इन्दौर- दिनांक २ फरवरी २०१०-पुलिस अधीक्षक पूर्व श्री मकरन्द देउस्कर निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पूर्व महेशचन्द्र जैन, एवं नगर पुलिस अधीक्षक संयोगितागंज पंकज पाण्डे के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी पलासिया अरविन्द खरे एवं कोबरा-टू की टीम द्वारा लगातार निगरानी एवं मेहनत से टीम को यह सूचना मिली कि वंशी टे्रड सेन्टर का पूर्व सिक्यूरिटी गार्ड ललित पंथी उर्फ लक्ष्मण अपने साथियों के साथ मिलकर निरन्तर वाहन चोरी की वारदातो को अंजाम दे रहा है, जिस पर पलासिया पुलिस व कोबरा-टू की टीम ने धरपकड करते हुए आरोपी ललित पंथी पिता अमृतलाल कोरी निवासी सुभाष नगर इन्दौर को पकडकर पूछताछ की गई तो उसने अपने साथी चिन्टू उर्फ नीलम पिता हेमराज चराउंडे निवासी ३८४/५ नेहरूनगर इन्दौर, उपेन्द्र पिता रामगोपाल चौरसिया निवासी २७/३ विजय नगर इन्दौर, के साथ मिलकर वाहन चोरी करना स्वीकार किया, आरोपी ललित पंथी उर्फ लक्ष्मण , चिन्टू उर्फ नीलम, एवं उपेन्द्र चौरसिया के कब्जे से ९ मोटर सायकलें कीमती अनुमानित साडे तीन लाख रूपये की बरामद करने मे सफलता हासिल की है। आरोपियो के निवास की तलाशी लेने पर उनके पास लगभग १० इंच फाल वाले खतरनाक चाकू बरामद हुए है, व चिन्टू से एक पिस्टल बरामद हुई है, बदमाशो से और बारीकी से पूछताछ करने पर चिन्टू द्वारा संदीप पिता वीरेन्द्र सिह कुशवाह निवासी नेहरूनगर इन्दौर से पिस्टल खरीदकर लाना एवं चाकू देवास जिले से खरीदना बताया। आरोपी चिन्टू के बताने पर आरोपी संदीप पिता वीरेन्द्रसिह कुशवाह को पकडा गया, संदीप से कई घन्टो की लगातार पूदताछ के बाद उसने आरोपी विजय पिता रामप्रसाद प्रजापति निवासी लाला का बगीचा इन्दौर, व अनिल पिता यशवन्तसिह निवासी मूसाखेडी इन्दौर, को एक-एक पिस्टल देना बताया इनको गिरफ्तार करने पर इनके कब्जे से एक-एक पिस्टल बरामद हुई है, अभी तक पुलिस को ६ पिस्टल, ८ जीवित कारतूस बरामद किये जा चूके है इनके अतिरिक्त आरोपियों द्वारा कई पिस्टलें भागीरथपुरा निवासी शैलेन्द्र एवं संजय नाम के व्यक्ति को बेचना बताया है। तथा अन्य व्यक्तियो को भी पिस्टल देना बताया है आरोपी संदीप ने एक दर्जन से अधिक पिस्टल शहर के अपराधिक तत्वो को बेचना स्वीकार किया है। आरोपी संदीप का पुलिस रिमाण्ड लेकर अन्य अपराधियो की धरपकड एवं अवैध हथियारो की बरामदगी जारी है। उक्त कार्यवाही में कोबरा-टू की टीम के प्रधान आरक्षक लोकेन्द्र चौधरी, आरक्षक श्याम, राममिलन, रमेश, रामलखन तथा भगवानसिह की भूमिका सराहनीय रही है, इन्हे नगद पुरूस्कार से पुरूस्कृत किया जा रहा है।
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