इन्दौर-दिनांक 14 अगस्त 2014-पुलिस अधीक्षक पश्चिम इंदौर श्री आबिद खान ने बताया कि
दिनांक 11.08.14 को राजेन्द्र नगर थाना क्षेत्र में हुए अंधे कत्ल का पुलिस ने पर्दाफाश कर, आरोपियों को पकड़कर महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।
फरियादी कैलाश पिता मांगीलाल भीलाला ने दिनांक 11.08.14 को थाना राजेन्द्र नगर आकर रिपोर्ट की थी कि उसके पिता मांगीलाल घर के अन्दर मृत अवस्था में खटिया के नीचे पडे हुये है व उनके सिर पर चोंट का निशान है एवं खून भी निकल रहा है। फरियादी आईडिये मल्टी अहीरखेडी में आई-59 मे रहता है एवं उसके पिता व माँ आई-23 मे रहते है। माँ राखी करने गांव गई हुई है। आज सुबह जब पिताजी हमेशा की तरह घर पर नही आये तब मै काम से आने के बाद अपनी पत्नी से पूछने के प्श्चात अपने पिता के घर गया तो देखा दरवाजे का बाहर से कुन्दी लगी हुई है। जब मैने कुन्दी खोलकर अन्दर देखा तो मेरे पिता खटिया से नीचे मृत पडे थे खून निकल रहा था। उपरोक्त सूचना पर थाने पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ अप.क्र. 738/14 धारा 302,450 भा.द.वि. का दर्ज किया गया। पुलिस जबघटना स्थल पर पहुँची तब देखा की मृतक मांगीलाल का खाने का टिफिन भरा हुआ था उसने खाना नही खाया था। शराब का एक खाली क्वार्टर एवं एक गिलास मौके पर मिला एवं एक लकडी जिस पर खून लगा हुआ था एवं बीड़ी के पाँच ठूठ एवं माचिस की तिलियां मिली, साथ ही एक फावडा जिसका हत्था टूटा हुआ था मिला।
घटना स्थल का निरीक्षण करने पर लगा कि हत्यारा मृतक मांगीलाल जान पहचान वाला व्यक्ति है। विवेचना के दौरान पुलिस अधीक्षक महोदय पश्चिम, के निर्देशन मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पश्चिम जोन-2 श्री विनय प्रकाश पॉल एवं नगर पुलिस अधीक्षक अन्नपूर्णा श्री आर.एस. घुरैया के मार्गदर्शन में अलग-अलग टीमे बनाई गयी, जिनको सब्जी मण्डी एवं मल्टी व शराब दुकान के आसपास पता करने के लिये लगाया गया। विवेचना के दौरान पता चला कि मृतक की पत्नी राखी वाले दिन सुबह जब अपने गांव जा रही थी तब मृतक भी साथ जा रहा था तब उसे मदन पिता अमरसिंह भील जो आईडिये मल्टी मे आई-73 में मृतक के घर के उपर रहता है ने रोका था कि तू राखी बांधने क्यो जा रहा है यही रूक जा। इस पर मृतक अपने पत्नी के साथ नही गया। बहू व लडके ने पुछताछ के दौरान बताया कि हमने पिता सेरात्रि मे जब वह टिफिन लेकर जा रहे थे तब बोला था कि यही खाना खा लो तब उन्होने दरियाव का नाम लेकर कहा था कि वह शराब लेकर आ रहा है। मै घर पर ही पीयूगां फिर खाना खाउंगा। मौके पर मिली बीडीयों के संबंध में पता करने पर ज्ञात हुआ की मृतक टेलीफोन बीडी पीता था। बीडी के संबंध मे आसपास दुकानों पर पुछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि मल्टी मे बनी रमेश की दुकान से मृतक ने टेलीफोन बीड़ी 5 रूपये की ली थी। मौके पर माचिस की तिलिया भी 12-13 मिली जिससे लगा कि 5 रूपये की 8 बीड़ी आती है और तिलियां ज्यादा मिली है। तब लगा कि मृतक के साथ एक से ज्यादा लोग थे जिन्होने बीड़ी पी थी।
मृतक चौईथराम सब्जी मण्डी में पड़ी हुई सब्जी बिनकर बेचता था, वहां से पता करने पर ज्ञात हुआ कि मृतक का दो-तीन दिन पहले उसके साथी लीमजी भीलाला से झगडा भी हुआ था एवं मृतक मांगीलाल पूर्व मे प्रकाश नगर मे रहता था जहां से विस्थापित होकर मृतक आईडिये मल्टी अहीरखेडी मे रहने आया था। प्रकाश नगर मे भी मृतक के साथियों के संबंध में पता करने पर ज्ञात हुआ कि लीमजी, दरियाव सिंह, मदन तीनो प्रकाश नगर से ही मल्टी में रहने आये है। उक्त जानकारी के आधारपर 1. दरियावसिंह पिता अमरसिंह भील (35) नि.-दिग्विजय नगर मल्टी अहीरखेडी 2. लीमजी पिता रतन भील (35) नि.-ग्राम हिम्मतगढ थाना कोतवाली जिला धार हाल-दिग्विजय नगर मल्टी अहीरखेडी इन्दौर 3. मन्दन उर्फ मदन पिता अमरसिंह भील (55) नि.-ग्राम खन्दन थाना तिरला जिला धार हाल-दिग्विजय नगर मल्टी अहीरखेडी इन्दौर तीनों को हिरासत मे लेकर पुछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि लीमजी घटना दिनांक को 4 क्वार्टर लेकर आया था और रात में चारों ने मृतक मांगीलाल के घर पर बैठकर शराब पी थी। शराब पीने के दौरान मृतक मांगीलाल ने अपनी जलाऊ लकड़ी दरियाव को दी थी जो दरियाव ने फाडकर बेची थी उसके बदले मांगीलाल ने बोला कि मेरी लकडी जो तूने बेची थी, उसके बदले दारू कब पिलायेगा तो दरियाव ने बोला कि यह पिला तो रहा हूं, तब मृतक बोला कि यह दारू तो लीमजी लाया है। इसी बात पर गाली गलोच होकर झगडा होने लगा तब दरियाव ने पास ही रखा फावडा मृतक के सिर पर मार दिया जिससे मृतक नीचे गिर गया। इस दौरान फावडे का हत्था टूट गया, तो पास मे पडी जलाऊ लकडी से लीमजी ने भी मृतक को मारा। चूकिं मन्दन पास मे बैठा था जिसे इन लोगो ने बोला कि तू भी मार नही तो हम दोनो फंसेगे। तबमदन ने भी घर पर पडी दराती से मृतक को मारा तो मृतक का बांया कान कट गया। घटना के दौरान आरोपी के साथ मारपीट करने में मृतक के शर्ट के बटन भी टूट गये थे जो घटना स्थल पर ही पडे थे। आरोपियों ने देखा कि पुलिस जब आयेगी तो घटना स्थल पर चार क्वार्टर पड़े मिलेगे और गिलास भी चार दिखेगे। तब पुलिस शंका कर तलाश करेगी इससे बचने के लिये इन्होने घटना स्थल से गिलास और क्वार्टर हटा दिये, लेकिन बीडी के ठूठ और माचिस की जली हुई तिलियां नही हटायी, इसी से पुलिस को घटना का सुराग लगा और एक अंधे कत्ल का पर्दाफाश हुआ।
इस कार्यवाही में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में थाना प्रभारी राजेन्द्र नगर कमलेश शर्मा, सउनि.बलरामसिंह तोमर, आर. निलेश सुरालकर, आर. विक्रम गुरू व आर,रीतेश जाट की सराहनीय एवं महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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