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आरोपी पूर्व में भी
लूट, एन.डी.पी.एस. एक्ट के प्रकरणों में हो चुका है गिरफ्तार।
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व्यापारियों से
पुलिस वाला बनकर चेकिंग के नाम पर मांगता था बैग, बैग में रखी नगदी चतुराई से करता था साफ।
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लूट के मामले में
दोशी पाये जाने पर आरोपी वर्ष 1995 में पुलिस विभाग से
आरक्षक पद से किया गया था बर्खास्त।
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इंदौर में ही जिला
बल में सिपाही के पद पर पदस्थ रहा आरोपी।
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04
साल आर्मी में भी नौकरी कर चुका है
आरोपी, आर्मी से भी किया गया था बर्खास्त।
इन्दौर-27
अप्रेल 2019- वरिष्ठ पुलिस
अधीक्षक इन्दौर श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र व्दारा शहर में नकली पुलिस बनकर लूट व
धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों की धरपकड हेतु इन्दौर पुलिस को निर्देशित किया गया था।
उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर श्री अवधेश
गोस्वामी के निर्देशन में क्राईम ब्रांच की समस्त टीम प्रभारियों को इस दिशा में
प्रभावी कार्यवाही करने हेतु समुचित निर्देश दिये गये थे।
इसी अनुक्रम में क्राईम ब्रांच की टीम को
थाना-सेंट्रल कोतवाली, इन्दौर के अपराध क्रमांक-99/19
फरार अज्ञात आरोपियों के संबंध में सूचना ज्ञात
हुई थी कि उपरोक्त घटना को अंजाम देने वाले दो आरोपियों में से 01
आरोपी रेलवे स्टेशन के पास घूम रहा है जोकि कहीं
भागने की फिराक में है। घटना स्थल से प्राप्त तत्कालीन सी.सी.टी.वी. फुटेज के आधार
पर, उक्त अपराध में फरार आरोपी को रेलवे स्टेशन इंदौर
के पास से क्राईम ब्रांच इंदौर तथा सेट्रल कोतवाली की संयुक्त टीम ने घेराबन्दी कर
धरदबोचा जिसने पुलिस टीम को पूछताछ में अपना नाम पुष्पराज सिंह पिता वीरेन्द्र
सिंह बघेल उम्र-58 वर्ष निवासी-ग्राम जनार्दनपुर थाना-रामपुर
तहसील जिला सतना का होना बताया। आरोपी से थाना सेंट्रल कोतवाली में घटित अपराध के
संबंध में पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसने अपने एक अन्य साथी के
साथ दिनांक 10.04.2019 को उसने संजय सेतु पुल के पास एक राहगीर
को रोका था जोकि राजस्थान से इंदौर कपड़ो के व्यापार के संबंध में आया था।
आरोपियों ने उक्त
राहगीर को यह कहते हुये धमकाया कि तुम्हारे पास जो बैग है उसमें हथियार होने की
सूचना मिली है तथा आरोपियों ने स्वयं को क्राईम ब्रांच का पुलिस अधिकारी बताया था
एवं फरियादी युवक के बैग की तलाशी लेने हेतु उसे विवश किया था। फरियादी ने अपना
बैंग आरोपियों को पुलिस अधिकारी समझते हुये चैक करने के लिये दे दिया तो आरेापियों
ने चतुराई से फरियादी के बैग में से नगदी राशि करीबन 01
लाख रूपये सफाई से निकाल ली थी। बाद फरियादी को
बैग लौटा कर आरोपीगण साईकिल से भाग गये थे, जिसके सीसीटीवी
फुटेज पुलिस को प्राप्त हुये थे। उपरोक्त घटनाक्रम के परिपेक्ष्य में अज्ञात
आरोपियों के विरूद्ध थाना सेंट्रल कोतवाली में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था।
फरियादी मूलतः
कलिंजरा, जिला बांसवाड़ा, राजस्थान का रहने
वाला जोकि रेडीमेड कपड़ो का धंधा करने वाला व्यापारी है फरियादी अक्सर व्यापार के
चलते कपड़ो की खरीददारी करने इंदौर आता जाता रहा था जिसको बदमाशों ने अवैध हथियारों
की तस्करी करने का आरोप लगाते हुये स्वयं को पुलिस अधिकारी बताते हुये धमकाया बाद
उसके बैग की तलाशी लेने पर उसमें से नगदी गायब कर दी थी।
आरोपी पुष्पराज बघेल
ने पूछताछ में बताया कि वह वर्ष 1986 में आरक्षक के पद पर
नियुक्त होकर जिला बल इन्दौर में कार्यरत था, किन्तु वर्ष 1995
में थाना- जी.आर.पी. इन्दौर में आरोपी पर लूट के
मामले का प्रकरण पंजीबद्ध हुआ तत्समय उपरोक्त प्रकरण के संदंर्भ में विभागीय जांच
के दौरान आरोपी पुष्पराज बघेल को दोषी पाया गया अतः विभागीय कार्यवाही में आरोपी
पुष्पराज बघेल को आरक्षक के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। बर्खास्त होने के बाद
से आरोपी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हो गया था जिसने बताया कि वह पूर्व में
जिला प्रतापगढ, राजस्थान से अवैध मादक पदार्थों को खरीदकर
इंदौर तथा अन्य जिलों में सप्लाय करता था। प्रारंभिक पूछताछ में ज्ञात हुआ कि
आरोपी मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में 1999 में थाना-पिपलौदा, जिला-रतलाम द्वारा
गिरफ्तार किया गया था जिसमें आरोपी 03 वर्ष से अधिक समय की
सजा भी काट चुका है। आरोपी पर थाना-छोटी ग्वालटोली इंदौर के अलावा जीआरपी थाना
इंदौर में भी लूट के प्रकरण पंजीबद्ध होना ज्ञात हुये हैं। आरोपी बर्खास्त होने के
बाद से लगातार इसी प्रकार की मॉडस आपरेण्डी के आधार पर नकली पुलिस बनकर वारदातें
कर रहा था।
आरोपी पुष्पराज सिंह बघेल से वारदात में शामिल
अन्य साथी के संबंध में पूछताछ की जा रही है, विस्तृत पूछताछ में
अन्य अपराधों के खुलासा होने की भी संभावना है।
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