Wednesday, December 19, 2018

· लॉटरी खुलने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने के मामले में फरार आरोपी को, क्राइम ब्रांच इंदौर ने छत्तीसगढ़ से किया गिरफ्तार। · आरोपी टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी बनकर करता था फोन और लॉटरी खुलने का झूठा प्रलोभन देकर ठगता था लोगों को। · आरोपी ठगोरी गिरोह को बैंक खाता नंबर कराता था उपलब्ध व ठगी की राशि में से लेता था भारी कमीशन।




इन्दौर-दिनांक 19 दिसम्बर 2018- पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर (शहर) श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा फोन कॉल एवं एस.एम.एस. के द्वारा देश भर में लोगों के साथ ऑनलाईन ठगी व धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम देने वाले आरोपियों की पतारसी कर उनकी धरपकड़ करने हेतु इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया है। उक्त निर्देशो के तारत्मय मे पुलिस अधीक्षक मुखयालय इंदौर श्री मो0 यूसुफ कुरैशी के निर्देशन मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम को इस दिशा मे प्रभावी कार्यवाही करने हेतु समुचित दिशा निर्देश दिये गये।
विभिन्न मोबाईल कम्पनी के कर्मचारी/अधिकारी बनकर आम जनता के लोगों को एसएमएस कर तथा फोन कॉल केजरिये लुभावने ऑफर देकर पैसे अपने अकाउंट में डलवाने वालों की शिकायतें पिछले कॉफी समय से लगातार प्राप्त हो रही थी इसी प्रकार की एक शिकायत फरियादी मुकेश पिता कैलाशचंद्र कोरी निवासी 171 राखीनगर, नंदबाग बाणगंगा इन्दौर द्वारा उप महानिरीक्षक इंदौर के समक्ष जनसुनवाई में उपस्थित होकर की गई थी, जिसकी जांच क्राईम ब्रांच द्वारा की गई थी। तत्समय जांच के दौरान ठगी की वारदातों में उपयोग होने वालें मोबाईल नंबरों तथा बैंक खाते की जानकारी ज्ञात कर उनका विश्लेषण किया गया था जिसमें आरोपियों हुकुम यादव, मोचन साहू, कैकती यादव व अन्य के द्वारा जालसाजी, छलकपट व धोखाधड़ी से ठगी की वारदात किया जाना पाये जाने से उपरोक्त आरोपियों के विरूद्ध थाना क्राईम ब्रांच इंदौर में अपराध क्रमांक 05/17 धारा 406,419,420,120-बी भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था जिसमें गिरोह की पतासाजी कर दो मुखय आरोपियों हुकुम सिंह यादव एवं हरिओम यादव, को क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम ने वर्ष 2017 में ही गिरफतार कर लिया था। प्रकरण में फरार अन्य आरोपियों की क्राईम ब्रांच की टीम द्वारा लम्बे समय से तलाद्गा की जा रही थी, इसी तारतम्य में पुलिसटीम द्वारा कार्यवाही करते हुये पतासाजी हेतु एक टीम को छत्तीसगढ़ रवाना किया गया जिसके संबंध में स्थानीय मुखबिर तंत्र स्थापित कर आरोपी मोचन साहू पिता देवनाथ साहू, उम्र 33 वर्ष निवासी ग्राम टेड़ाढोरा जिला मुंगेली बिलासपुर के बारे में जानकारी एकत्रित कर उस पर निगरानी रखी गई, परिणामस्वरुप क्राईम ब्रांच इंदौर पुलिस को अपराध सदर में फरार चल रहे आरोपी मोचन साहू को जिला मुंगेली (बिलासपुर के पास) छत्तीसगढ़ से पकड़ने में सफलता प्राप्त हुई।
                                               
आरोपी मोचन साहू ने पूछताछ में पुलिस टीम को बताया कि वह एक संगठित गिरोह का सदस्य रहा है, जो कि टेलीकॉम कंपनियों के फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को फोन करके उन्हें लॉटरी खुलने का झूठा प्रलोभन देते थे, बाद लॉटरी में जीती हुई राशि प्राप्त करने हेतु लोगों से टैक्स, प्रोसेसिंग फीस, आदि के नाम पर मोटी रकम स्वंय के खातों में जमा कराकर जालसाली व धोखाधड़ी से आर्थिक ठगी करते थे। आरोपी ने बताया कि लोगों से ठगी गई राशि को गिरोह के सदस्य आपस में बांट लेते थे, आरोपी ने खुलासा किया कि वह गिरोह के सदस्यों को, ठगी की राशि जमा कराने के लिये स्वयं का निजी बचतखाता उपयोग करने हेतु उपलबध कराता था, जिसमें कई लोगों द्वारा इस प्रकार लॉटरी खुलने के नाम पर की गयी धोखाधड़ी के पैसे जमा कराये गये हैं। आरोपी इस प्रकार की ठगी की राशि के लेन देन के लिये खुद के खाते को उपयोग कराने के एवज में कमीशन भी लेता था।
                 आरोपी मोचन साहू कक्षा 7 वीं तक पढ़ा है व मुंगेली में इलेक्ट्रिक मोटर बाइंडिंग का काम करता है। आरोपी आसानी से अधिक पैसा कमाने की लालच में इस प्रकार की आपराधिक गतिविधयों में अपने साथियों के साथ संलिप्त हो गया था। आरोपी मोचन साहू ने बताया कि उसके साथियों (प्रकरण के सहआरोपी हुकुम सिंह यादव एवं हरिओम यादव, जिन्हें क्राइम ब्रांच इंदौर उक्त अपराध में पूर्व मे गिरफतार कर चुकी है) ने घर बैठे पैसे कमाने के बारे में बताया था जिसमें उसे केवल स्वयं के बैंक खाते की जानकारी मुहैया करानी थी। प्रकरण के सहआरोपी हुकुम सिंह यादव एवं हरिओम यादव ठगी की संपूर्ण प्रक्रिया को अंजाम देकर लोगों से ठगी की राशि आरोपी मोचन साहू के खाते में जमा करवाते थे, बाद आरोपी मोचन साहू स्वयं के बैंक खाते से उक्त राशि आहरित कर, आरोपी हुकुम सिंह यादव एवंहरिओम यादव के बताये अनुसार अन्य खातों में जमा कराता था। आरोपी मोचन साहू स्वयं के बैंक खातें को ठगी की राशि जमा कराने के लिये उपयोग करने के एवज में कमीशन के रूप मे हुकुम सिंह यादव एवं हरिओम यादव से ठगी की राशि में से बराबरी का हिस्सा लेता था।
आरोपी मोचन साहू वर्ष 2015 से वर्ष 2018 तक उक्त लोगों के संपर्क मे रहकर ठगी के कारनामों में संलिप्त रहा और हुकुम सिंह यादव एवं हरिओम यादव के पकड़े जाने के बाद से उसका कमीशनखोरी का धंधा बंद हो गया था। आरोपी मोचन साहू ने बताया कि आरोपी हरिओम यादव पिता थानसिहं यादव उम्र 22 साल निवासी ग्राम थोना जिला निवाड़ी एवं हुकुम सिंह यादव पिता मुलायम सिंह यादव निवासी जिला टीकमगढ म.प्र. आदि लोग मिलकर,एक ठगी करने वाले बडे गिरोह का संचालन करते थे। गिरोह के सदस्य टेलीकॉम कंपनी आईडिया, एयरटेल, जिओ, वोडाफोन,आदि टेलीकॉम कंपनी की ओर से लाखों रुपये का लकी ड्रा खुलने का लोगों को फर्जी मैसेज करते हैं उसके बाद जिन लोगों को मैसेज भेजा जाता था उन्हें संबंधित टेलीकाम कंपनी का कर्मचारी बनकर ये लोग फोन करते थे तथा लकी ड्रा में जीती गई राशि को पाने हेतु टैक्स, प्रोसेसिंग फीस, बैंक खाता की लिमिट बढ़ाने जैसे प्रलोभन देकर, हजारों रुपये खातों में जमा करा लेते थे। ये ठगी करने वाले गिरोह, मध्यप्रदेश के कई शहरो इंदौर, नीमच, सागर आदि के अलावा अन्य प्रदेशों जैसे राजस्थान,छत्तीगढ, उत्तरप्रदेश के भी कई शहरों के लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। सायबर हेल्पलाईन के कॉल के माध्यमों से आने वाली शिकायतों का विश्लेषण करने पर यह पाया गया कि इंदौर में ठगी करने वाले गु्रप का संबध मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ के अतिरिक्त झारखण्ड, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, वेस्ट बंगाल से भी है, इन्ही जगहों से ठगी करने के कॉल आते है जिसके उपर क्राईम ब्रांच द्वारा विस्तार से जांच कर कार्यवाही की जा रही है। क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम द्वारा इस प्रकार ऑनलाईन ठगी कर रहे गिरोहों तथा उनके पूरे नेटवर्क की लगतार पतारसी की जा रही है, जिसमें टीम को निकट भविष्य में बढ़ी सफलता मिलने के आसार है।



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