दिनांक
13.07.2018 को रात्रि में 02.15
बजे बाम्बे अस्पताल से पुलिस थाना एमआईजी पर सूचना प्राप्त हुई थी कि प्रसिद्ध
पत्रकार व नेशनल एडिटर कल्पेश याज्ञनिक, छत
से गिरने से अस्पताल मे भर्ती हुए थे, जिनकी
मृत्यु हो गई है। उक्त सूचना पर तत्काल मर्ग कायम किया जाकर जाँच मे लिया गया।
मामला खयात पत्रकार से जुडा होने व संवेदनशील होने से ए.डी.जी अजय शर्मा महोदय
व्दारा प्रकरण में सूक्ष्मता से जांच हेतु निर्देशित किया गया।
सूचना मिलते ही, घटना
स्थल का निरीक्षण डी.आई.जी इन्दौर श्री हरिनारायणचारी मिश्र, पुलिस
अधीक्षक (पूर्व) श्री अवधेश गोस्वामी, अति
पुलिस अधीक्षक जोन-2 श्री शैलेन्द्र सिह चौहान, नगर
पुलिस अधीक्षक श्री जयंत राठौर सहित एफएसएल प्रभारी बी.एल. मण्डलोई व्दारा किया
गया। घटना स्थल पर पाये साक्ष्यों एंव अन्य तकनीकी आधारो पर मौके पर मिलें सबूतो
के आधार पर पुलिस इस निस्कर्ष पर पहुंची की कल्पेश यागनिक की मृत्यु दुर्घटनावश न
हो कर आत्महत्या है। इस बात के सबूत छत पर लगेएसी की यूनिट पर बने जूतो के निशान
थे जिनका मिलान उनके मोके से मिले पहने हुये जूतो से किया जाने पर सही पाया गया ।
इस सम्बंध मे पुलिस व्दारा वहां कार्यालय परिसर
मे लगे वीडियों कैमरे के फुटेज प्राप्त किये व चौकीदार एंव अन्य सहकर्मियो से
पूछताछ की गयी ताकि मृत्यु के सही कारण का पता लग सके। इसके अलावा शोक संतप्त
परिजनो से तत्काल बातचीत व पूताछ करने का प्रयास किया गया । इसके अलावा मित्रगणो व
घटना की जानकारी रखने वाले लोगो से भी जानकारी ली गयी।
मृतक के छोटे भाई नीरज यागनिक के पुलिस व्दारा
विस्तृत कथन लिये गये आरोपिया सलोनी अपनी बर्खास्तगी दिनांक से पुनः नौकरी की
वापसी व अन्य मांगो के लिये, मृतक कल्पेश यागनिक को लगातार धमकी व
प्रताडना दे रही थी। सलोनी के व्दारा
लगातार सेवा मे रखने के लिए अवांछित मांगे की जाकर उन्हे धमकिया दी गई।
सलोनी व्दारा धमकाया गया कि अगर तुम्हारे व्दारा मुझे पाँच करोड रुपये नही दिये
गये और नौकरी मे वापस नही रखा गया तो तुमको जीने नही दूंगी इसके लिये मृतक को
बलात्कार के प्रकरण मे फंसाने व समाज व रिश्तेदारो मे बदनाम करने व उनकी इज्जत प्रतिष्ठा
को बरबाद करने की धमकी दी गयी।इसके लिये नजदीकी मित्रों व अपने नजदीकी रिश्तेदारो
परिवारजनो को व्हाट्सअप के जरिये निरंतर कांट छाट वाले मैसेज किये गये। जो
जानकारी मे आने पर कल्पेश यागनिक बहुत ही गहरे सदमे व जीवन के संकट मे आ गये थे।
उक्त धमकीयों व पाँच करोड रुपये कीं मांग आदि इन्ही सब कारणों के परिणानमस्वरुप वे
मानसिक रूप से परेशान थे और उन्हे लगातार मानसिक रुप से प्रताडित किया जा रहा था, जिससे
तंग आकर उनके व्दारा अपने कार्यालय की छत से कूदकर आत्म हत्या कर ली ।
प्रकरण में मर्ग जांच आदि के आधार पर अपराध
धारा 386,503,306 भादवि 67,68 ए
आई.टी.एक्ट का पाये जाने से प्रकरण 20.07.18 को
पंजीवद्ध कर विवेचना मे लिया गया। प्रकरण मे आरोपी सलोनी अरोरा कि गिरफ्तारी हेतु
वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में नगर
पुलिस अधीक्षक जयंत राठौर के नेतृत्व मे तत्काल पुलिस टीम को मुम्वई के लिये रवाना
किया गया, पुलिस टीम आरोपिया के घर पहुंची तो, वहं
घर को खाली कर फरार हो गई थी। पुलिस द्वारा आरोपिया की गिरफ्तारी के हरसंभव प्रयास
किये जा रहे थे। आरोपिया की गिरफ्तारी हेतु इनाम भी घोषित किया गया। आरोपिया के
संबंध में जानकारी मिनले पर पुनःआरोपी की गिरफतारी हेतु थाना प्रभारी एमआईजी तहजीब
काजी के नेतृत्व मे महिला उप निरी प्रियंका शर्मा, उनि
नितिन पटेल आर जितेन्द्र व आदित्य व महिला आर जया कि टीम गठित कर रवाना किया
गया। टीम व्दारा मेरठ की गलियों व दिल्ली
कि खाली बस्तियो मे बमुश्किल आरोपिया सलोनी अरोरा के घर व रिश्तेदारो के बारे मे
पता किया गया । जानकारी मिली कि वह किसी रेस्तरां मे रह रही है लेकिन वह वहां भी
नही मिली। टीम व्दारा उसके रिश्तेदारो व मित्रों आदि का घर पता किया गया परंतु
आरोपिया वहा से पूना, मुम्वई निकल जाना पता चला। आरोपिया मुम्वई
मे भीडभाड एंव घनी बस्तियो छिपकर रहने लगी, टीम
उसके पीछे-पीछे पूना व मुम्वई पहुंची। आरोपियां व्दारा राह चलते व्यक्ति से अपनी
माँ को केंसर होने के नाम पर फोन पर बात करना और उसकी सिम 2200 रुपये
मे ली थी और इसी फर्जी सिम लेकर उसका इस्तेमाल करना भी पाया गया। आरोपिया ने अपने
आपको बचाने के पूरे प्रयास किये गये व पुलिस को चकमा दिया गया, परन्तु
पुलिस की नजरों से नही बच पायी। हफ्तो की मेहनत व लगातार परिश्रम और वरिष्ठ
अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी तहजीब काजी की टीम के कठिन प्रयासो व
बनाई योजनासफल रही। पुलिस व्दारा आरोपिया को पकडने के लिय योजनाबद्ध तरीके से जाल
विछाया गया व सादी वर्दी मे भेष बदलकर व मुखविर कि जानकारी के आधार पर आरोपिया
सलोनी अरोरा को 04.08.18 को रेस्ट्रोरेंट के बाहर से गिरफ्तार
किया गया। आरोपिया से पूछताछ एंव अन्य साक्ष्यों के संकलन हेतु आरोपिया को माननीय
न्यायलय मे पेश किया जाकर रिमांड प्राप्त किया जावेगा।
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