★ स्कीम नम्बर 94 आई
डी ए कालोनी मे स्थित एक ही भूखण्ड को धोखाधडीपूर्वक दो लोगों को बेचा था आरोपी
ने।
★ प्रापर्टी
का काम करता है आरोपी, फ़र्ज़ी दस्तावेज तैयार कर एक ही
सम्पत्ति अलग अलग लोगों को बेच, करता है
धोखाधड़ी।
इंदौर
दिनांक 30 दिसंबर 2019- वरिष्ठ
पुलिस अधीक्षक श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र इंदौर (शहर) व्दारा इन्दौर शहर में लोगों
की निजी तथा शासकीय भूमि पर कब्जा कर अतिक्रमण करने, अथबा जमीन की
खरीदी बिक्री सम्बन्धी धोखाधडी के मामलो मे फरार चले रहे आरोपियों की धरपकड़ करने
हेतु इंदौर पुलिस को न प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे । उक्त
निर्देशो के तारतम्य मे पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर श्री सूरज वर्मा के
निर्देशन में तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (क्राईम ब्रांच) श्री अमरेन्द्र
सिंह द्वारा क्राईम ब्राँच की टीम का गठन
किया जाकर उसे शहर के विभिन्न थानों से जमीन संबंधित धोखाधडी के मामलों में फरार
चल रहे आरोपियों पर कार्यवाही करने हेतु समुचित दिशा निर्देश दिये गये थे।
इस कडी मे क्राइम ब्रांच की टीम को
सूचना मिली थी कि थाना भवरकुआ के अपराध
क्रमाँक 883/19 धारा 420, 467, 468, 471 भादवि में फरार
आरोपी हरीश कुशवाह पिता पूनमचन्द कुशवाह उम्र 48 साल निवासी
नानक नगर, आई टी पार्क के पास देखा गया है, सूचना पर क्राइम
ब्रांच की टीम ने थाना भंवरकुआं पुलिस के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुए आई टी
पार्क तिराहे ससे घेराबंदी कर आरोपी हरीश कुशवाह को पकड़कर पुलिस अभिरक्षा में लिया
गया।
आरोपी से की गई आरंभिक पूछताछ में उसने बताया कि
स्किम नं 94 मे 62 नंबर प्लाट उसके मालिकाना हक का था
जिसे उसने, वर्ष 2004 मे विनोद
मेहलता नाम के व्यक्ति को बेच दिया था तथा वर्ष 2014 मे उसने उसी
प्लाट के कूट रचित दस्तावेज तैयार कर, उसने लोकेश हार्डिया नाम के व्यक्ति को
बेच दिया था। लोकेश हार्डिया के कब्जे के बाद, उक्त प्लाट को एक बार फिर वह किसी अन्य
को बेचने की फिराक में था, इसलिए आरोपी ने प्लाट पर से लोकेश
हार्डिया के स्वामित्व का बोर्ड हटवाकर 10-12 गुंडो के दम पर
उक्त प्लाट पर बुलडोजर चलवाना चाह रहा था तथा अवैध रुप से कब्जा कर किसी और को
बेचने की फिराक में था ।
आरोपी हरीश कुशवाह को अग्रिम
वैधानिक कार्यवाही हेतु थाना भवरकुआ पुलिस के अपराध क्रमांक 883/19
धारा 420 467 468 471 भादवि के तहत सुपुर्द किया गया।
आरोपी हरीश कुशवाह ने पूछताछ पर बताया
कि प्रोपर्टी खरीदने बेचने का काम करता है। विनोद को प्लाट बेचने के बाद कूटरचित
दस्तावेज तैयार कर, उसने उपरोक्त प्लाट लोकेश को बेच दिया था जिसपर
लोकेश द्वारा की गई शिकायत में वह दोषी पाया गया और मुकदमा दर्ज किया गया।
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