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- रेड सेंड बोआ दुर्लभ प्रजाति के सांप की अन्तराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी करता था आरोपी ।
- रेड सेंड बोआ सांप की तस्करी भारत से नेपाल, इंडोनेशिया, ताईवान, मलेशिया, चीन, अरब वअन्य देशों में भी की जाती है ।
- इंदौर के अलावा अन्य जिलो से भी जुडे है तस्कर के तार, पूछताछ में बडे गिरोह का खुलासा होने की संभावना।
इन्दौर-दिनांक
20 फरवरी 2019- शहर में वन्य जीवों एवं प्राणियों की
तस्करी को रोकने तथा इनमें लिप्त आरोपियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करनें के
निर्देश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इन्दौर (शहर) श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र व्दारा दिये
गये है। उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) श्री अवधेश कुमार
गोस्वामी के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच श्री अमरेन्द्र
सिंह व्दारा क्राईम ब्रांच की समस्त टीम प्रभारीयों को इस दिशा में प्रभावी
कार्यवाही करने हेतु समुचित निर्देश दिये गये थे ।
क्राईम ब्रांच की टीम को मुखबिर तंत्र
के माध्यम से वन्य जीव प्राणी की तस्करी के संबंध में सूचना मिली थी कि सुखलिया
क्षेत्र में एक व्यक्ति जो कि गुलाबी रंग की टी-शर्ट पहना हुआहै जिसका नाम गौरव है,
जो
कि कपडे के थैले में सांप लेकर बेचने वाला है। उक्त सूचना पर क्राईम ब्रांच की टीम
ने वन विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को साथ लेकर मुखबिर के बताये स्थान पर उसे घेराबंदी
कर पकड गया। पुलिस टीम द्वारा पूछताछ करनें पर नाम गौरव पिता वेदप्रकाश श्रीवास्तव
निवासी-सुन्दर नगर सुखलिया, इन्दौर स्थाई निवास- 60
लालपुरा, शाजापुर का होना बताया। आरोपी के पास जो कपडे का थैला था, उसका
निरीक्षण करने पर थैले के अन्दर एक दोमुंहा सांप मिला जिसका वैज्ञानिक नाम रेड
सेंड बोआ है।
आरोपी गौरव श्रीवास्तव ने पूछताछ पर
बताया कि इस सांप की तस्करी भारत से नेपाल, इंडोनेशिया,
ताईवान,
मलेशिया,
चीन
और अरब देशों में की जाती है। आरोपी ने यह भी बताया कि इस प्रजाति के सांप से
शारीरिक नशा, ताकत, मिर्गी, कैंसर, यौन
शक्ति व एड्स जैसी खतरनाक बीमारी की दवाईयां बनती है। अरब देशों में रेड सेंड बोआ
प्रजाति के सांप से बने व्यंजनों की कीमत करोडों में होती है। इसके अलावा कुछ लोग
इसे तंत्र/मंत्र से जोडकर देखते है ।
रेड सेंड बोआ प्रजाति के दुर्लभ
दोमुंहा सांप के 2.5 किलो से अधिक वजन होने पर उसकी किमत काफी
बढजाती है पकडे गये रेड सेंड बोआ सांप का वनज लगभग 3 किलो 500
ग्राम व लम्बाई 56 इंज व गोलाई 06 इंच है जिसकी
अंतर्राष्ट्रीय कीमत करोडों रूपयों में है। उक्त आरोपी को पकड कर वन विभाग की टीम
के सुपुर्द किया गया, जिस पर वन विभाग ने वन्य जिव संरक्षण अधिनियम
के अन्तर्गत धारा-3, 9, 39, 41, 50, 51, 52 वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम में
कार्यवाही कर आरोपी गौरव पिता वेदप्रकाश श्रीवास्तव निवासी-सुन्दर नगर सुखलिया,
इन्दौर
को गिरफ्तार किया गया । गौरव के द्वारा पूछतांछ के दौरान इस तस्करी के संबंध में
महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है जिसमें और लोगों के नाम भी सामने आये है, तथा
मालवा के अन्य जिलों में भी वन्य जीव तस्कर सक्रिय हैं।
आरोपी गौरव किन लोगों से वन्य प्राणी
खरीद कर लाता है तथा किन-किन जगहों पर आरोपी ने पूर्व में वन्य प्राणी की तस्करी की
है । इस संबंध में वन विभाग द्वारा रिमांड लेकर पूछताछ की जायेगी जिसमें और लोगों
की गिरफ्तारी संभव है ।
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