ति द्वारा की गई। जिसकी रिपोर्ट मृतक के पुत्र सुमित पिता रामचन्द्र बोरासी द्वारा पुलिस थाना परदेशीपुरा पर की गई। जिस पर अप.क्र. 595/16 धारा 302 भादवि का पंजीबध्द कर विवेचना मे लिया गया। 
         उक्त अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर शहर इंदौर श्री हरिनारायणचारी मिश्र द्वारा उचित दिशा निर्देश दिये गये। उक्त निर्देश के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक पूर्व इंदौर श्री अवधेश कुमार गोस्वामी तथा अति. पुलिस अधीक्षक श्री संम्पत उपाध्याय के मार्गदर्शन में नगर पुलिस अधीक्षक परदेशीपुरा श्री अजय जैन द्वारा थाना प्रभारी परदेशीपुरा एस.के. दास के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया। पुलिस अधीक्षक पूर्व इंदौर श्री अवधेश कुमार गोस्वामी द्वारा उक्त प्रकरण के आरोपी को पकडने हेतु 10,000/- रुपये के ईनाम की उद्‌घोषणा की गयी थी। पुलिस टीम द्वारा प्रारंभिक जाँच करने पर पता चला कि मृतक रांमचन्द्रदेर रात्रि में आईडीए बिल्डिंग मे रहने वाले चोकीदार रमेश परिहार के लडके सुभाष के साथ कलाली पर देखा गया था तथा प्रयास करने पर आईडीए की बिल्डिंग के पास लगे कैमरे मे अवलोकन पर पाया कि देर रात्रि करीब 12.30 बजे एक मोटर साईकिल पर दो लोग बैठकर आते दिखाई दिये जिसमें पीछे बैठा मृतक रामचन्द्र बोरासी था तथा मोटर साईकिल चालक की पहचान सुभाष परिहार के रुप में हुई। ये दोनो ही बिल्डिंग पर चढते हुये दिखाई दिये तथा प्रातः तक अन्य कोई भी इस बिल्डिंग मे आता जाता दिखाई नही दिया। जिस पर सुभाष परिहार पर पूर्ण शंका होने पर, ढूंढते हुये पता चला कि वह सुबह तक यहां था किन्तु अभी भाग गया है। जिससे दो अन्य टीम प्रथम उ.नि. शिवकुमार सिंह परिहार के नेतृत्व में तथा द्वितीय उ.नि. नेपाल सिंह चौहान के नेतृत्व मे टीम बनायी जाकर खोज बीन हेतु लगाया गया पता चला कि सुभाष परिहार मूल निवासी ग्राम गुडा थाना डकोर जिला जालोन उ.प्र. का होने से वहां भाग सकता है दूसरी सूचना यह मिली की यह सूरत मे किन्नरों की गैंग के साथ ट्रेनो मे भ्रमण कर पैसे मांगने वालो के साथ पहले रहता था जो वहां भी छिप सकता है। इस सूचना पर तत्काल उ.नि.शिवकुमार सिंह परिहार को ग्राम गुढा तरफ तथा उ.नि. चौहान की टीम को सूरत शहर तरफ रवाना किया गया। लगातार सर्चिंग की जाने पर अपने गृह नगर ग्राम गुढा व आसपास रिश्तेदारो मे जाना नही पाया, किन्तु सूरत रेल्वे स्टेशन व आसपास के स्टेशनो पर इसे देखा जाना बताया। सूरत व आसपास के रेल्वे स्टेशनो पर इसका अच्छा खासा दबदबा तथा किन्नरो की पार्टी मे होना पाया गया परन्तु पता चला कि इसे पुलिस की सूरत आने की खबर लग गयी है जिससे वह यहां से भी भाग गया है। जिस पर दोनो स्थानो मे पुलिस सफल नही हो सकी। इसी दरम्यान थाना प्रभारी परदेशीपुरा एस.के. दास को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि सुभाष ने एक स्थानीय व्य़क्ति से अपनी मोटर साईकिल हेतु फोन से सम्पर्क किया है। जिस पर पुनः आशा कि किरण दिखाई पडी वह उक्त मोबाईन न. को प्राप्त कर लगातार उस नम्बर से टावर लोकेशन के आधार पर आरोपी सुभाष की सम्भावित लोकेशन प्राप्त होने लगी। लोकेशन से पता चला की वह व्यक्ति पीथमपुर मे छिपा हुआ है। लोकेशन के आधार पर जाल बिछाया जाकर पुलिस टीम द्वारा उसे धर दबोचा गया। आरोपी सुभाष परिहार द्वारा खुलासा किया कि घटटना तारीख को देर रात्रिमे मालवा मिल कलाली मे और शराब पीने हेतु गया था जहाँ पर रामचंद्र बोरासी पहले से ही शराब पीते मिला था। जिसके साथ उसने देशी शराब का क्वार्टर पिया। फिर मोटर साईकिल पर रामचन्द्र को बिठाकर आईडीए बिल्डिग जिसमें पास-पास के कमरो मे दोनो रहते थे। फिर दोनो रात 12.30 बजे ऊपर गये जहाँ खाना खाने बैठे शऱाब के नशे में किसी बात पर उनका विवाद हो गया तथा ज्यादा नशे मे होने से दोनो एक दूसरे से मारपीट करने लगे। तो मैने (सुभाष) रामचन्द्र को मेरे लठ्‌ठ जो हमेशा अपने कमरे के सामने रखता हूँ, उठाकर उससे मारा तथा अपने घऱ चला गया। सुबह देखने पर पता चला कि रामचन्द्र वहीं पड़ा है जिस पर मै तत्काल ट्रेन से रतलाम तरफ भाग गया तथा फिर सूरत तरफ जहाँ पहिले से पहिचान थी वहां रहकर समय काटा पुलिस के वहां पहुचने पर मे पीथमपुर आ गया था। जहाँ पकडा गया। उसकी इस कहानी पर विश्वास नही होने से संयुक्त रुप से बारीकी से पूछताछ की जिस पर पाया कि आरोपी सुभाष परिहार किन्नोर के साथ वर्षो रहा है। जो वही गंदी आदतों का शिकार होकर होमो सेक्सुअल हो गया और देर रात्रि रामचन्द्र को इसी कार्य हेतु तैयार करने लगा नही मानने परउसकी हत्या कर दी। मृतक मौके पर बगैर कपडे के मृत अवस्था मे मिला था। विस्तृत पूछताछ पर सुभाष परिहार ने अपना यह जुर्म स्वीकार कर लिया है। 
           उक्त अंधेकत्ल का पर्दाफाश करने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी परदेशीपुरा श्री एस.के. दास एवं उनकी टीम की सराहनीय भूमिका रही है।

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