Thursday, August 17, 2017

माईक्रोसॉफ्ट का नकली सॉफ्टवेयर बेचने वाले दो आरोपी क्राईम ब्रांच की गिरफ्त में


इन्दौर-दिनांक 17 अगस्त 2017- अपराध नियत्रंण हेतु, धोखाधडी करनें वाले अपराधियों की धरपकड़ कर कार्यवाही करनें के निर्देश पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणचारी मिश्र द्वारा दियें गयें। उक्त निर्देश पर पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री मो.युसुफ कुरेशी के मार्गदर्शन में अति. पुलिस अधीक्षक अपराध शाखा श्री अमरेन्द्र सिह द्वारा क्राइम ब्रांच की पुलिस टीम कों इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही करनें हेतु समुचित दिशा-निर्देश दियें।
     पुलिस जनसुनवाई में श्रीमान उपपुलिस महानिरीक्षक इंदौर शहर कों आवेदक दिलीप पिता खेमचंद आसेरी नि. कागदीपुरा इंदौर के द्वारा धोखाधडी की शिकायत आवेदन पत्र के माध्यम से की गई। जिसकी पतासरी कर थाना अपराध शाखा इंदौर द्वारा आरोपी गगनजीत सिंह खुराना, इंद्रपाल सिंह खुराना के विरूद्ध दिनांक 2 नबम्बर 2016 को धोखाधडी का अपराध कायम किया गया था। दोनों आरोपी अपराध कायम होने के बाद से ही अपने निवास स्थान से फरार चल रहे थे। धोखाधडी के दोनो फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिये पुलिस अधीक्षक मुखयालय इंदौर द्वारा दोनों आरोपियों पर 10-10 हजार रू. का नगद इनाम घोषित किया गया। पुलिस टीम द्वारा गगनजीत सिंह खुराना पिता स्व. दिलीप सिंह खुराना नि. 107 वैद्गााली नगर अन्नपूर्णा को आसूचना संकलन कर पकडा गया। पुलिस टीम द्वारा उक्त आरोपी से प्राप्त जानकारी पर आरोपी के भाई इंद्रपाल सिंह खुराना पिता स्व. दिलीप सिंह खुराना को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस टीम द्वारा आरोपियों से पूछताछ करनें पर बताया कि उनके पिता स्व. दिलीप सिंह सर्वे ऑफ इंडिया में नौकरी करते थे। जो सन्‌ 1998 मेंनौकरी से रिटायर हो गये थे। दोनो आरोपी सन्‌ 2012 तक एलआईजी के मकान नं. 146 में रहते थे। दोनों ने मिलकर सन्‌ 2007 में ओवरसीज इंटरनेद्गानल के नाम से कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर सेल एवं परचेस का बिजनेस शुरू किया था। जिसके लिये उन दोनों ने कई लोगों से उधार भी ले रखा था। दोनों आरोपी कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर दिल्ली के नेहरू पेलेस से खरीद कर इंदौर में बेचते थे। आरोपियों की सिल्वर मॉल इंदौर की दुकान के पास ही आवेदक दिलीप आसेरी की भी कंप्यूटर की दुकान थी। दिलीप ने आरोपियों को माईक्रोसोफ्ट विंडोज़ 7 के पांच, माईक्रोसोफ्ट विंडोज़ 8.1 के 20 सॉफ्टवेयर को खरिदने का आर्डर दिया था। उक्त सॉफ्टवेयर आरोपियों ने दिलीप को दिल्ली से लाकर दिये। लेकिन दिलीप द्वारा चलाकर देखने पर पता चला कि सॉफ्टवेयर नकली है।
          आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह जो सॉफ्टवेयर नेहरू पैलेस दिल्ली से खरीदते थे। वह सॉफ्टवेयर पायरेटेड एवं नकली होते थे, एवं उनकी की चायना से रिफ्रेब्रिद्गा करके भेजी जाती थी। आरोपियों ने बताया कि जैसे ही उन्हें उनके खिलाफ हुई एफआईआर की सूचना प्राप्त हुईउन दोनों ने अपना ठिकाना बदल दिया। गगनजीत वैशाली नगर अन्पपूर्णा में रहने लगा ओर वहीं से अपना धन्धा दुकानों पर जाकर मांग के हिसाब से आपूर्ति कर संचालन करने लगा। इसके अलावा गगनजीत शेयर ट्रेडिंग का काम भी करने लगा। दोनों आरोपियों ने कई लोगों से कॉफी सारा उधार ले रखा था। जिसके चलते दोनों आरोपियों के बीच झगड़ा हो गया। और इंदरपाल ने इंदौर में कुछ दिन रेस्टोरेंट का काम किया। और उसके बाद उधारियों के चलते अपना धंधा बंद करके दिल्ली में छिपकर रहने लगा। और दिल्ली में ही शकरपुर इलाके में उसने अपनी रेस्टोरेंट खोल ली। इस प्रकार दोनों आरोपियों द्वारा इंदौर ,सागर, भोपाल, सतना, बीना, होशगाबाद के कई लोगों को नकली सॉफ्टवेयर बेचकर उनके साथ धोखाधडी की।

पुलिस टीम द्वारा आरोपियों से अन्य वारदातों के सम्बन्ध में पूछताछ की जा रही हैं। आरोपियों से प्राप्त जानकारी से नकली सोफ्टवेयर सिंडीकेट का खुलासा होने की संभावना है।


No comments:

Post a Comment