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एक्टिवा दोस्त को बेच, थाने में लिखा
दी चोरी की झूठी रिपोर्ट, बीमा कम्पनी से चोरी का क्लैम हासिल कर
कारित की धोखधड़ी।
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गाडी का रंग बदलकर, दूसरे वाहन की
नम्बर प्लेट लगाकर किया गुमराह, वाहन अन्य लोगों को बेचा।
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आरोपियों के कब्जे से दोपहिया वाहन
एक्टिवा किया बरामद।
इन्दौर
दिनांक 29 मई 2020 -पुलिस
उपमहानिरीक्षक इंदौर (शहर) श्री हरिनारायणचारी मिश्र व्दारा इन्दौर शहर मे लाकडाउन
के दौरान वाहन चोरी की घटनाओं पर अंकुश पाने तथा चोरों की धरपकड करने हेतु प्रभावी
कार्यवाही करने के लिए इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशों के
तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय)
श्री सूरज वर्मा के निर्देशन मे अतिरिक्त
पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच श्री राजेश दंडोतिया व्दारा एक टीम का गठन कर वाहन
चोर अपराध शीर्ष के संदर्भ में कार्यवाही करने हेतु लगाया गया।
क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना मिली थी
कि 1. शंकर वर्मा निवासी जनता क्वार्टर, नामक व्यक्ति ने
अपने दोस्त को रंग बदलकर वाहन बेच दिया तथा वाहन की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराकर,
बीमा
कम्पनी से बीमा क्लेम हासिल कर लिया।
सूचना
की तस्दीक करने पर ज्ञात हुआ कि शंकर वर्मा के पास एक नीले रंग की एक्टिवा MP
09 UD 1651 गाड़ी थी, जिसका रंग बदलकर उसने सफेद कर दिया था तथा गाड़ी
अपने साथी दोस्त 2. आशीष यादव पिता भैय्यादीन उम्र 32
साल निवासी कारस देव नगर, इंदौर को बेच दी थी। उक्त कृत्य के बाद
दोनों ने मिलीभगत कर, गाड़ी चोरी की रिपोर्ट थाना परदेशीपुरा में
अपराध क्रमांक 504/18 धारा 379 के तहत दर्ज
करा दी थी। वाहन चोरी होने से बीमा कम्पनी को अनुदान हेतु अपील की गई और आरोपियों
ने कम्पनी से बीमाधन प्राप्त कर लिया, तथा उपरोक्त वाहन को सफेद एक्टिवा
बनाकर अपने अन्य दोस्त की गाड़ी की एक्टिवा का नम्बर, फ़र्ज़ी तरीके से
उपयोग में लेकर छलकपटपूर्वक धोखाधड़ी कारित की है।
आरोपी
आशीष यादव ने एक्टिवा को सफेद होने के बाद, तथा दोस्त के
अन्य वाहन के नम्बर को कॉपी कर फ़र्ज़ी नम्बर प्लेट लगाकर यही वाहन सस्ती कीमत मात्र
12 हज़ार रुपये में 3. गोविंद पिता भगवत बाघले उम्र 24
साल निवासी सुभाष नगर, को बेच दी थी तथा वाहन के दस्तावेज कुछ दिन बाद
प्रदाय करने का आश्वासन दिया था।
इस
प्रकार परस्पर तीनो आरोपियों को क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा पकड़कर थाना
परदेशीपुरा के सुपुर्द किया गया है, एवं वाहन को बरामद कर लिया गया है तथा
उनके द्वारा चोरी का वाहन क्रय विक्रय करने, वाहन का रंग तथा
नम्बर प्लेट बदलकर कूटरचना करने, झूठी FIR लिखाकर बीमा
कम्पनी से क्लेम के माध्यम से अनुचित बीमाधन प्राप्त कर धोखधड़ी करने, आदि
सम्बधी आरोपों के लिए कानूनी कार्यवाही की जा रही है।
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