Saturday, April 20, 2019

· आटो रिक्शा मे सवारियो से चोरी करने वाली उ.प्र की गैंग, पुलिस थाना एमआईजी की गिरफ्त में। · गैंग के सरगना समेत 03 आरोपी गिरफ्तार, आटो मालिक फरार · करीबन 09-10 महिने से कर रहे थे घटनायें, प्रतिदिन करते थे कई वारदात · 40 -50 से अधिक वारदाते कबूली ढेड किलो चाँदी , सोने चाँदी के जेवरात व नगदी की बरामद · गिरोह सरगना ने उतर प्रदेश के अपने दोस्त से सीखा था बारदात करने का तरीका · अधिकतर बुजुर्ग दम्पत्ति को बनाते थे अपना शिकार · भाडे के इंदौरी ड्रायवर ने लगाया कई इंदौरियो को चूना · स्टेशन के बाहर से ढूडते थे बैग लिये हुई सबारियों को · 08-10 बारदात करने के बाद चले जाते थे घर उतर प्रदेश, इस बार माल खपाने से पहले पकडाये




इंदौर - 20 अप्रेल 2019-  थाना एमआईजी व्दारा एक ऐसे गिरोह के सरगना समेत तीन आरोपियो को गिरफ्तार कियागया है । जो भोली भाली सवारियो को आटो मे दूसरे आटो वालो से कम पैसे किराये पर ले जाते थे और उनके बैग, थैले से जेवरात और पैसे चोरी कर लेते थे । जबकि अपने साथियो की पकडने जाने भनक लगने पर आटो मालिक फरार हो गया है । पुलिस द्वारा बडी मात्रा में सोने ,चाँदी के जेवरात आरोपियो से जप्त किये है ।
इस गैंग के द्वारा इंदौर के स्थानी लोगो को ठगने के लिये आटो और ड्रायवर दोनो भाडे पर लिय गये । इसके लिये आटो के 500 रुपये और ड्रायवर को 500 रुपये भुगतान किया जाता था । बदले में इंदौरी ड्रायवर अपनी शहर की भोली भाली सवारियो को शिकार बनाने के लिये तलाश करता था ।

तरीका वारदात
इस गैंग की खासियत यह थी कि आटो मे दो लोग पीछे पहले से एक बडा बैग लेकर बैठे रहते थे ।पुछताछ मे यह बात सामने आयी कि गिरोह के सरगना मेहबूब की दो पत्नियाँ जिनसे कुल 11 बच्चे है । उनके भरण पोषण मे दिक्कत आने से अपने दोस्त नईम नि.उतर प्रदेश से चर्चा किया कि अब मेरे परिवार की गुजर वसर नही हो रही है मेरी आमदनी इतनी नही है कि इतने बडे परिवार को पाल सकूं तो नईम ने कहा कि एक ऐसा काम है जिसको करके तुम बहुच जल्दी ज्यादा पैसा कमा सकते हो और नईम ने मेहबूब को वताया कि वह बिजनोर मे आसपास की सवारियों को आटो मे बिठा कर उनके बैग से जेवरात व नगदी चोरी करके काफी माल कमा चुका है तो मेहबूब भी एक दो बार नईम के साथ आटो मे बैठ कर बैग से चोरी करने का तरीका सीखा और उसके दिमाग मे यह बात जम गयी कि कम समय मे ऐसा करके वह बिना मेहनत के ज्यादा पैसे कमा सकता है । चुकि इंदौर मे सोयबीन के धंधे मे उसे घाटा हो रहा था इसलिये उसने अपने दोस्त शब्वीर व सुफियान के साथ मिलकर बारदाते की बाद मे शब्वीर की ज्यादा हालत खराब होने के कारण आटो चालक अकरम को बारदातो मे सामिल किया ।

 यह लोग अकसर ट्रेन आने के समय सुबह करीब 09.00 बजे आटो लेकर स्टेशन पहुंच कर सवारियाँ ढूडते थे और दिन के 02.- 02.30 बजे के बीच आने वाले सभी ट्रैन की  सवारियो को चुनते थे और इनकी प्राथमिकता भोले भाले दम्पत्तियों को आटो मे बैठाना होता था किन्तु वह बैग लिये हुये वाली सवारी को ही आटो मे बिठाते थे । गिरोह का सरगना मेहबूब पहले से पूर्व सुनियोजित  योजना के तहत आटो मै अपने साथी सुफियान के साथ बैठा रहता था और आटो ड्राइवर अकरम मे स्टेशन से बाहर निकलने वाली सवारियो के ढूंड कर लाता था और उनके व्दारा ऐसा ढोंग रचा जाता था कि आटो मे पहले से सवारी बैठी है ।
यह लोग कम पैसे मे सवारी को गंतव्य तक पहुंचा देगे अकरम आटो रिक्सा चलाता था । मेहबूब व सुफियान सवारी के साथ पीछे बैठ जाते थे और सुफियान व्दारा एक बडा बैग लेकर मेहबूब व सवारी के बीच मे रख देता था । इसी दौरान मेहबूब व्दारा भोली भाली सवारी का चंद मिन्टो मे ही बैग की चैन खोलकर सोना चाँदी व नगदी चुरा लिया जाता था । बारदात घटित करने के बाद आटो रिक्सा खराब होने का नाटक करते थे एंव सवारी को बिना किराया लिये रास्ते मे उतार कर नो दो ग्यारा हो जाते थे ।
पैसे का बटवारा
चूंकि जब वह सवारी को बीच रास्ते मे उतारते थे तो सवारी इसलिये बाद विवाद नही करती थी क्योकि वह लोग सवारी से उतने दूर आने का कोई पैसा नही लेते थे । एक दिन मे करीबन दो तीन बारदात यह लोग करते थे हफ्ते मे किसी किसी दिन इनको सफलता भी नही मिलती थी तो उसके अगले दिन ज्यादा प्रयास करते थे और चुराया हुआ माल मे से पचास प्रतिशत मेहबूब खुद रखता था और बाकी मे से दो हिस्से करता था । मेहबूब हर 8-10 मे अपने गाँव हुसैना बाद जिला बिजनौर मे चोरी मे मिले नगदी रुपये घर दे आता था । बारदात मे सामिल पूर्व साथी शब्वीर फरार है ।
शिकार की रैकी, आटो मे बिठाना औऱ बैग से जेवरात व नगदी चोरी करना -
पूछताछ मे आरोपीगण ने वताया कि आटो ड्राइवर अकरम स्टेशन से बाहर निकलने वाली सवारियो के ढूंड कर लाता था और उनके व्दारा ऐसा ढोंग रचा जाता था कि आटो मे पहले से सवारी बैठी है और यह लोग कम पैसे मे सवारी को गंतव्य तक पहुंचा देगे अकरम आटो रिक्सा चलाता था मेहबूब व सुफियान सवारी के साथ पीछे बैठ जाते थे और सुफियान व्दारा एक बडा बैग लेकर मेहबूब व सवारी के बीच मे रख देता था और इसी दौरान मेहबूब व्दारा भोली भाली सवारी का चंद मिन्टो मे ही बैग की चैन खोलकर सोना चाँदी व नगदी चुरा लिया जाता था बारदात घटित करने के बाद आटो रिक्सा खराब होने का नाटक करते थे एंव सवारी को बिना किराया लिये रास्ते मे उतार कर नो दो ग्यारा हो जाते थे चुकि जब वह सवारी को बीच रास्ते मे उतारते थे तो सवारी इसलिये बाद विवाद नही करती थी क्योकि वह लोग सवारी से उतने दूर आने का कोई पैसा नही लेते थे । एक दिन मे करीबन दो तीन बारदात यह लोग करते थे हफ्ते मे किसी किसी दिन इनको सफलता भी नही मिलती थी तो उसके अगले दिन ज्यादा प्रयास करते थे और चुराया हुआ माल मे से पचास प्रतिशत मेहबूब खुद रखता था और बाकी मे से दो हिस्से करता था । मेहबूब हर 8-10 मे अपने गाँव हुसैना बाद जिला बिजनौर मे चोरी मे मिले नगदी रुपये घर दे आता था ।
अकरम को आटो चलाने के बदले 500 रुपये व चोरी मे हिस्सेदारी मिलती थी
आटो ड्राइवर अकरम स्टेशन से बाहर निकलने वाली सवारियो के ढूंड कर लाता था और उनके व्दारा ऐसा ढोंग रचा जाता था कि आटो मे पहले से सवारी बैठी है और यह लोग कम पैसे मे सवारी को गंतव्य तक पहुंचा देगे अकरम आटो रिक्सा चलाता था ।

गिरोह सरगना ने उतर प्रदेश के अपने दोस्त से सीखा था बारदात करने का तरीका -
गिरोह के सरगना मेहबूब की दो पत्नियाँ जिनसे कुल 11 बच्चे है उनके भरण पोषण मे दिक्कत आने से  अपने दोस्त नईम नि.उतर प्रदेश से चर्चा किया कि अब मेरे परिवार की गुजर वसर नही हो रही है मेरी आमदनी इतनी नही है कि इतने बडे परिवार को पाल सकूं तो नईम ने कहा कि एक ऐसा काम है जिसको करके तुम बहुच जल्दी ज्यादा पैसा कमा सकते हो और नईम ने मेहबूब को वताया कि वह बिजनोर मे आसपास की सवारियों को आटो मे बिठा कर उनके बैग से जेवरात व नगदी चोरी करके काफी माल कमा चुका है तो मेहबूब भी एक दो बार नईम के साथ आटो मे बैठ कर बैग से चोरी करने का तरीका सीखा और उसके दिमाग मे यह बात जम गयी कि कम समय मे ऐसा करके वह बिना मेहनत के ज्यादा पैसे कमा सकता है । चुकि इंदौर मे सोयबीन के धंधे मे उसे घाटा हो रहा था इसलिये उसने अपने दोस्त शब्वीर व सुफियान के साथ मिलकर बारदाते की बाद मे शब्वीर की ज्यादा हालत खराब होने के कारण आटो चालक अकरम को बारदातो मे सामिल किया ।

इंदौरी ड्रायवर ने ठगा अपने ही शहरवासियो को

            ठग गैंग बिजनो उ.प्र की रहने वाली थी और इंदौर की स्थानिय क्षैत्र से परिचित नही थी । इसके अलावा मालवी भाषा की समस्या थी इसके लिये उन्होने इंदौर का ही आटो व इंदौर का ही ड्रायवर को भाडे पर रखा । यही इंदौरी ड्रायवर भोले भाले बुजुर्ग दंपतियो को शिकार के रुप में ढूढता  था । शिकार बनाने की कई तरह की कहानिया सुनाता था ताकि सवारियो को झासे में लेकर इनके माल की हेराफेरी कर सके ।

भूमिका-

गिरोह को पकडने मे उनि प्रदीप गोलिया , आर.सुभाष चन्देल आर. दीपक कुमार  एंव वाहनो की बरामदगी मे आर.नीरज रघुवंशी ,आर राघवेन्द्र , प्र.आर. अनिल पाटिल एंव विवेचना मे उनि नितिन पटेल , सउनि राधेश्याम यादव  के व्दारा थाना प्रभारी इन्द्रेश त्रिपाठी के नेतृत्व मे महत्वपूर्ण भूमिका रही






आरोपियो का विवरण
नाम आरोपी
अपराधिक रिकार्ड
प्रकरण मे भूमिका
शिक्षा
व्यवसाय
महबूब पिता अब्दुल हमीद उम्र 45 साल निवासी ग्राम हुसैनाबाद जिला बिजनौर उ.प्र. हाल मुकाम कोहीनूर कालोनी इन्दौर मो.नं. 7351174446

गिरोह का सरगना
अनपढ
सोयबीन बेचने का व्यवसाय
सुफियान पिता अलीहसन उम्र 35 साल निवासी ग्राम हुसैनाबार उ.प्र. जिला बिजनौद

सवारी बनकर आटो मे बैठता था चोरी मे सहायक
5 वी
गुडगाँव मे आटो रिक्सा चालक
मोहम्मद अकरम पिता नसीर अहमद उम्र 42 साल नि.बम्बई बाजार इंदौर

आटो ड्राइवर बनकर सवारी लाता था
10 वी
आटो रिक्सा चालक
शब्वीर पिता बसीर अहमद उम्र 38 साल नि.आजाद नगर इंदौर
फरार
आटो ड्राइवर

आटो ड्राइवर










No comments:

Post a Comment