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- · लगभग एक वर्ष से झाबुआ के बी 4 इओज सिनेमा का मैनेजर बन काट रहा था फरारी।
- · चोरल सिमरोल की शराब की दुकान मे किया था आरोपी ने 2 करोङ रुपये की चालानी राशि का घोटाला।
- · आरोपी पर था 20 हजार का ईनाम घोषित।
इन्दौर-दिनांक
04 अक्टूबर 2018- पुलिस उपमहानिरीक्षक इंदौर (शहर) श्री हरिनारायणाचारी मिश्र
द्वारा 41 करोड़ रूपये का आबकारी घोटला कर शासन को राजस्व की हानि पहुंचानें वालें
फरार ईनामी आरोपियोंकी पतारसी कर, फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश
दिये गये है। उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) श्री मो0
यूसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध शाखा श्री अमरेन्द्र
सिहं द्वारा क्राईम ब्रांच की एक टीम का गठन
किया गया। जिसके द्वारा पूर्व में प्रकरण में संलिप्त अधिकतम आरोपियों को गिरफ्तार
किया जा चुका था, आबकारी घोटाले के प्रकरण में शेष फरार
अपराधियों की धरपकड़ हेतु क्राईम ब्रांच की टीम को योजनाबद्ध तरीके से कार्यवाही
करने हेतु समुचित दिशा निर्देश दिये गये।
क्राइम ब्राच की
पुलिस टीम द्वारा थाना रावजी बाजार इंदौर मे पंजीबद्ध अपराध क्रं.172/17 धारा
420,467,468,471,120 बी भादवि मे फरार चल रहे उद्घोषित ईनामी फरारी आरोपियो की
पतारसी के प्रयास किये जा रहे थे। जिनके बारे मे सूचना संकलित कर अध्ययन किया गया
तथा आरोपियो की पतारसी हेतु मुखबिर तंत्र सक्रिय किया गया। इसी क्रम मे मुखबिर
तंत्र के माध्यम से क्राईम ब्रांच की पुलिस टीम को सूचना मिली की आबकारी घोटाले मे
फरार आरोपी जितेन्द्र शिवरामे पिता प्रकाश शिवरामे झाबुआ मे छुपकर फरारी काट रहा
है। सूचना पर कार्यवाही करते हुये क्राईमब्रांच की टीम तत्काल झाबुआ के लिये रवाना
हुई जहां पर आरोपी जितेन्द्र की पतारसी उपरांत आरोपी जितेन्द्र शिवरामे पिता
प्रकाश शिवरामे उम्र 32 साल निवासी सी 81 सुखलिया इंदौर को क्राईम ब्रांच की टीम
ने घेराबंदी कर धर दबोचा व अभिरक्षा मे लेकर इदौर लाया गया।
पुलिस
पुछताछ पर आरोपी जितेन्द्र ने बताया कि वह मूलतः इंदौर का रहने वाला है, वह
बी 4 इओज सिनेमा झाबुआ मे मैनेजर के पद पर काम कर रहा था। उसके पापा प्रिटिंग मशीन
रिपेयरिंग का काम कान्ट्रेक्ट बेस पर करते हैं। उसकी शादी प्रियंका पिता शांताराम
गलफङे नि.रावेल महाराष्ट्र से वर्ष 2008 मे हुई थी व उसके दो बच्चे हैं। उसने
पालीटेक्निक की पढाई सनावद खरगौन से वर्ष 2006 मे पूरी की है और वर्ष 2007 से
प्रायवेट नौकरी कर रहा है। वर्ष 2007 मे मंगल सिटी इंदौर मे मेकडोनाल्ड रेस्टोरेंट
मे काम करता था जहां उसने दो साल तक काम किया इसके बाद उसने मल्टीप्लेक्स सिनेमा मे
काम किया।करीब डेढ दो साल काम करने के बाद वह वर्ष 2010 प्रायवेट एजेंसी मे सेल्स
मेन का काम करने लगा वह वर्ष 2011 मे बेगलोर चला गया जहां वह केफे मे मेनेजर के पद
पर काम करने लगा करीब 8-10 माह काम करने के बाद वह वापस इंदौरआ गया और इंदौर मे हाउस कीपिंग कंपनी सी 21 माल मे
काम करने लगा और इसमे काम करते हुये वर्ष 2012 में, वह भोपाल कंपनी
की तरफ से तीन माह के लिये भोपाल गया जहां मेनेजर के पद पर काम किया और 2012
दिसंबर मे वापस इंदौर आ गया।वर्ष 2013 से वह स्वयं का हाउस कीपिंग का काम शुरु कर
दिया जिसमे वह ठेका लेकर काम करता था।करीब तीन साल तक हाउस कीपिंग का काम करता
रहा।फरवरी 2017 मे, वह तीन माह के लिये शहडोल चला गया जहां पर वह
सिनेमा मेनेजर के पद पर काम किया जहां से वह 7 मई 2017 को वापस इंदौर आया और 9 मई
को झाबुआ चला गया जहां सिनेमा मेनेजर के पद पर काम करने लगा। वह राजू दसवंत को चार
साल पहले से जानता था। उसकी मुलाकात राजू दसवंत से वर्ष 2010 में हुई और उससे उसकी
बातचीत होने लगी और राजू दसवंत के साथ उठना बैठना होने लगा। राजू दसवंत उसे बताता
था कि वह शराब की दुकान मे सेल्समेन का काम करता है। राजू ने वर्ष 2014- 2015 मे उससे
बोला कि मै शराब का टेंडर ले रहा हूं मगर मै नौकरी करता हूं तो मुझे टेंडर नही
मिलेगा तो तुम मुझे शराब का ठेका लेने के लिये अपने पेपर डाक्यूमेंट आई डी वगैरह
दे दो तो जितेन्द्र नेराजू दसवंत को शराब के ठेके के टेंडर के लिये स्वयं के आधार
कार्ड,पेन कार्ड,वोटर आई.डी.कार्ड,फोटो वगैरह दिये
जिससे राजू दसवंत ने ठेके का टेंडर भरा था जो जितेन्द्र के नाम का टेंडर चोरल
सिमरोल मे मिला उसके नाम की शराब की दुकान का लायसेंस मिला जिसे राजू दसवंत चला
रहा था। राजू दसवंत ने उसके नाम का खाता एक्सिस बैंक विजयनगर और एक्सिस बैंक गीता
भवन मे खुलवाया था।जिसमे शराब की लेन देन का पैसा आता जाता था। राजू दसवंत तीन
हजार रुपये मासिक के हिसाब से उसे रुपये देता था।राजू दसवंत ने ही टेंडर का सारा
रुपया उसके नाम से भरा था और टेंडर मिलने के बाद से ही सारा काम राजू दसवंत ही
देखता था।फरारी के चलते आरोपी झाबुआ मे ही रहा जहां पर बी 4 सिनेमा पी जी कालेज
रोड कालेज स्टेडियम के सामने झाबुआ मे काम करने लगा जहां उसे 20000 रू महीना सेलरी
मिलती थी।आरोपी जितेन्द्र ने बताया कि शराब दुकान का मालिकाना हक उसी के नाम पर था
किंतु दुकान के राजस्व व अन्य व्यवसायिक गतिविधियो से संबंधित लेन देन का काम राजू
दसवंत के जिम्मे था जिसने जालसाजी व सांठ गांठ से चोरल सिमरोल दुकान के परिपेक्ष्य
मे फर्जी चालान पेश कर शासन को 02करोड रुपये के राजस्व की हानि पहुंचाई है। शराब
की दुकान को राजू दसवंत गैरकानूनी ढंग से संचालित करता था।
आरोपी जितेन्द्र
शिवरामे के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध होने के उपरांत वह फरार हो गया था जोकि फरारी
के दौरान वह शहडोल,बेंगलोर व झाबुआ आदि शहरो मे रह कर उसने फरारी
काटी। आरोपी जितेन्द्र शिवरामे थाना रावजी बाजार इंदौर के अपराध क्रं. 172/17 धारा
420, 467, 468, 471, 120बी भादवि के
तहत पकडकर सुपुर्द किया गया है। आरोपी का पुलिस रिमांड प्राप्त कर विस्तृत पूछताछ
की जायेगी। प्रकरण के अन्य शेष फरार आरोपियो की तलाश भी क्राईम ब्रांच इंदौर
द्वारा की जा रही है।
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