Friday, October 27, 2017

आर्मी का मेजर व केप्टन बनकर लोगों से करोड़ो की ठगी करने वाला आरोपी क्राईम ब्रान्च इंदौर की गिरफ्त में,

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  • आरोपी पूर्व मे नायक के पद पर 12 वर्ष तक आर्मी मे पदस्थ रहा, आर्मी के केप्टन का फर्जी नाम से आईडी कार्ड बनाकर, फर्जी सील व लेटर पेड का करता था ठगी करने के लिये उपयोग,
  •  ठगी के लिये आर्मी के पुराने वाहनों को सस्ते दामों मे दिलाने का वादा कर रकम अपने खातो मे जमा कराता था आरोपी, ठगी कर प्राप्त राशि को प्रेमिका व अन्य महिलाओ पर करता था खर्च,
  • आर्मी इंटेलीजेंस को भी थी आरोपी की तलाश,


इन्दौर-दिनांक 27 अक्टूबर 2017-पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा शहर मे नकली फौजी व नकली पुलिस बनकर ठगी करने वालों के खिलाफ अंकुश लगाने हेतु कड़ी नजर रखते हुये प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है। उक्त निर्देशो के पालन मे पुलिस अधीक्षक मुखयालय इंदौर श्री मो.युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (क्राईम ब्रांच) श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच की टीम को इस दिशा मेप्रभावी कार्यवाही करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। क्राईम ब्रांच की टीम ने इस दिशा मे कार्यवाही करते हुये थाना राजेन्द्र नगर इंदौर की सिलिकाँन सिटी मे नकली आर्मी अफसर बनकर लोगो को आर्मी के पुराने वाहन सस्ते दामों पर दिलाने का लालच देकर फर्जी आर्मी केप्टन बनकर ठगी करने वाले आरोपी को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है।
क्राईम ब्राँच की टीम ने इस और प्रभावी कार्यवाही करते हुये मुखबिर की सूचना पर रामबाग क्षेत्र की मल्टी के एक फ्लेट से एक संदेही व्यक्ति को पकडकर पूछताछ की तो उसने अपना नाम विपिन शुक्ला बताया। उससे विस्तृत पूछताछ करने पर उसने अपना नाम मनोज पिता फौजदार यादव उम्र 32 साल निवासी मं.नं. 445 सिलिकांन सिटी राजेन्द्र नगर हाल मुकाम 31/1 दादावाडी रामबाग जगदीद्गा शर्मा के मकान में किरायें से रहना बताया, जबकि मूलरूप से आरोपी का स्थाई निवास उ0प्र0 में है। आरोपी ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह उक्त पते पर पिछले 3 महीने से रह रहा है एवं इससे पहले सिलिकान सिटी में पिछले 4 साल से रह रहा है। आरोपी कक्षा 12 वीं तक पढ़ा लिखा है।
मनोज यादव उर्फ विपिन शुक्ला सन्‌ 1996 में नाद्गिाक में आर्मी 26 ए.ए.डी. सेंटर नाद्गिाक रोडमहाराष्ट्र में पद गनर सिपाही आर्मी न-15766886 एफ मे भर्ती हुआ था। इसकी पहली पोस्टिंग जामनगर गुजरात में हुई थी जहां पर यह चार साल रहा, फिर उसके बाद दूसरी पोस्टिंग श्रीनगर में हुई यहां पर तीन साल रहा। उसके बाद उधमपुर में टाईपिंग क्लास के लिये छः महीने के कोर्स पर आया था। उसके बाद अगली पोस्टिंग फिरोजपुर केंट पंजाब में 2007 मे हुई थी इसके बाद 2009 मे उसने पारिवारिक कारणो से रिजाईन दे दिया था। वर्ष 2009़ मे आर्मी की नौकरी छोडने के बाद, आरोपी मनोज अपने पिताजी के दोस्त अरुण कुमार डोगरे निवासी मडंलेद्गवर जिला खरगोन के साथ ऐटा से मंडलेद्गवर आ गया। मंडलेद्गवर मे मनोज ने ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय चलाया जिसमे कमीद्गान बेस पर माल की ढुलाई कराता था।
             इसके बाद मनोज ने एक वर्ष पश्चात राऊ जिला इन्दौर में आकर ओम महाकाल रोड लाइंस के नाम से ट्रांसपोर्ट का कार्य शुरु किया और सिलीकॉन सिटी इंदौर मे मं.नं. 445 का मकान किराये पर लेकर रहने लगा। वर्ष 2015 मे मनोज ने एक प्लाट नं-वी 124 सिलीकॉन सिटी मे खरीदा था जिसकी कीमत 21 लाख रुपये थी, जो मनोज ने महेन्द्र श्रीकोटे उर्फ राज एवं कन्हैयालाल साहू प्रॉपर्टी पार्टनरसे खरीदा था। जिसकी कुछ राशि डी.एच.एफ.एल बैंक से करीब 10 लाख रुपये का लोन करवाया था व शेष रकम थोडी थोडी करके नगद मे देना थी।  ट्रासंपोर्ट का व्यवसाय ठीक नही चलने के कारण मनोज प्लाट की शेष रकम समय पर नही चुका पा रहा था इस कारण मनोज ने गूगल सर्च कर आर्मी का परिचय पत्र निकालकर उस पर अपना फर्जी नाम विपिन शुक्ला डालकर एव अपना फोटो लगाकर बना लिया था और लोंगो को आर्मी की पुरानी गाडी नीलामी मे कम भाव पर दिलाने का भरोसा देकर कई लोगो के साथ ठगी करने लगा। इस हेतु उसे आर्मी के लेटर पेड की आवश्यकता होने के कारण मनोज ने स्टाम्प व विजिटिंग कॉर्ड बनाने की दुकान पर अपना फर्जी परिचय प़़त्र आर्मी केप्टन का बताकर एवं उसकी एक फोटो कॉपी देकर एक सिल गोलनुमा जिस पर cod bord vehicle work shop Jabalpur एवं जिसमे बीच मे दिनांक लिखा हुआ था बनवाई एवं एक मोहर केप्टन के नाम से वनवाई जिसमे COL A-K- BIjLANIA vehicle work shop Jabalpur लिखा हैं, और उसका प्रयोग लोगों को आर्मी का फर्जी लेटर तैयार कर और उस पर उक्त फर्जी सीलों का इस्तेमाल कर धोखाधडी कर ठगी करने लगा।

आरोपी मनोज ने पहले 7 लाख रुपयेराजकुमार कुद्गावाह सिलीकॉन सिटी से बुलेट एवं थार जीप दिलाने हेतु आर.टी.जी.एस. के माध्यम से अपने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट मै ट्रांसफर करवाये थे, इसी प्रकार मनोज द्वारा राजश्री कोटे से 3 लाख 20 हजार नगद, ललीत पॉल निवासी गौपुर चौराहा से 2 लाख 20 हजार नगद, संजय पाटीदार निवासी भोलाराम उस्ताद मार्ग से 2 लाख 24 हजार नगद, जगदीद्गा चौहान निवासी राजेन्द्र नगर से 45 हजार नगद, प्रेमपाल शर्मा निवासी नगर निगम जिसकी फोटो कापी की दुकान है से 50 हजार रुपये अपने बैंक ऑफ वडौदा राऊ की शाखा मे एनईएफटी से ट्रांसफर किये थे। मनोज द्वारा राजेन्द्र नगर स्थित अल्टीनेट इंटरप्राईजेस फोटो कापी दुकान के मालिक उम्मीद नागदा वाला पिता देवकर्ण नागदा वाला को आर्मी स्टेद्गान हेडक्वार्टर महू मे डाटा इंट्री का कार्य दिलाने हेतु उम्मीद से 20 हजार रुपये सिक्यूरेटी के नाम से नगद लिये थे एवं उसे एक 100 रुपये के स्टाम्प पर लिखा पढी कर फर्जी केप्टन की मोहर लगाकर उम्मीद नागदा वाले को दिया था। आरोपी मनोज द्वारा अपना फर्जी नाम विपिन शुक्ला बताकर इस वर्ष 2017 माह सितम्बर मे महू स्थित नावेल्टी आर्मी स्टोर के मालिक नवीन गोयल को फर्जी आईडेंण्टी कार्ड आर्मीकेप्टन का बताकर आर्मी केप्टन एवं मेजर की ड्रेस सिलवाई थी और उसे बताया था कि किसी को अगर आर्मी की पुरानी गाडी नीलामी की चाहिये तो मुझे बताना इसके बाद नवीन गोयल ने अपने मित्र चंदद्गोखर और गौरव गोयल का परिचय विपिन शुक्ला से करवाया इसके बाद चन्द्र शेखर व गौरव गोयल को आर्मी की पुरानी गाडी बुलेट व थार जीप दिलाने के नाम पर चंद्रद्गोखर से 3 लाख 26 हजार 9 सौ एवं गौरव गोयल से 4 लाख 43 हजार 8 सौ रुपये मनोज ने खुद के बैंक ऑफ बडौदा शाखा राऊ मे चेक जमा करके उक्त रकम निकाल ली थी। आरोपी मनोज उर्फ विपिन शुक्ला द्वारा वर्ष 2014 मे आद्गाीष वर्मा निवासी विजय नगर को आर्मी की पुरानी गाडी नीलामी की दिलाने के नाम से 4 लाख 50 हजार रुपये नगद प्राप्त कर धोखाधडी की है, मनोज उर्फ विपिन शुक्ला द्वारा इस प्रकार कई लोगो को आर्मी का केप्टन एव मेजर की ड्रेस पहनकर उसका रौब जमाते हुये कई लोगो के साथ धोखाधडी कर करोड़ो की ठगी की है। आरोपी ठगी से प्राप्त रकम अपनी प्रेमिका के साथ एवं अन्य महिलाओं के साथ अय्याशी करने मे खर्च करता था। आरोपी द्वारा अपनी प्रेमिका को विपिन शुक्ला के नाम की आर्मी का फर्जी कार्ड लगाकर फ्रिजव अन्य इलेक्ट्रोनिक सामान फाईनेंस कराकर उपहार मे दिये है। आरोपी से शहर मे हुई नकली फौजी व नकली पुलिस बनकर ठगी करने वाली घटनाओं के संबंध मे विस्तृत पूछताछ की जा रही है।






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