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आरोपियों से अब तक 63
लाख की नगदी बरामद।
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81 लाख रूपये की लूट की वारदात को महज
तीन दिन में सुलझाने में मिली सफलता।
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ग्वालियर के स्वर्ण व्यापारी के
कर्मचारियों के साथ इंदौर में हुई थी लूट की घटना।
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कर्मचारी की मिलीभगत से षणयंत्रपूर्वक
गिरोह ने ग्वालियर से पीछा कर इंदौर में दिया वारदात को अंजाम।
इन्दौर
दिनांक 06 फरवरी 2020- पुलिस उप महानिरीक्षक श्रीमति
रूचिवर्धन मिश्र इंदौर (शहर) द्वारा इंदौर जिले में लूट डकैती के लंबित प्रकरण तथा
अनुसलझी वारदातों को सुलझाने एवं अज्ञात आरेपियों की पतारसी कर उनकी धरपकड़ करने
हेतु इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशो के तारतम्य में पुलिस
अधीक्षक (मुख्यालय) श्री सूरज वर्मा के निर्देषन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
(क्राईम ब्रांच) श्री राजेश डण्डोतिया द्वारा क्राईम ब्रांच की टीम का गठन किया
जाकर, बड़ी लूट की घटना का खुलासा किया गया।
दिनांक 02.03.2020 को
रात्रि करीब 09 बजे ग्वालियर के स्वर्ण आभूषण व्यापारी
राजेन्द्र पिता अवध कुमार गुप्ता ने उपस्थित होकर, थाना मल्हारगंज
में रिपोर्ट की थी कि उसने दुकान पर काम करने वाले कर्मचारी सत्येन्द्र यादव व
हेमंत श्रीवास्तव को 04 लाख रूपये नगदी तथा अन्य आभूषण लेकर ग्वालियर
से इंदौर सराफा, खरीददारी करने भेजा था जोकि गोराकुण्ड के पास
गंजानंद टॉवर के फ्लैट में रूके थे यहाँ पर गजानंद टॉवर की र्पार्कंग से तीन
अज्ञात व्यक्ति सत्येन्द्र यादव व हेमंत श्रीवास्तव से धक्का मुक्की कर पैसों से
भरा बैग लेकर रफूचक्कर हो गये है। उपरोक्त घटनाक्रम के संदर्भ में थाना मल्हारगंज
में अपराध क्रमांक 91/20 धारा 392 भादवि के तहत
प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया।
उक्त प्रकरण के अज्ञात आरेपियों की
छानबीन कर गिरफ्तारी के प्रयास लगातार क्राईम ब्रांच की टीम द्वारा किये जा रहे थे
जिसके लिये सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तत्कालीन मौके के आसपास मौजूद 50 से
अधिक संदेहियों से पृथक पृथक पूछताछ की गई तथा पीड़ित के कर्मचारियों सत्येन्द्र
यादव व हेमंत श्रीवास्तव से भी पूछताछ की गई जिसमें हेमंत श्रीवास्तव से ज्ञात
तथ्य संदेहास्पद प्रतीत होने से घटना के संबंध में विभिन्न बिन्दुओं पर सिलसिलेवार
पूछताछ की गई, जिसमें आरोपी हेमंत श्रीवास्तव ने अपना जुर्म
कबूलते हुये सारे घटनाक्रम का पर्दाफाश कर दिया। आरोपी हेमंत श्रीवास्तव ने बैग
में 04 लाख की बजाय कुल रकम 81 लाख नगदी की लूट होना कबूला।
आरोपी हेमंत श्रीवास्तव ने पुलिस टीम
को आगे पूछताछ में बताया कि वह लम्बे समय से ग्वालियर के स्वर्ण आभूषण व्यापारी
राजेन्द्र पिता अवध कुमार गुप्ता व उनके भाई नरेन्द्र गुप्ता के यहां पर कार्य कर
रहा था जोकि स्वर्ण आभूषणों की खरीद फरोख्त करने के उद्देष्य से 81
लाख रूपये लेकर नगदी बैग में भरकर इंदौर आया था। पैसा देखकर नियत खोटी होने से 1.
आरोपी
हेमंत पिता गोपाल श्रीवास्तव 31 वर्ष निवासी विजयनगर कम्पू
ग्वालियर ने अपने भाई प्रहलाद श्रीवास्तव
के साथ मिलकर षणयंत्र रचा कि 2. आरोपी प्रहलाद पिता गोपाल श्रीवास्तव
उम्र 35 वर्ष निवासी कम्पू ग्वालियर, उससे पैसों से
भरा बैग लूट ले जिसमें आरोपी हेमंत उसकी मदद करेगा, चूँकि आरोपी
प्रहलाद पर पैसों का कर्ज अधिक था अतः उसे पैसों की आवष्यकता थी इसलिये उसने योजना
के मुताबिक अपने साढ़ूभाई 3. सत्येन्द्र कुलश्रेष्ठ उम्र 47
वर्ष निवासी विष्णु कॉलोनी ग्वालियर 4. त्रिलोक पिता बलविन्दर सिंह उम्र 45
वर्ष निवासी जलालपुर मोतीझील ग्वालियर व 5. शेरू उर्फ मामा
उर्फ रामप्रसाद कुषवाह पिता प्यारेलाल कुषवाह उम्र 35 साल निवासी
नयापुरा ग्वालियर 6. रोहित उर्फ राजा पिता मुन्नालाल कुषवाह उम्र 30
साल निवासी नई सड़क ग्वालियर के साथ मिलकर, सत्येन्द्र यादव व हेमंत श्रीवास्तव से
बैग लूटने की साजिश रची जिसमें योजनाबद्ध तरीके से हेंमत श्रीवास्तव उनकी मदद करता
गया तथा सभी आरोपी बैग में रखी नगदी 81 लाख रूपये व मोबाईल आदि लूटकर भाग
गये।
पूछताछ में आरोपियों का खुलासा होने
पर ज्ञात सभी आरोपियों की पतारसी क्राईम ब्रांच की टीम द्वारा की गई जिसमें 04
आरोपियों 1. आरोपी हेमंत पिता गोपाल श्रीवास्तव 2. आरोपी
प्रहलाद पिता गोपाल श्रीवास्तव 3. सत्येन्द्र कुलश्रेष्ठ 4. त्रिलोक
पिता बलविन्दर सिंह को रैन बसेरा इंदौर से गिरफ्तार किया गया।
आरोपी प्रहलाद के कब्जे से लूटे गये
रूपयों में से 44 लाख रूपये बरामद हुये हैं। आरोपी सत्येन्द्र
कुलश्रेष्ठ युगान्तर विद्यापीठ स्कूल ग्वालियर में बाबू है जिससे 09
लाख 50 हजार रूपये बरामद हुये हैं। आरोपी त्रिलोक, प्रकरण में फरार चल रहे आरोपी शेरू
मामा का मित्र है जिसके माध्यम से वह आरोपियों के सम्पर्क में आया तथा इससे भी 09
लाख 50 हजार रूपये बरमद किये गये हैं। प्रकरण में 02 आरोपी शेरू
उर्फ मामा तथा रोहित उर्फ राजा अभी फरार चल रहे हैं जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास
जारी है।
सभी आरोपियों से की गई पूछताछ में
खुलासा हुआ कि इनके द्वारा पूर्व में ही घटना स्थल तक आने जाने के रास्ते की रैकी
की गई थी और दिनांक 01.03.2020 को जब फरियादी के कर्मचारी हेमन्त
श्रीवास्तव और सतेन्द्र यादव, शाम को बस द्वारा ग्वालियर से नकदी
लेकर इंदौर के लिये निकले थे तभी आरेपीगण इण्डिका विस्टा कार से बस के पीछे पीछे
इंदौर तक आये बाद गोराकुण्ड के पास गली में गाडी खडी करके मुँह पर कपडा बाँधकर व
साल ओढकर पीछे जाकर लूट की घटना कारित की जिसमें हेमंत श्रीवास्तव की मिलीभगत
सामने आई है।
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