इन्दौर 24 सितम्बर 2015-पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर, इन्दौर श्री सन्तोष कुमार सिंह के निर्देश के
तारतम्य में पैरोल से फरार आरोपियो को गिरफतार करने हेतु चलाये जा रहे विशेष
अभियान के तहत क्राईम ब्रांच इन्दौर ने सेन्ट्रल जेल इन्दौर में अपहरण के प्रकरण
में आजीवन कारावास से दण्डित, पैरोल से फरार
आरोपी दशरथसिंह पिता अजबसिंह निवासी ग्राम देवला विहार थाना बैरछा, जिला शाजापुर को केन्द्र शासित प्रदेश दमन से
गिरफतार करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।
पुलिस थाना भंवरकुआं क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2002 में एक फैक्ट्री संचालक के पुत्र के अपहरण के
प्रकरण में माननीय न्यायालय इन्दौर द्वारा आरोपी दशरथसिंह को आजीवन कारावास से
वर्ष 2004 में दण्डित किया गया था
एवं सेन्ट्रल जेल इन्दौर में निरूद्व किया गया था। दण्डित बन्दी के द्वारा लगभग 4 वर्ष की सजा काटने के उपरांत पैरोल का लाभ
मिलने लगा था जिससे दशरथ सिंह को माह दिसम्बर 2008 में 15 दिवस का पैराल
स्वीकृत हुआथा। उक्त पैरोल उपरांत बन्दी को दिनांक 7.1.2009 को पुनः जैल दाखिल होना था, जो नहीं होकर पैरोल से फरार हो गया था। पैरोल से फरार होने
पर, जेल अधीक्षक सेन्ट्रल जेल
इन्दौर की रिपोर्ट पर थाना एम.जी.रोड इन्दौर में अपराध क्रमांक 27/09 धारा 31 बन्दी अधिनियम के तहत पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया
था।
फरार आरोपी दशरथ सिंह को पकडने के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक
इन्दौर द्वारा निर्देशित करने पर, क्राईम ब्रांच
द्वारा आरोपी की सघन पतारसी की गयी। इस दौरान ज्ञात हुआ कि माननीय न्यायालय में
दशरथसिंह की मृत्यु का नगर निगम का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है। जांच में
पाया गया कि आरोपी दशरथ सिंह का उक्त मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी है। क्राईम ब्रांच
द्वारा अपने सूचना तंत्र एवं तकनीकी तंत्र की सक्रियता पर, जानकारी एकत्र करने पर ज्ञात हुआ कि, फरार आरोपी दशरथ सिंह पिता अजब सिंह की मृत्यु नहीं हुई और
वह गुजरात या केन्द्र शासित प्रदेश दमन में छिप कर रह रहा है।
क्राईम ब्रांच द्वारा एकत्र जानकारी के आधार पर
एक विशेष टीम तैयार कर, आरोपी दशरथसिंह
को पकड़ने के लिये, दमन भेजा गया।
पुलिस टीम द्वारा वहां पर लगातार पतारसी करने एवं आरोपी के बारे में जानकारी एकत्र
करने पर ज्ञात हुआ कि, यह एक पॅालीमर
कम्पनी में काम कर रहा है। कम्पनी से जानकारी प्राप्त करने पर, आरोपी का स्थानीय पता ज्ञात हुआ जहां पर टीम
द्वारा घेराबन्दी कर आरोपी को अपने शिंकजे में ले लिया। गिरफतार आरोपी दशरथसिंह से
उसके मृत्यु प्रमाण पत्र के बारे में जानकारी लेने पर उसके द्वारा अनभिज्ञता जाहिर
की गई एवं बताया कि, सेन्ट्रल जैल
इन्दौर में बंदी रहने के दौरान कमल पिता अन्तरसिंह निवासी भवानी नगर इन्दौर ने जेल
से बहार जाने पर उसकी जमानत कराने के लिए रूपयों का इन्तजाम कराने को कहा गया था।
जिस पर उसके द्वारा अपने पैतृक गांव से जमीन बेचकर कमल पिता अन्तरसिंह को राशि का
भुगतान कराया गया था, जिसने उसका
मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर, माननीय न्यायालय
प्रस्तुत कर दिया गया।
पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर द्वारा चलाये जा
रहे इस विशेष अभियान में क्राईम ब्रांच इन्दौर द्वारा पैरोल से फरार दशरथ सिंह को
हिरासत में लेकर, इस अभियान के तहत
10 वीं महत्वपूर्ण सफलता
प्राप्त की है।
उक्त आरोपी को पकड़ने में वरिष्ठ अधिकारियों के
मार्गदर्शन में अति.पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच इन्दौर श्री विनय प्रकाश पॉल के
नेतृत्व में उनकीटीम का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा।
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