Monday, May 8, 2017

पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी पहनकर ठगी करने वाला क्राईम ब्रांच की गिरफ्त में


इन्दौर-दिनांक 08 मई 2017- पुलिस उप महानिरीक्षक श्री हरिनारायणाचारी मिश्र इन्दौर शहर इन्दौर द्वारा नकली पुलिस बनकर ठगी करने वालो पर कार्यवाही करने हेतु पुलिस अधीक्षक मुखयालय इन्दौर श्री मो.युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रॉच श्री अमरेन्द्र सिह को इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिये गये।
उक्त निर्देश के तारतम्य में क्राईम ब्रांच द्वारा कार्यवाही करने के लिये थाना प्रभारी के नेतृत्व में टीम का गठन कर, इंदौर शहर में नकली पुलिस बनकर ठगी करने वालो की गतिविधियों के बारे मे सूचनायें प्राप्त कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। इस दौरान मुखबिर तंत्र के माध्यम से प्राप्त सूचना के आधार पर पुलिस थाना अपराध शाखा एवं थाना लसूडिया की सयुक्त टीम द्वारा कार्यवाही कर एक संदिग्ध बलराम श्रीवास्तव पिता श्यामाचरण श्रीवास्तव उम्र 59 साल निवासी नई बस्ती ललितपुर जिला ललितपुर उ.प्र हाल- सागर ऑफिस के पास मकान नं. एम.आई.जी. 29 बीडीए वसुंधरा कालोनी टीला जमालपुरा श्री हीरालाल यादव का मकान भोपाल को पकडा गया।
                 जिसने क्राईम ब्रांच द्वाराविस्तृत पूछताछ करने पर बताया कि वह ड्रायवरी का काम करता है और म.प्र.टेक्सी कैब कंपनी ई 8/72 बसंतकुंज 12 नं.बस स्टॉप भोपाल की गाडी चलाता है। आरोपी ने रविन्द्र कालेज भोपाल से बी.ए.फायनल की पढाई 1982 में की थी, इस बीच 1984-1986 में उपनिरीक्षक की परीक्षा दी जिसमे उसका सिलेक्शन नही हो पाया। आरोपी को पुलिस बनने का बहुत शौक था इसलिये उसने पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी बनवाकर रख ली और कभी-कभी पहन कर घूमता और खुद को पुलिस वाला बताता रहता था। इस बीच में 1981 से रोड वेज का काम भोपाल में करने लगा। 1981 से 2006 तक रोडवेज का काम एम.पी.आर.टी.सी. में किया। इसके बाद उसने वी.आर.एस. ले लिया और प्रायवेट गाडी चलाने का काम करने लगा था एंव उसके पास जो इंडिका विस्टा गाडी थी उसको बुकिंग में चलने लगा तथा 2015 में अपने परिवार के साथ इंदौर में आ गया जहां 78 कालोनी पानी की टंकी के पास विजयनगर मे रहकर, गाडी चलाने का काम करने लगा। इंदौर मे उसका लडका शुभम प्रेस्टीज कॉलेज विजय नगर मे बीसीए की पढाई कर रहा है, जिस कारण वह इंदौर में रहने लगा। यहां पर रामसखी पटेरिया की फूल की दुकान वाली, जिसे वह अपनी  बहन मानताथा जो ललितपुर उ.प्र. की है। फूल की दुकान पर ही हेमंत जोशी के दुकान के पास रहने वाली मंगला दीदी ने हेमंत जोशी से मिलवाया था जो हेमंत जोशी की दुकान पर आती थी। जहां पर वह दिनेश जोशी से मिला और उसने हेमंत जोशी व दिनेश जोशी से अपने आप को पुलिस अधिकारी होना बताया था और दोनो से रेल्वे जी.आर.पी. में कम्प्युटर सहायक की नौकरी दिलवाने हेतु दो लाख रूपये की मांग की थी जिसपर दिनेश द्वारा एक लाख तीस हजार रूपये दिये गये एंव इसी प्रकार आरोपी द्वारा मंगला दुबे पति रमेश दुबे 50 साल स्कीम नं.114 इंदौर से उसकी बेटी रक्षा को रेल्वे में कम्प्युटर ऑपरेटर के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर दो लाख रूपये की मांग की और उनसे 80,000 रूपये ले लिये और इसी प्रकार रामसखी पटेरिया पति ओमप्रकाश 58 साल निवासी 128 सेक्टर सी स्कीम नं. 78 विजय नगर से उज्जैन सिंहस्थ में पानी की एजेंसी खुलवाने के नाम पर 50,000 रूपये ले लिये और इसी तरह विजय बंजारे पिता दशरथ बनजारे 33 साल नि. न्यु गौरी नगर 1147 को पुलिस अधिकारी बताकर नौकरी लगवाने के नाम पर तीन लाख तीस हजार रूपये ले लिये और भाग गया। पुलिस टीम द्वारा नकली पुलिस अधिकारीबन लोगों को ठगने वाले उक्त ठग को गिरफ्तार गया है, जिसके पास से पुलिस की वर्दी, एक पिस्टल, पुलिस इंस्पेक्टर का आईडी कार्ड, एंव लाल जूते जप्त किये गये है।
शहर एवं शहर के आसपास चल रहे अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिये उपरोक्त आरोपी से पूछताछ कर, उसके साथ शामिल अन्य लोगों के संबंध में जानकारी ली जा रही है, जिनके विरू़द्ध भी सखत कार्यवाही की जायेगी।




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