Saturday, March 18, 2017

वीरेश्वर हनुमान मंदिर कंडिलपुरा के प्रांगण में मिले विस्फोटक सामग्री की साजिश का पर्दाफाश, एक आरोपी गिरफ्तार व घटना में प्रयुक्त स्कोर्पियो जप्त


इन्दौर-दिनांक 18 मार्च 2017-पुलिस थाना मल्हारगंज क्षेत्रान्तर्गत वीरेश्वर हनुमान मंदिर कंडिलपुरा के मुखय पुजारी रामदास महाराज थे जिनका दो साल पहले स्वर्गदास हो गया था। उक्त मंदिर में जनक सिंह कुशवाहा पिता श्री सुखीराम सिंह कुशवाह निवासी 62, चौथी पल्टन इंदौर का भी पिछले दस वषोर्ं से सेवादारी का काम करता था और चाहता था कि रामदास महाराज की मृत्यु के पश्चात्‌ भी वही सेवादारी का काम करता रहे, परंतु साधु समाज ने देवकीनंदन महाराज को मुखय पुजारी एवं सेवादार बना दिया। उसके पश्चात्‌ देवकीनंदन महाराज ने कार्यभार संभाल लिया परंतु जनक ने व्यावहारिक रुप से देवकीनंदन महाराज को कोई प्रभार नही दिया और उनके प्रत्येक कार्य में हस्तक्षेप करने लगा। सेवादारी के अलावा जनक का स्क्रैप का भी व्यवसाय था जिसके माध्यम से उसने मंदिर के पास एक गोडाउन का निर्माण भी करवा लिया। जनक के इन क्रियाकलापों का विरोध देवकीनंदन महाराज व उनके अनुयायियों ने भी किया और दो माह पूर्व जनक को मंदिर की गतिविधियोंसे एकदम अलग-थलग कर दिया एवं जनक को मंदिर में प्रवेश से भी पूर्णतः वर्जित कर दिया। उसके बाद जनक और मंदिर में आने जाने वाला एक अन्य व्यक्ति राधेश्याम पाटीदार दोनों  इलाहाबाद चले गये औऱ देवकीनंदन महाराज को फंसाने का षडयंत्र रचने लगे औऱ प्लानिंग करते समय उन्होने सोचा कि देवकीनंदन महाराज जेल चले जायेंगे और उन्हे 24 तोला सोना व पांच लाख रुपये भी वापस नही करने पडेंगे एवं वे लोग पुनः मंदिर की प्रशासन व्यवस्था पर अपना प्रभुत्व जमा लेंगे। इसी षडयंत्र के तारतम्य में मुखय षडयंत्रकारी राधेश्याम औऱ जनक दोनों स्कार्पिंयों से रतलाम गये और वहां से डेटोनेटर व अन्य विस्फोटक सामग्री लेकर इंदौर आये और उन्होने एक चाबी वाले की मदद से मंदिर के ताले की एक डुप्लीकेट चाबी बनवायी और राधेश्याम ने मौका पर मंदिर में जाकर टान के ऊपर उक्त विस्फोटक सामग्री एक झोले में रख दी। उसके बाद जनक को शंका हुई कि राधेश्याम ने उक्त विस्फोटक सामग्री मंदिर में छिपायी या नही तो जनक ने मंदिर में पुनः जाकर चेक किया तो उक्त सामग्री झोले में टान के ऊपर रखी हुई थी। फिर जैसे ही देवकीनंदन महाराज मंदिर में आये तो जनक व राधेश्याम ने फर्जी सिम से क्राईम ब्रांचवालों को सूचना दी। उक्त सूचना के आधार पर मंदिर से विस्फोटक सामग्री थाना लायी गयी और थानामल्हारगंज पर अपराध क्रमांक 111/2017  विस्फोटक अधिनियम 1884 की धारा 5/ 9 (बी) का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
            चूंकि घटना दिनांक को बजरबट्टू सम्मेलन का भी आयोजन था जिसमें काफी भारी मात्रा में श्रोताओं की भीड इकट्ठा होती है एवं उसके अगले दिन रंगपंचमी का त्योहार भी था जो कि क्षेत्र में काफी धूम धाम और हर्षोउल्लास से मनाया जाता है ऐसे में प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा तत्काल आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिये गये। उक्त निर्देश के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्री मनीष अग्रवाल, अति. पुलिस अधीक्षक पश्चिम क्षेत्र, झोन-2, श्री रुपेश द्विवेदी व नगर पुलिस अधीक्षक मल्हारगंज श्रीमती वंदना चौहान द्वारा थाना प्रभारी श्री पवन सिंघल के नेतृत्व में टीम गठित कर आरोपियों की पतारसी हेतु लगाया गया। पुलिस टीम द्वारा वीरेश्वर मंदिर के मुखय पुजारी श्री देवकीनंदन एवं अन्य सेवादारों व अनुयायियों से भी पूछताछ गयी तो उन्होने जनक सिंह को ही मुखय संदिग्ध होना बताया । तत्पश्चात्‌संदिग्ध जनक सिंह को उक्त टीम द्वारा हिरासत में लिया जाकर सखती से पूछताछ की गयी तो उसने संपूर्ण घटनाक्रम विस्तार से बता दिया। उक्त प्रकरण में एक अन्य आरोपी राधेश्याम जो मुखय षडयंत्रकारी होकर रतलाम का रहने वाला है एवं वहां पर भी धारा 420 भादवि. के प्रकरण में फरार है, की गिरफ्तारी हेतु एक टीम पृथक से तैयार कर रतलाम व अन्य स्थानों पर भेजी गयी है। पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जिससे पूछताछ की जा र ही है।

उक्त संवेदनशील प्रकरण का 24 घंटों के भीतर ही इस साजिश का पर्दाफाश कर आरोपी आरोपी को पकड़ने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी मल्हारगंज थाना प्रभारी श्री पवन सिंघल व उनकी टीम के उनि. बलजीत सिंह, सउनि.हरिद्वार गुजरभोज, आर. 755 धीरेंद्र, आर. 3336 अर्जुन, आर. 892 भावेश तथा आर. 743 शैलेंद्र का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा। उक्त टीम द्वारा किये गये त्वरित व सराहनीय कार्य हेतु, पारितोषिक प्रदान किये जाने की घोषणा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गयी है।



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